शहर में ईयरफोन लगाकर वाहन चलाने का बढ़ा चलन तीन प्रतिशत हादसों के बनते हैं कारण लंका गोदौलिया अर्दली बाजार सारनाथ कैंट घाट एरिया कचहरी और सिगरा आदि में आते हैं नजर

वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में इस समय कानों में ईयरफोन लगाकर वाहन चलाने का चलन तेजी से बढ़ा है। इसका नतीजा ये हो रहा है शहर में तेजी से हादसे बढ़ रहे हैं। आंकड़ों की बात करें तो अभी ये काफी कम नजर आता है, लेकिन हकीकत यही है कि अधिकतर हादसों के कारण ये बाइक सवार ही होते हैं। कानों में ईयरफोन लगाकर गाने सुनते हुए ड्राइविंग करने वाले ये चालक हार्न की आवाज सुन नहीं पाते और हादसों को आमंत्रण देते हैं। शहर के लंका, गोदौलिया, अर्दली बाजार, सारनाथ, कैंट, घाट एरिया, कचहरी और सिगरा आदि इलाकों में ऐसे बाइक सवार अक्सर नजर आते हैं। नियमों के अनुसार रोड पर वाहन चलाने के दौरान साउंड गैजेट्स लगाना गैर-कानूनी हैै। आंकड़ों के अनुसार सड़क हादसों में तीन फीसदी हादसे साउंड गैजेट्स के इस्तेमाल से होते हैैं।

शहर के सेंसटिव जोन

शहर के बीएचयू, लंका, विद्यापीठ, कैंट, सारनाथ, मैदागिन, शिवपुर, बाबतपुर, चौकाघाट, कमच्छा, भोजूबीर आदि इलाकों में ईयरफोन लगाकर यूथ ड्राइव करते मिल जाते हैैं, जो खुद की जान तो आफत में डालते ही हैं, दूसरों की जान के लिए भी खतरा पैदा करते हैं.

अवेयरनेस अभियान पर जोर

यातायात विभाग के लाख प्रयासों के बाद भी ईयरफोन का इस्तेमाल करने वाले सचेत नहीं हो रहे हैं। पैरेंट्स को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों को रोड पर सुरक्षा के साथ वाहन चलाने की जानकारी दे। साथ ही यातायात विभाग, पुलिस, स्कूल, कॉलेज और स्वयं सेवी संस्थाएं भी रोड सेफ्टी को लेकर व्यापक अभियान चलाएं।

ईयरफोन है मौत की वजह

शहर में हाल के वर्षों में कई मौतें ईयरफोन लगाकर सड़क पर वाहन चलाने से हुई है। सड़क हादसे में कुल मौतों के आंकड़े में 03 फीसदी मौतें और 10 फीसदी से अधिक हादसे का जिम्मेदार ईयरफोन ही आंकड़ों में सामने आया है।

हेलमेट में फंसाते मोबाइल

कार या बाइक ड्राइव करते समय ज्यादातर लोग मोबाइल, हेडफोन या गूगल मैप का प्रयोग करते हैं। ड्राइविंग के दौरान किसी भी तरह के गैजेट का प्रयोग अपराध की श्रेणी में आता है। नए ट्रैफिक नियमों के अनुसार इसके लिए जुर्माना भी तय किया गया है। किसी भी दोपहिया वाहन के ड्राइविंग के समय मोबाइल फोन को हेलमेट के भीतर रखना अपराध की श्रेणी में आता है.

ये भी जानें

हेडफोन लगाकर चलने से एक्सीडेंट के दौरान रिएक्शन टाइम कम हो जाता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ऑडियो डिवाइस के चलते दुनियाभर के 101 करोड़ युवा सुनने की क्षमता खो सकते हैं.

शहर में लगातार अभियान चलाकर ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है, जो वाहन चलाते समय ईयर डिवाइस का इस्तेमाल करते हैैं। रोज लगभग 14 चालान भी काटे जा रहे हैैं। सेफ्टी के लिए लोग वाहन चलाते समय ट्रैफिक रूल्स को फालो करें।

डीके पुरी, एडीसीपी, ट्रैफिक विभाग, वाराणसी

कई बार देखा गया है कि ईयरफोन लगाए व्यक्ति ट्रैफिक रूल्स को ब्रेक कर देते हैैं। इससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और स्कूल बस, एंबुलेंस और प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला को हास्पिटल पहुंचाने में परेशानी होती है.

इंदु मेहता, नेत्री

रोड सेफ्टी के लिए शहर में वाहन चलाते समय गैजेट्स न इस्तेमाल करने वाले मानक अनुरूप साइन बोर्ड लगाए जाएं, ताकि, पब्लिक और नई जनरेशन इन्हें देख-पढ़कर अपने व्यवहार में लाए और हादसों में कमी आए.

विशाल सिंह, बिजनेसमैन

चौकाघाट, नदेसर, कचहरी, सिगरा समेत कई इलाकों में किसी भी यातायात रूल्स को लेकर बहुत कम बोर्ड लगे हैैं। संबंधित विभाग नए बोर्ड लगवाए और पुराने व रंग उड़ चुके बोर्ड की मरम्मत कराई जाए, ताकि लोग अवेयर हो सकें.

राजेंद्र गांधी कुशवाहा, समाजसेवी

ईयरफोन लगाकर वाहन दौड़ाने में कॉलेज और विवि के गल्र्स-ब्यॉयज की तादात अधिक है। इन पर नकेल कसने के लिए शैक्षणिक संस्थाओं और मॉल्स आदि के पास अभियान लगातर चलाया जाए, ताकि हादसों में कमी आ सके.

शिवनारायण मौर्य, स्टूडेंट

Posted By: Inextlive