सीएनजी वाहनों की लाइन को कम करेंगे दो नये स्टेशन बनारस में हर दिन खपत होती है 70 हजार किलो सीएनजी


वाराणसी (ब्यूरो)पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और उसके धुएं से जहरीली होती हवा के चलते वाराणसी में सीएनजी वाहनों की डिमांड बढऩे लगी है। यही वजह है कि सड़कों पर सीएनजी वाहन पहले के मुकाबले ज्यादा दौडऩे लगे हैं। गाडिय़ों की संख्या में हर महीने एक हजार सीएनजी वाहन जुड़ रहे हैं। अप्रैल में सीएनजी वाहनों की संख्या 21580 थी, जो बढ़कर अगस्त में 25064 हो गई है। इसी तरह अप्रैल में सीएनजी की खपत करीब 17 लाख किलो ग्राम थी, जो बढ़कर अगस्त में 20 लाख हो गई है। खपत बढ़ते ही गेल सीएनजी स्टेशनों की संख्या बढ़ाने में जुट गया है। सितंबर अंत तक दो नए सीएनजी स्टेशन बन जाएंगे.

अब इलेक्ट्रिक व्हीकल पर जोर

सीएनजी के बाद अब इलेक्ट्रिक व्हीकल पर सरकार का जोर है। उसकी ओर से लगातार कोशिशें हो रही हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग पेट्रोल-डीजल के बजाय इलेक्ट्रिक व्हीकल अपनाएं। हालांकि नीतियों को लेकर अस्पष्टता, चार्जिंग स्टेशनों की कमी और वाहनों के ऊंचे दाम कुछ ऐसे कारण हैं, जिनके चलते चार पहिया वाहनों के सेगमेंट में अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए ज्यादा क्रेज नहीं दिख रहा। इसके उलट सीएनजी गाडिय़ों की बिक्री लगातार बढ़ रही है। वाराणसी में हर दिन औसतन 35 से भी ज्यादा सीएनजी गाडिय़ां बिक रही हैं।

सीएनजी से कम लागत

डीजल-पेट्रोल से कार चलाने के मुकाबले कम लागत, नई पेशकश और ज्यादातर नकद प्रोत्साहन सीएनजी वाहनों की मांग में इजाफा कर रहा है। सीएनजी से कार चलाने की लागत करीब 2.5 रुपये प्रति किलोमीटर है, जबकि पेट्रोल-डीजल से 5.30 रुपये प्रति किलोमीटर। अहम ब्रांडों ने डीजल वाहनों का उत्पादन बंद कर दिया है। नीति आयोग ने 2030 तक सभी वाणिज्यिक कारों के लिए ईवी बिक्री के प्रसार का लक्ष्य 70 फीसदी तय किया है, प्राइवेट कारों के लिए 30 फीसदी, बसों के लिए 40 फीसदी और दोपहिया व तिपहिया के लिए 80 फीसदी लक्ष्य तय किया है। इसके अतिरिक्त उत्सर्जन के सख्त नियम के अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी भी डीजल इंजन कारों के लिए नुकसानदायक साबित हुई है.

23 सीएनजी स्टेशनों का संचालन

जिले में सड़कों पर सीएनजी वाहन पहले के मुकाबले ज्यादा दौडऩे लगे हैं। अब गेल सीएनजी स्टेशनों की संख्या बढ़ा रहा है। इससे ग्राहकों को राहत मिलेगी। सितंबर अंत तक ही दो नए सीएनजी स्टेशन बन जाएंगे। पेट्रोल और डीजल के मुकाबले सीएनजी सस्ती पड़ती है। प्रदूषण भी कम होता है। गेल के मार्केटिंग मैनेजर प्रवीण कुमार ने बताया कि लोग जहां सीएनजी वाहन खरीद रहे हैं, वहां ऑटो के साथ कार में सीएनजी किट भी लगवा रहे हैं। इससे वाहनों की संख्या और सीएनजी की खपत बढ़ रही है। जिले में अभी 23 सीएनजी स्टेशन हैं। सितंबर के अंत यह संख्या बढ़कर 25 पहुंच जाएगी। हरहुआ। रामनगर, कुछवा, बीएलडब्ल्यू राजातालाब, चौबेपुर, चोलापुर, गंगापुर के साथ शहरी क्षेत्रों में भी संचालित हो.

Posted By: Inextlive