30 सेकेंड में लगने वाले टीके के लिये 3 घंटे तक करना पड़ रहा इंतजार

आज की डेट में कोरोना का टीका लगवाना एक जंग जीतने से कम नहीं है। हर सेंटर पर सुबह से लंबी लाइन लग जा रही है। सेंटर्स पर न तो बैठने की उचित व्यवस्था है और न कोई कुछ बताने वाला है। घंटों धूप में खड़े रहने के बाद टीका लग रहा है। इसमें कई लोग ऐसे भी लाइन में लग जा रहे हैं, जिन्हें स्लॉट नहीं मिला है। जब वे रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पहुंच रहे हैं तो वहां से उन्हें मना कर दिया जा रहा है। लाइन में लगे लोगों का कहना है कि घंटों खड़े होने के बाद वैक्सीन लग रही है, ऐसे में सुई से हाथ दर्द करे न करे लेकिन पैर बहुत दर्द करेंगे।

कबीरचौरा अस्पताल: 300 के लिये एक भी कुर्सी नहीं

यहां हर दिन 300 लोगों को टीका लगाया जा रहा है। सुबह से लंबी कतार लगना शुरू हो जाती है। लोगों वैक्सीनेशन रूम तक पहुंचने में दो से तीन घंटे लग जा रहे हैं। जैसे-जैसे दिन चढ़ता है परेशानी भी बढ़ती जाती है। कारण है यहां लोगों को बैठने के लिये कोई व्यवस्था नहीं है। तेज धूप में खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है। लाइन इतनी लंबी है कि हॉल में यू शेप में लगने के बाद भी बाहर धूप में लोगों को खड़ा होना पड़ रहा है।

राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, चौकाघाट: गर्म हवा के थपेड़ों के बीच इंतजार

यहां हर दिन 200 लोगों को टीका लगाया जा रहा है। यहां भी सुबह से लोग कतार लगाकर खड़े हो जा रहे हैं। सोमवार को लोगों की लंबी लाइन देख कॉलेज प्रशासन ने बैठने की व्यवस्था की, लेकिन बाहर गर्म हवा के थपेड़ों के बीच। यहां भी वैक्सीनेशन रूम तक पहुंचने में लोगों को आधे से एक घंटे लग जा रहे थे। वैक्सीन लगवाने आये लोगों का कहना था कि जो स्लॉट मिल रहा है, उस पर एक व्यक्ति को वैक्सीन लगे तो इंतजार नहीं करना होगा। एक ही स्लॉट पर सैकड़ों लोगों को बुला लिया जा रहा है यह गलत है।

एनडीआरएफ हॉस्पिटल: अव्यवस्थाओं का अंबार

यहां हर दिन 18 से 44 साल के बीच के 200 लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन लगाई जा रही है। सबसे अधिक अव्यवस्था यहीं देखने को मिली। यहां टीका लगवाने वालों की लंबी लाइन लगी हुई थी। सभी तेज धूप में खड़े थे। कुर्सी तो छोडि़ये, पानी पीने तक की उचित व्यवस्था नहीं थी। टेंट में रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन दोनों हो रहा था.कतार में लगे कुछ लोगों का कहना था कि वैक्सीन से हम कितना सुरक्षित रहेंगे यह तो भविष्य में पता चलेगा अभी तो इस धूप में बीमार होना तय है।

स्वामी विवेकानंद हॉस्पिटल, भेलूपुर: दूरी बनाए तो बनाए कैसे

यहां हर रोज 200 लोगों को टीका लगाया जा रहा है। वैक्सीनेशन रूम तक जाने के लिये एक गलियारा है। सुबह से इतनी लंबी लाइन लग गई थी कि गलियारे से लोग खुले मैदान तक पहुंच गए थे। धूप से बचने के लिये जमकर धक्का मुक्की हो रही थी। सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर की बात है कि यहां हर व्यक्ति इस जुगत में था कि किसी तरह उसको टीका लग जाए और वह घर जाए। गर्मी से लोग बेहाल थे, लेकिन कोई देखने सुनने वाला नहीं था। कुछ लोगों में तो झड़प तक हो जा रही थी।

45 मिनट से लाइन में लगे हैं, लेकिन अभी तक रजिस्ट्रेशन काउंटर तक नहीं पहुंच पाए हैं। पहले तो तेज धूप में खड़ा होना पड़ा। सिर दर्द होने लगा है। कब वैक्सीन लगेगी पता नहीं। जब स्लॉट बुक हो ही रहे हैं तो एक समय में एक ही व्यक्ति बुलाया जाए। इससे घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

आदित्य शर्मा

एक घंटे लाइन में खड़े होने के बाद मैं वैक्सीनेशन रूम तक पहुंच पाया। 30 सेकेंड में इंजेक्शन लग गया। बहुत ही दुखद है ये कि 30 सेकेंड के इंजेक्शन के लिये लोगों को एक-एक घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। लोगों के बैठने तक व्यवस्था नहीं है।

उमेश गुप्ता

पहले रजिस्ट्रेशन करवाने की लाइन में एक घंटे लगा, उसके बाद वैक्सीनेशन के लिये 20 मिनट लाइन में खड़ा होना पड़ा। पांव दर्द से टूट रहे हैं। इतने लंबे समय तक खड़े रहना किसी सजा से कम नहीं है। प्रशासन को टीका लगवाने के लिये बैठने की उचित व्यवस्था करनी चाहिये।

अनिल कुमार

हम लोग लंबी लाइन में खड़े रहे और कुछ लोग पीछे दरवाजे से आकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा रहे थे। पूछने पर पता चला कि वे कर्मचारियों और अधिकारियों के परिचित हैं। इस वजह से लाइन में लगे लोगों का नंबर बहुत ही देरी के बाद आ रहा था। यह गलत है, इस पर शासन को देखना चाहिये।

शिवम कुमार

18 उम्र से अधिक वालों की श्रेणी में मैंने रजिस्ट्रेशन कोविन एप पर करवाया था, लेकिन मुझे स्लॉट नहीं मिला था। मुझे लगा कि यहां काउंटर में मेरा रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। सुबह आकर लाइन में लग गई। एक घंटे इंतजार करने के बाद जब रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पहुंची तो मना कर दिया गया। कहा गया कि स्लॉट का मैसेज आएगा, उस दिन आइएगा।

नैन्सी ओझा

Posted By: Inextlive