मूर्ति विसर्जन के दौरान सरोवर व कुंडों में फूल-मालाओं व अन्य सामान के प्रवाहित होने से फैली गंदगी आज से सफाई पर लगेंगे कर्मचारी 260 की लगाई गई ड्यूटी

वाराणसी (ब्यूरो)नगर निगम प्रशासन और जिला प्रशासन की तरफ से शहर के दुर्गा पूजा पंडालों में स्थापित मूर्तियों के विसर्जन के लिए बकायदा गाइडलाइन के साथ सरोवरों व कुंडों की लिस्ट जारी की गई थी। धर्म व आस्था में डूबे काशी के लोगों ने रावण पुतला दहन के बाद मूर्तियों के विसर्जन के लिए गाजे-बाजे के साथ शहर की सड़कों पर निकल पड़े। दो दिनों बुधवार व गुरुवार को धूमधाम से मूर्ति का विसर्जन किया। इसी दौरान प्लास्टिक के फूल-मालाओं समेत अन्य सामान को भी तालाब में प्रवाहित कर दिया, जिस कारण इको सिस्टम को नुकसान पहुंचा है। हालांकि नगर निगम प्रशासन का कहना है कि कुंडों की सफाई के लिए 260 सफाईकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसमें 20 नियमित सफाईकर्मी, 6 ठेकेदार व अन्य आउटसोर्सिंग के कर्मचारी हैैं, जोकि शुक्रवार सुबह से सफाई का कार्य शुरू कर देंगे.

इको सिस्टम का नहीं रखा ध्यान

शहर के जिन-जिन सरोवरों में मूर्तियों के विसर्जन के लिए चिह्नाकन किया गया था वहां पर लगभग सभी जोनल अधिकारियों की कार्यशैली पीछे रह गई। वहीं भक्तों के द्वारा अपनी भक्ति की धुन के चलते पर्यावरण के इको सिस्टम का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा गया। धड़ल्ले से सरोवरों में मूर्तियों के साथ अन्य ऐसे उत्पादों को भी समाहित कर दिया गया, जो मिट्टïी और पानी दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं.

तैनात रहीं एनडीआरएफ की टीमें

कुंडों व तालाबों में मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के मौके पर सुरक्षा के मद्देनजर 11 एनडीआरआफ की टीमें तैनात रहीं। इस दौरान गंगा में भी टीमों को तैनात किया गया था। कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा के निर्देशन में टीमों को संकुलधारा, गणेशपुर, मछोदरी, लक्ष्मीकुंड आदि प्रमुख स्थानों पर तैनात किया गया था। यहां एनडीआरएफ के गोताखोर व बचावकर्मी, रेस्क्यू मोटरबोट व अन्य बचाव उपकरणों के साथ जवान मौजूद थे। श्रद्धालुओं को सतर्क भी किया जा रहा था ताकि वे सुरक्षित तरीके से प्रशासन की ओर से चिह्नित स्थानों पर ही सुरक्षा मापदंडों को ध्यान में रखते हुए मूर्ति विसर्जन करें.

प्रतिमाओं के हेतु जिला नगर निगम प्रशासन द्वारा जोनवार निर्धारण किया गया है। निर्धारण के अनुसार ही संबंधित क्षेत्रों में स्थित कुंडों में प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। विसर्जन के बाद तत्काल सभी कुंडों की सफाई का कार्य करवाया जायेगा.

संदीप श्रीवास्तव, पीआरओ, नगर निगम, वाराणसी

प्रतिमाओं के विसर्जन होने वाले कुंडो और सरोवरों के वाटर और स्वाइल की टेस्टिंग पूर्व में ही कराई गई थी और अब विसर्जन के बाद टेस्टिंग लिया जाना है। ज्यादा हानिकारक केमिकल का प्रयोग करने के कारण पानी की गुणवत्ता और मिट्टïी की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.

कालिका प्रसाद सिंह, पूर्व अध्यक्ष, प्रदूषण निंयत्रण बोर्ड

Posted By: Inextlive