दूसरे दिन भी एक मंजिल हुई ध्वस्त दुकानें बंद होने पर दुकानदारों ने किया विरोध वीडीए संयुक्त सचिव बोले ध्वस्तीकरण के लिए बदला गया समय

वाराणसी (ब्यूरो)हत्यारी बिल्डिंग को ध्वस्त करने की कार्रवाई वीडीए ने दूसरे दिन गुरुवार को भी जारी रखा। ध्वस्तीकरण से पहले दोनों तरफ से बेरिकेडिंग कर दी गई थी। लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। वीडीए कर्मी दिनभर बिल्डिंग की छतों व दीवारों पर हथौड़ा और रंभा चलाते दिखाते रहे। ध्वस्तीकरण के दौरान अचानक दुकानदारों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। दुकानदारों का कहना था कि पता नहीं कितने दिन तक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चलेगी। दुकान बंद होने से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है। इसका भरपाई करना मुश्किल होगा। विरोध-प्रदर्शन के चलते वीडीए वीसी ने ध्वस्तीकरण के समय में बदलाव कर दिया। अब इसे रात में ढहाया जाएगा।

रोक दिया था रास्ता

हत्यारी बिल्डिंग को ध्वस्त करने के लिए गुरुवार को भी संयुक्त सचिव परमानंद की अगुवाई में दो दर्जन से अधिक वीडीएकर्मी बुलडोजर, हथौड़ा और रंभा लेकर आ धमके थे। उधर, टीम के आने से पहले ही पुलिस फोर्स ने गोदौलिया चौराहे और बांसफाटक पर बेरिकेडिंग कर रास्ते को रोक दिया था। इसके बाद पहुंची टीम ने भवन पर हथौड़ा चलाना शुरू किया है। शाम तक तीसरे मंजिल की दीवारों को तोड़ दिया गया था.

दो दिनों से दुकानें बंद

वीडीए वीसी अभिषेक गोयल ने बताया कि ध्वस्तीकरण के चलते दुकानदारों को काफी नुकसान हो रहा है। दो दिनों से गोदौलिया से बांसफाटक क्षेत्र की दुकानें बंद हैं। इसको लेकर दुकानदारों ने भी नाराजगी जाहिर करना शुरू कर दिया है। उनके विरोध को ध्यान में रखते हुए ध्वस्तीकरण के समय में बदलाव किया गया है। बता दें कि पिछले दिनों निर्माणाधीन बिल्डिंग की छत से ईंट गिरने से युवती की मौत होने के बाद जांच में पूरी बिल्डिंग ही अवैध पाई गई। महिला की मौत के बाद वीडीए जागा और भवन की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की.

दुकानदारों को भारी नुकसान

ध्वस्तीकरण को लेकर दुकानदारों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। क्षेत्रीय पार्षद मनोज कुमार सिंह का कहना है कि गौदोलिया सबसे बड़ा बाजार है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में टूरिस्ट आते हंै। यह बिल्डिंग एक दिन में ध्वस्त होने वाला नहीं है। एक बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण के लिए पूरे रास्ते को बंद कर दिया गया है। इसके चलते टूरिस्टों को दिक्कत हो रही है दुकानदारों का कारोबार मर रहा है। बीस से तीस हजार रेंट पर लोगों ने दुकानें ले रखी है। उनका कोई काम नहीं हो पा रहा है न बोहनी न बट्टा हो रहा है। सभी लोग अपनी समस्या लेकर मेरे पास आ रहे है। इस क्षेत्र का प्रतिनिधि होने के नाते सभी लोग समस्या लेकर मेरे पास आ रहे है। विकास प्राधिकरण ही कुछ ऐसा रास्ता निकाले जिससे उनका भी कार्य होता रहे और आवागमन भी न बाधित हो.

25 हजार रुपये देते हैं किराया

ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से दुखी होकर दुकानदार कृष्णा सेठ का कहना है कि बगल में मेरा दुकान है। दो दिनों से बंद चल रहा है। प्रतिमाह 25 हजार रुपये किराया देते हंै। ध्वस्तीकरण के चलते ऐसे ही दुकान बंद रहेगा तो किराया कहां से निकलेगा। अधिकारी तो किराया देेंगे नहीं दुकानदारों को ही किराया का इंतजाम करना पड़ेगा। बोहनी होगी तभी परिवार को दाल रोटी चलेगा नहीं तो भूखे रहेंगे। ऐसे में वीडीए अफसरों को दुकानदारों को ध्यान देते हुए रात में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करें और दिन में दुकानों को खोलने दें ताकि किसी को परेशान न हो। दो दिनों से चल रही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से जनता परेशान है। अंदर की परेशानी वीडीए के अफसरों को समझ में नहीं आ रहा है.

शाम तक तीसरी मंजिल की दीवारों को तोड़ दिया गया। लगातार दो दिनों से चल रही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से दुकानदारों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। इसको देखते हुए अब रात में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी.

परमानंद यादव, संयुक्त सचिव, वीडीए

Posted By: Inextlive