शहर में 120 सोसाइटी और अपार्टमेंट में रहने वालों के लिए लिफ्ट एक्ट खराब लिफ्ट से आए दिन होने वाले हादसों पर अंकुश लगेगा


वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में अपार्टमेंट और सोसाइटी कल्चर तेजी से पांव पसार है। शहर के अंदर कम, लेकिन शिवपुर, आशापुर, चितईपुर, भुल्लनपुर, केराकतपुर समेत कई एरिया में इसकी लंबी श्रृंखला है। लिफ्ट एक्ट लागू होने से इन इलाकों में 120 से अधिक सोसाइटियों में रहने वाले करीब तीन लाख लोगों को सुरक्षा से संबंधित बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी। दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी में प्रतिदिन 20 हजार से अधिक आने वाले पर्यटकों को भी सहूलियतें होंगी। साथ ही विकास भवन, डीएफसी, सेल टैक्स, आईटी समेत कई सरकारी कार्यालयों में लगी लिफ्ट और रेलवे स्टेशन पर लगे एस्कलेटर भी एक्ट के दायरे में आएंगे। इससे प्रतिदिन यहां आने दो से ढाई हजार से अधिक लोग भी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे.

साल में दो बार मॉकड्रिल जरूरी

वाराणसी की सोसाइटियों में रहने वाले 25 हजार परिवारों के लोग लंबे समय से लिफ्ट एक्ट की मांग करते रहे हैं। एक्ट के अभाव में आए दिन लिफ्ट अटकने, फ्री फॉल होने और दूसरे हादसों की खबरें सामने आती रहती हैं। एक्ट बनने से जिले में लगी सभी लिफ्ट और एस्कलेटर के प्रबंधन से जुड़ी सेवाओं की गारंटी मिल गई है। सभी निजी और सार्वजनिक स्थानों पर लिफ्ट लगाने से पहले बिल्डरों को संबंधित विभाग के अधिकारियों के पास आवेदन करना होगा। जांच के बाद लिफ्ट लगाई जा सकेगी। निजी और सार्वजनिक स्थानों के लिए आवेदन के अलग-अलग स्थान पर किए जाएंगे। लिफ्ट लगाने के साथ ही वार्षिक मेंटेनेंस अनुबंध लेना होगा। इसके तहत होने वाली मरम्मत की जिम्मेदार अधिकारी की देखरेख में करानी होगी। लिफ्ट के अटकने और फ्री फॉल की घटनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बिल्डरों को साल में दो बार मॉकड्रिल करानी होगी। बिल्डरों को बिजली विभाग से भी एनओसी लेनी होगी.

बिल्डरों ने सकारात्मक कदम बताया

एक्ट के संबंध में बिल्डरों का कहना है लिफ्ट के प्रबंधन को लेकर सरकार ने सकारात्मक पहल की है। आवेदन और पंजीकरण की प्रक्रिया नई है। इसके अलावा वार्षिक मेंटेनेंस, मॉकड्रिल, लिफ्ट में सुरक्षा और दिव्यांगजनों की सहायता के लिए उपकरण लगाने जैसे कई नियमों का पालन पहले से ही किया जा रहा है। नए नियमों का पालन किया जाएगा, जिससे सोसाइटियों में रहने वालों लोगों को सहूलियत मिल सके.

हादसे की सूचना थाने को 24 घंटे के अंदर देनी होगी

लिफ्ट में कोई घटना होती है तो संचालक को 24 घंटे के अंदर स्थानीय थाने अथवा प्राधिकृत अधिकारी को सूचित करना होगा। इसके साथ ही, डीएम द्वारा घटनाओं की विद्युत निरीक्षक और कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा जांच कराई जाएगी। एक्ट के अनुसार, जांच में किसी नियम का उल्लंघन किया गया और मजिस्ट्रेट द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद भी उसे ठीक नहीं किया गया तो निर्धारित समय सीमा के बाद लिफ्ट का संचालन बंद कर दिया जाएगा.

एक्ट लागू होने से लिफ्ट और एस्केलेटर का रखरखाव अच्छी तरह से होगा। इसे लगाने के लिए अनुमति की प्रक्रिया ऑनलाइन होनी चाहिए। इससे पारदर्शिता भी रहेगी.

अनुज डिडवानिया, संरक्षक क्रेडाई पूर्वांचल

एक्ट से ग्रुप हाउसिंग में रहने वाले लोगों को लाभ होगा। लिफ्ट की नियमित सर्विस हो सकेगी, जिससे होने वाले हादसों को रोका जा सकेगा। हालांकि, इसके बहुत से नियमों का पहले से ही पालन किया जा रहा है.

श्याम विश्वकर्मा, लिफ्ट संचालक

लिफ्ट एक्ट लागू होने से सोसाइटी और अपार्टमेंट रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिली है। लिफ्ट खराब होने पर जल्द मरम्मत नहीं होती है। अब इस एक्ट के चलते बिल्डर को तुरंत ठीक कराने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

अजित मेल्होत्रा, सुंदरपुर

लिफ्ट एक्ट लागू होने से ग्रुप हाउसिंग में लिफ्ट संबंधित घटनाओं पर अंकुश लगेगा। इस संबंध में शासन से अगर प्राधिकरण को कोई दिशा निर्देश दिया जाता है तो उसका पालन किया जाएगा।

पुलकित गर्ग, वीसी, वीडीए

Posted By: Inextlive