विभाग विभाग को दो माह में दो हजार करोड़ का फटका लाइनलास के लिए नगर निगम को मान रहा जिम्मेदार विभाग ने किया पत्राचार कराएगा नगर निगम के स्ट्रीट पोलों का सर्वे

वाराणसी (ब्यूरो)बिजली विभाग को जुलाई माह से 10 सितंबर के दौरान दो हजार करोड़ का फटका लगा है। विभाग लाइनलास के लिए खासतौर पर नगर निगम को जिम्मेदार मान रहा है। बिजली ïिवभाग ने अपने एमओएम में दावा किया है कि शहर को उजाला देने वाले नगर निगम की तरफ से बिजली ïिवभाग के सभी सर्किलों को मिलाकर एवरेज हर माह कुल घाटे में से 20 प्रतिशत लाइनलास का घाटा सहना पड़ रहा है। इस मसले पर बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिना मीटर शहर की स्ट्रीट लाइट को जलाया जा रहा है। बातचीत के बाद भी नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

मंत्री के समक्ष पेश किया

दरअसल, ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र सिंह के समक्ष अधीक्षण अभियंता दीपक अग्रवाल की तरफ से एमओएम पेश किया गया। उन्होंने बताया कि बिजली विभाग के प्रथम, द्वितीय और ग्रामीण सर्किल को मिलाकर को अब तक 2 हजार करोड़़ रुपये का घाटा हो चुका है। इस दौरान यह भी बताया कि ïिवभाग को शहर में किस-किस तरीके से घाटा का सामना करना पड़ा रहा है.

नए गावों का नहीं कनेक्शन

बिजली विभाग के अधिकारियों का आरोप है कि नगर निगम शहर के कई इलाकों में अवैध रूप से आये दिन झालरों का प्रयोग करता है। साथ ही अवैध रूप से बहुत सी जगहों पर लाइट लगा लेता है। इसके बावजूद बिजली विभाग से परमिशन नहीं लेता है। इन सबके बावजूद नगर निगम की शहरी सीमा का विस्तार होने के बाद 80 गावों को नये स्ट्रीट लाइट और कनेक्शन का सर्वे नहीं करवा रहा है। इस कारण पहले से नगर पालिका की सीमा क्षेत्र वाले गावों को बिजली अभी भी मिल रही है। उसका भुगतान न तो नगर निगम कर रहा है और न ही नगर पालिका। ऐसे में बिजली विभाग का लाइनलास प्रति दिन ज्यादा होता जा रहा है.

बकायेदारों की वजह से घाटा

बिजली विभाग ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में बताया कि सबसे बड़ा घाटा बड़े बकायेदारों और पावरलूम उपभोक्ताओं के कारण हो रहा है। इसमें से विभाग ने 1 लाख से अधिक के बकायेदारों की कैटेगरी में 677 कस्टमर को सेलेक्ट किया है। इतना ही नहीं विभाग की तरफ से 24 पावरलूम को भी सेलेक्ट किया गया है जो सर्किल प्रथम और द्वितीय दोनों में हंै। वहीं सर्किल ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों द्वारा पीटीडब्ल्यू मीटर के प्रयोग किये बिना बिजली का उपयोग करने के कारण जबरदस्त राजस्व हानि का सामना करना पड़ रहा है.

पत्राचार का नहीं निकला रिजल्ट

बिजली ïिवभाग ने भारी भरकम लाइनलास को देखते हुए नगर निगम के नगरायुक्त के साथ आलोक विभाग के अजय राम के साथ पत्राचार किया परंतु नगरायुक्त और अजय राम की तरफ से कोई भी संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। बिजली विभाग के अधिकारियों ने नगर निगम के अधिकारियों की इस लापरवाही के लिए जिले के उच्च अधिकारियों के साथ ही विभाग के शीर्षस्थ अधिकारियों से पत्राचार करने की प्लानिंग कर ली है। साथ ही नगर निगम के लिए एक्शन पर बातचीत करेगा.

लाइनलास को कम करने का प्रयास हम लोग कर रहे हैं। हमारे लाइनलास का एक प्रमुख जिम्मेदार वाराणसी नगर निगम भी है.

अनूप सक्सेना, अधीक्षण अभियंता, सर्किल प्रथम

नगर निगम की तरफ से लाइनलास किया जा रहा है। साथ ही नए 80 गावों का वे सर्वे नहीं करवा रहे हंै। हमारे पत्राचार का जबाब भी नहीं दे रहे हैं.

दीपक अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता, सर्किल द्वितीय

नगर निगम द्वारा स्ट्रीट लाइट के लिए उपभोग की जा रही विद्युत बिलों का समायोजन गृहकर के सापेक्ष करते हुए भुगतान किया जाता है। जहां तक ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट के बिलों के भुगतान की बात है, इस संबंध में विद्युत पोल और विद्युत भार का परीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

संदीप श्रीवास्तव, पीआरओ, नगर निगम

Posted By: Inextlive