एक दिन में आ रही 50 कॉल 50 हजार से अधिक ईएमआई पेयर्स परेशान सुबह सात बजे से ही कॉल कर कर रहे है परेशान


वाराणसी (ब्यूरो)जरूरत पडऩे पर हर आदमी घर, कार, शादी और शिक्षा समेत अन्य चीजों के लिए बैंक से लोन लेता है। हालांकि सभी के लाइफ में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, इसलिए कभी-कभी हालात ऐसे भी आ जाते हैं कि कर्ज चुकाने में परेशानी हो सकती है। बैंक या अन्य एनबीएफसी संस्था से लिया लोन चुकाना भी जरूरी होता है और बैंक अधिकारी लगातार ग्राहकों से संपर्क करते हैं। लेकिन, कई बार देखने में आया है कि बैंक के रिकवरी एजेंट लोन उगाही के नाम पर गलत व्यवहार करते हैं। बनारस में अब इनकी इस तरह की हरकतें बहुत ज्यादा बढ़ गई है, जिससे लोग बैंक और एनबीएफसी के रिकवरी एजेंट के व्यवहार से डिप्रेशन में आ रहे हैं। जिन लोगों ने लोन ले रखा है उनकी ईएमआई डेट आने से एक सप्ताह पहले से ही लोन पे करने का दबाव बना रहे हैं। एनबीएफसी के एजेंट सुबह 7 बजते ही सारा दिन लोगों को कॉल कर परेशान कर रहे है। ऐसे एक दो नहीं बनारस के 50 हजार से ज्यादा लोग है जिनका हरासमेंट हो रहा है.

लोन रिकवरी को लेकर ही हो गई हत्या

सुबह होते ही कॉल आने पर एजेंटों से परेशान लोन पेयर्स चाहकर भी उन्हें कुछ बोल नहंी पाते। ऐसे में इनका गुस्सा घर वालों और बच्चों पर निकलता है। मंथ एंड आने से 10 दिन पहले ये पेयर्स मानसिक रूप से डिस्टर्ब कर दिए जाते हैं। कई बार तो रिकवरी एजेंट और लोन पेयर्स के बीच गाली-गलौज भी हो जाते हैं। मारपीट तक की नौबत आ जाती है। रविवार को बाबतपुर ओवरब्रिज के पास लोन वसूलने के मामले हुई हत्या के पीछे भी यही कारण था। इस केस में जो बातें सामने आई हंै उसमें कहा जा रहा है कि पेशे से रिकवरी एजेंट मृतक वीर बहादुर सिंह ने जब लोन पेयर्स से गाड़ी रोकर ऋण चुकाने की बात कही तो कार में बैठे सख्स ने गोली मार दी। इस वारदात से यह जरूर पता चलता है कि लोन की रिकवरी करने वाले लोग दबंग टाइप के है। अगर उन्हें उनकी तरह कोई व्यक्ति मिल गया तो इसी घटना हो जाती है और न मिला तो वैसे लोगों का ये मानसिक उत्पीडऩ करते रहते हैं।

जरूरत संग परेशानी भी बढ़ गई

कर्ज लेकर अपनी जरुरत पूरी करने वाले लोगों का कहना हैं कि वे मुसीबत में कर्ज तो ले लेते हैं, लेकिन उसके बाद समय पर ईएमआई देने के बाद भी वित्तीय संस्थाए उन्हें बहुत परेशान करते है। समय से हफ्ता 10 दिन पहले से फोन कर एकाउंट में पैसा रखने और समय से पहले ही ईएमआई चुक्ता करने का दबाव बना रहे है। इसमें होम क्रेडिट, बजाज फाइनांस क्वीक लोन, क्रेडिट-बी जैसे तमाम एनबीएफसी कंपनियां है तो लोगों को इस तरह से परेशान कर रहे हैं। इससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है।

डरने की नहीं लडऩे की जरूरत

फाइनांस एक्सपर्ट का कहना है कि लोन लेने के बाद यदि बैंक रिकवरी एजेंट दुव्र्यवहार करता है तो डरिये नहीं बल्कि इसके खिलाफ आवाज उठाएं। इस मामले पर आरबीआई ने कुछ नियम बनाए हैं। इनके तहत अगर कोई बैंक ग्राहकों को लोन के पैसे न चुकाने की स्थिति में डराता-धमकाता है या समय से पहले किस्त चुकता करने के लिए कॉल कर परेशान करता है तो ग्राहक इसकी शिकायत पुलिस से कर सकते हैं। साथ ही पेनल्टी भी मांग सकते हैं.

कब और कैसे शुरू होती लोन रिकवरी की प्रक्रिया

लगातार लोन की दो ईएमआई नहीं चुकाने की स्थिति में बैंक सबसे पहले आपको रिमाइंडर भेजता है। वहीं, होम लोन की लगातार तीन किस्तों का भुगतान नहीं करने पर बैंक आपको एक कानूनी नोटिस भेजता है। बावजूद इसके भी अगर आपने ईएमआई पूरी नहीं दी तो बैंक की तरफ से आपको डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है। इसके बाद बैंक ग्राहक से लोन की रिकवरी के प्रयास शुरू करता है.

दो तरीकों से होती है लोन रिकवरी

जब कोई व्यक्ति लोन चुकाने में असमर्थ हो जाता है, तो बैंक वसूली की प्रक्रिया शुरू करती है। इसके लिए नॉन-ज्यूडिशियल रूट और दूसरा ज्यूडिशियल प्रोसेस होता है। हालांकि, रिकवरी के दौरान आरबीआई के दिशानिर्देश यह कहते हैं कि ग्राहकों के कानूनी अधिकारों और दायित्वों का सम्मान किया जाए.

कहां करें शिकायत

लोन रिकवरी के गलत तरीकों जैसे- ग्राहक को धमकाना और प्रताडि़त करने को सुप्रीम कोर्ट ने अपराध माना है। अगर कोई रिकवरी एजेंट लोन को लेकर अगर डराता, धमकाता है तो आप इसकी शिकायत बैंक के साथ-साथ थाने में भी करें। लोन की किस्त नहीं चुका पाना सिविल विवाद के दायरे में आता है। बैंक या उसका कोई रिकवरी एजेंट मनमानी नहीं कर सकता है.

वित्त मंत्री ने दिया है दिशा निर्देश

हाल में संसद सत्र के दौरान एक सदस्य के पूछे जाने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साफ किया कि बैंकों को ऐसा नहीं करने के दिशानिर्देश दिए गए हैं। वो आरबीआई के माध्यम से एक बार दोबारा सुनिश्चित करेंगी कि बैंक इस तरह से लोन वसूली बंद कर दें। ग्राहक के साथ ह्यूमैनिटी और सेंसिटिविटी के साथ पेश आएं.

क्या कहती हैं आरबीआई की गाइडलाइंस

ये तय किए गए है नियम

-बैंकों या अन्य कर्ज देने वाली कंपनियों को अपनी सभी लोन रिकवरी एजेंसियों की जानकारी वेबसाइट पर देना अनिवार्य है.

-बैंक के लोन रिकवरी एजेंट शारीरिक, मानसिक और मौखिक किसी भी रूप में ग्राहक के साथ हरासमेंट नहीं कर सकते हैं.

-ये रिकवरी एजेंट लोन लेने वाले ग्राहकों को किसी माध्यम से अनुचित, धमकाने वाले मैसेज नहीं भेज सकते हैं.

-ये रिकवरी एजेंट ग्राहकों को बिना नाम बताए या गलत नाम बताकर कॉल नहीं कर सकते हैं.

-इतना ही नहीं ये एजेंट ग्राहकों को सुबह 8 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद कॉल नहीं कर सकते हैं.

डिजीटली लोन देने वाली कंपनियों के लिए गाइडलाइंस

-डिजिटल लोन कंपनियों को अपने रिकवरी एजेंट्स के पैनल की जानकारी ग्राहक को लोने देते समय ही देनी होगी.

-लोन डिफॉल्ट की स्थिति में डिजिटल लोन कंपनियों को ग्राहकों को अपने रिकवरी एजेंट के बारे पहले बताना होगा कि कौन उनसे संपर्क करेगा.

-रिकवरी एजेंट के किसी ग्राहक से कॉन्टैक्ट करने से पहले डिजिटल लोन कंपनियों को एसएमएस या ईमेल से पूर्व सूचना देनी होगी.

Posted By: Inextlive