-दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने की कबीरचौरा और चौकाघाट अस्पताल की पड़ताल

-जनरल, इमरजेंसी और डेंगू वार्ड में जगह नहीं

कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद वाराणसी में डेंगू का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसी बीच फिरोजबाद में सामने आई नयी बीमारी स्क्रब टाइफस ने आम लोगों को डरा दिया है। हल्का बुखार या शरीर में दर्द होने पर लोग तुरंत घबरा जा रहे हैं। शहर में सरकारी व निजी अस्पतालों में हर दिन बड़ी संख्या में बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द, कमजोरी जैसी समस्या से ग्रस्त मरीज पहुंच रहे हैं। अचानक मरीजों की संख्या में तेजी आने पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा और राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की पड़ताल की। यहां मेल जनरल वार्ड ही नहीं बल्कि इमरजेंसी और डेंगू वार्ड ठसाठस भरे मिले। कुछ बेड पर दो-दो मरीज भी लेटे मिले। ओपीडी में दिखाने के लिए भीड़ जुटी थी। दवा के सभी काउंटरों पर लंबी कतारें लगी थीं। मानों ऐसा लग रहा था कि पूरा शहर ही बीमार हो गया है।

सीन-1

मेल जनरल वार्ड : समय 12 बजे दोपहर

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा के मेल जनरल वार्ड में पहुंची। जहां के सभी बेड मरीजों से भरे दिखे। बातचीत में पता चला कि कोई मरीज पेट दर्द तो कोई डायरिया या तेज बुखार से पीडि़त है।

सीन-2

इमरजेंसी वार्ड : समय 12.15 बजे दोपहर

जनरल के बाद टीम इमरजेंसी वार्ड पहुंची। यहां भी सभी बेड मरीजों से पटे मिले। वार्ड का एक भी बेड खाली नहीं था। बातचीत में पता चला कि अधिक मरीजों को डायरिया और पेट में दर्द की शिकायत है। हर मरीज के चेहरे पर अजीब से डर दिखा।

सीन-3

डेंगू वार्ड : समय 12.30 बजे दोपहर

इमरजेंसी के बाद टीम डेंगू वार्ड में पहुंची। यहां भी सभी बेड फुल मिले। सभी बेड पर मच्छरदानी लगी थी, लेकिन कोई भी बेड मच्छरदानी से कवर नहीं था। जबकि डेंगू का मच्छर दिन में काटता है। महिला स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि मरीजों से बार-बार कहा जाता है लेकिन वे बात ही नहीं मानते हैं।

सीन-4

रजिस्ट्रेशन काउंटर : समय 1 बजे दोपहर

कबीर चौरा हास्पिटल के बाद दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम दोपहर करीब एक बजे चौकाघाट स्थित राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय पहुंची। यहां रजिस्ट्रेशन यानी पर्ची बनवाने के लिए लंबी कतार लगी थी। कतार में 50 से अधिक लोग खड़े थे और 30 से अधिक लोग कुर्सी पर बैठे थे। कतार में लगे लोगों में महिलाओं की संख्या ज्यादा थी। काउंटर पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि दोपहर एक बजे तक चार सौ से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुका था।

सीन-5

ओपीडी : समय 1:15 बजे दोपहर

इसके बाद टीम राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के अंदर पहुंची तो ओपीडी चल रही थी। सभी कक्ष के बाहर मरीजों की भीड़ दिखी। सबसे अधिक बाल रोग विशेषज्ञ के कक्ष के बाहर मरीजों की संख्या रही। सभी ओपीडी में तीन से चार डॉक्टर मौजूद थे। फिर भी भीड़ कम नहीं हो रही थी।

सीन-6

दवा काउंटर : समय 1:30 बजे दोपहर

रजिस्ट्रेशन काउंटर और ओपीडी की तरह दवा काउंटर पर भी लोगों की भीड़ दिखी। तीस से अधिक लोग दवा लेने के लिए लाइन में लगे थे, जबकि उससे अधिक लोग चेयर पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। दवा लेने पहुंचे संतोष केसरवानी ने बताया कि इलाज तो अच्छा है, लेकिन सभी दवा नहीं मिल रही हैं। तीन में दो ही दवा मिली, एक दवा बाहर से लेना पड़ेगा।

वर्जन

बारिश के मौसम में संचारी रोग बुखार, डायरिया, उल्टी और पेट दर्द की शिकायत ज्यादा आती है। इसी वजह से अधिकतर अस्पतालों के वार्डो में बेड फुल है। अस्पतालों में बेहतर इलाज से लोगों को राहत मिल रही है। बावजूद इसके किसी मरीज को वापस नहीं किया जा रहा है।

-डा। वीबी सिंह, सीएमओ

Posted By: Inextlive