अपनी परंपराओं आस्थाओं के लिए मशहूर देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी अनोखे मेले और दर्शन पूजा के लिए भी पहचानी जाती है. इसी में एक महालक्ष्मी मंदिर है जहां धनतेरस के दिन विशेष तरह की पूजा-अर्चना होती है. इसे लेकर लक्सा के लक्ष्मीकुंड स्थित महालक्ष्मी मंदिर को सजाया जा रहा है.

वाराणसी (ब्यूरो)। काशी के महालक्ष्मी मंदिर की खासियत में यहां का प्रसाद है, जो खासतौर पर धनतेरस के दिन श्रद्धालुओं को दिया जाता है। यहां भक्तों को प्रसाद के रूप में सिक्के मिलते हैं। इसे भक्त खजाना भी कहते हैैं।

धनतेरस के कार्यक्रम का विवरण
- महालक्ष्मी मंदिर की साज-सज्जा
- महालक्ष्मी का श्रृंगार
- षोडषोपचार स्नान
- श्रृंगार के बाद दर्शन-पूजन

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सफेद मिठाई, पेड़ा, बर्फी, मिश्री, खीर, चावल, हल्दी, चंदन, इत्र, सुपारी-पान, मेवा, घी, कच्चा दूध, शहद, गुलाबजल और गंगाजल।

कहते हैं पुजारी, पंकज मिश्रा
धनतेरस और दिवाली के दिन शहर के अलावा देश के कोने-कोने से भक्त दर्शन के लिए यहां आते हैैं। लक्सा के लक्ष्मी मंदिर का स्वरूप और काशी में होने की वजह से खासा महत्व है। प्रसंगिकता धन, धान्य और संतान प्राप्ति के लिए भक्तों को माता के दर्शन-पूजन करना चाहिए।

Posted By: Inextlive