-आरटीओ में पेंडिंग पड़े हैं हजारों अप्लीकेशन, नहीं मिल पा रहा स्लॉट

- लॉकडाउन के दौरान बंद हो गया था डीएल बनाने का काम

अगर आप ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते हैं तो आपको इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि नया लाइसेंस बनवाने वालों को स्लॉट ही नहीं मिल पा रहा है। बता दें कि लॉकडाउन में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वालों की लंबी लाइन के चलते नये लोगों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं हो पा रहा है। जिससे दिन प्रतिदिन संख्या बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं स्थाई और रिन्युअल लाइसेंस के लिए भी एक एक स्लॉट को मारामारी हो रही है।

इसलिए बढ़ गया बैकअप

कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन में ड्राइविंग लाइसेंस व रिन्युअल का कार्य बंद कर दिया गया था। लेकिन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होता रहा। इसके चलते डीएल बनवाने वालों की संख्या हजारों में पहुंच गयी। अब जब अनलॉक शुरू हुआ तो ऑफिस भी खुल गया लेकिन लोगों को स्लॉट ही नहीं मिल रहा तो कैसे उनका ड्राइविंग लाइसेंस बन पाए। ऊपर से कोविड संक्रमण को रोकने के लिए हेड क्वार्टर से जारी हुई गाइडलाइन के चलते भी सीमित संख्या में ही डीएल बन रहे हैं। इससे बैकअप बढ़ता जा रहा है।

मुश्किल से मिल रहा स्लॉट

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब ऑनलाइन प्रॉसेस पूरा करना पड़ता है। इसके लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराना होता है। फिर स्लॉट बुक होता है। इस टाइम पर आरटीओ पहुंच कर टेस्ट देना होता है। तब जाकर लर्निग लाइसेंस बनता है। लेकिन मुश्किल यह है कि स्लॉट ही बुक नहीं हो पा रहा है। सिचुएशन यह है कि एक-एक स्लॉट के लिए मारामारी हो रही है।

45000 लोगों को डीएल की आस

शेड्यूल न फाइनल होने की वजह से लाइसेंस बनाने के लिए पहले से ही लंबी लाइन लगी है। बता दें कि लॉकडाउन के दौरान रजिस्ट्रेशन हुए आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस के 45000 से अधिक आवेदन पेंडिंग रहे। इसके बाद अनलॉक स्टार्ट होते ही डीएल बनने लगा। जब से इसकी शुरूआत हुई है तब से लंबी लाइन लगी है। इतना ही नहीं तमाम ऐसे लोग हैं जिनके ड्राइविंग लाइसेंस की वैद्यता खत्म हो गई है। अब वो परेशान हैं कि उनके लाइसेंस का कब रिन्यूअल होगा। कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए इस समय 100 लर्निग लाइसेंस बनाया जा रहा है।

सोशल डिस्टेंसिंग के पालन को डीएल के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वालों को स्लाट निर्धारित कर दिया गया है। यही वजह है कि सीमित संख्या में डीएल बनाए जा रहे हैं। ऐसे में लोगों को अपने स्लॉट का इंतजार करना पड़ रहा है।

हरिशंकर सिंह, आरटीओ

वाराणसी

Posted By: Inextlive