रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बनारस में चल रहे कई उद्योगों को लग रहा है तगड़ा झटका बनारसी साड़ी गुलाबी मीनाकारी हैंडी क्राफ्ट कांच व लकड़ी के खिलौने होते हैं एक्सपोर्ट यदि युद्ध लंबा चला तो उद्योगों को होने वाले नुकसान में हो सकती है बढ़ोत्तरी

वाराणसी (ब्यूरो)रूस की ओर से यूक्रेन पर हमला करने के बाद बनारस समेत पूर्वांचल में तमाम कारोबार पर असर पड़ा है। सबसे ज्यादा बनारसी साड़ी, गुलाबी मीनाकारी, हैंडी क्राफ्ट, कांच व लकड़ी के खिलौना की इंडस्ट्री प्रभावित हुई है। एक अनुमान है कि अभी तक 200 करोड़ रुपए से अधिक के ऑर्डर को होल्ड पर डाल दिया गया है। यदि युद्ध लम्बा चला तो आगे और भी आर्डर कैंसिल होने की संभावना है। इसके अलावा चुनाव के बाद गैस, डीजल और पेट्रोल के रेट में वृद्धि भी हो सकती है.

एक हजार से अधिक ईकाइयां

रूस-यूक्रेन वार से वाराणसी के ग्लोबल मार्केट पर असर दिखने लगा है। रूस-यूक्रेन सहित यूरोप में कारपेट और जूट वाल हैंगिंग की मांग में अचानक कमी आ गई है। कारोबारियों के अनुसार पूर्वांचल में कारपेट, वाल हैंगिंग, दरी, बनारसी साड़ी, हैंडी क्राफ्ट, गुलाबी मीनाकारी, लकड़ी के खिलौने की एक हजार से अधिक ईकाइयां चल रही हैं।

30 प्रतिशत का आया असर

रूस-यूक्रेन तनाव ने कम समय में ही 30 प्रतिशत कारोबार प्रभावित कर दिया है। साथ में 200 करोड़ रुपये का ऑर्डर भी रुका हुआ है। आयात-निर्यात से जुड़े उद्यमियों ने कहा कि यही स्थिति रही तो कोरोना काल से उबर रहे उद्योगों को फिर से नुकसान उठाना पड़ सकता है। व्यापारियों ने बताया कि दोनों देशों में तनाव से ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, बेल्जियम, स्पेन सहित कई देशों से भारत का निर्यात प्रभावित हो सकता है.

कांच के खिलौनों पर असर

बहुत सारे कांच बनाने के केमिकल यूरोप कंट्री से आते हैं। इसके रेट में अचानक भारी उछाल हो गया है। वहीं जिन कांच की वस्तुओं के क्रय के आर्डर यूरोप से आए थे उनको होल्ड पर डाल दिया गया है। बनारस से कांच की विभिन्न वस्तुओं का कुल निर्यात 10 करोड़ का है। यदि युद्ध लम्बा चला तो सभी आर्डर कैंसिल होने की संभावना है। निर्मित कांच के उत्पाद यूरोप कंट्री के 70 से अधिक देशों को सप्लाई किए जाते थे। यदि युद्ध जल्दी समाप्त नहीं हुआ तो तमाम इकाइयों को और बड़ा झटका लगेगा। चुनाव के बाद जैसे ही गैस डीजल और पेट्रोल के रेट में वृद्धि होगी कांच का उद्योग प्रभावित होना लाजमी है। जो केमिकल विदेशों से आ रहे थे उनके रेट में अचानक भारी उछाल आ गया है।

सोने का भाव बढ़ा

रूस यूक्रेन में युद्ध शुरू होते ही सोने के भाव में जबरदस्त तेजी आई है। सोने का भाव 2000 रुपये प्रति 10 ग्राम से ज्यादा बढ़ गया है, इससे कारोबार ठप पड़ा है। थोक मंडी के साथ रिटेल शोरूम में भी ग्राहकों की संख्या काफी आ रही है। सोने की कीमत सामान्य तौर पर दोपहर 2 बजे तक रेट खोल दिया जाता है, लेकिन शुक्रवार को काफी देर तक ऊहापोह की स्थिति बनी रही.

रूस समेत कई यूरोपीय देशों में पूर्वांचल की निर्मित वस्तुओं का काफी निर्यात होता है। इससे कई लोगों को आर्थिक लाभ होता है, लेकिन दोनों देशों के बीच शुरू हुए युद्ध के बीच हालात बदल रहे हैं। तमाम आर्डर कैंसिल हो रहे हैं.

-राजेश कुमार सिंह, अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती काशी संभाग

रूस और यूक्रेन समेत कई देशों में हमारे यहां से कारपेट, दरी, हैंडीक्राफ्ट का निर्यात बड़े स्तर पर किया जाता है। युद्ध होने की आशंका का असर निर्यात पर पडऩे लगा है। 25 से 30 प्रतिशत ऑर्डर कम हो गए हैं.

-दीनानाथ बरनवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश कारपेट निर्यातक और लघु उद्योग भारती

दोनों देशों के मध्य तनाव को देखते हुए बड़ी मात्रा में निर्यात के ऑर्डर निरस्त हुए हैं। पूर्व में हुए निर्यात का भुगतान भी रुक गया है। इससे उद्योग प्रभावित हो रहे हैं। सरकार को उद्यमियों की समस्याओं पर तत्काल ध्यान देना चाहिए, अन्यथा बनारसी साड़ी तथा हैंडलूम के निर्यातक उद्यमी उद्योग बंद करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.

-सर्वेश श्रीवास्तव, संयोजक, निर्यातक और ग्राम शिल्पी प्रकोष्ठ लघु उद्योग भारती

बनारसी साड़ी उद्योग अभी कोरोना से पूरी तरह उभरा भी नहीं था और अभी धीरे-धीरे निर्यात बढ़ रहा था कि इन दोनों देशों के मध्य युद्ध ने फिर से उद्योग को बंदी की तरफ धकेल दिया है। अभी के ताजा घटनाक्रम का असर पडऩा शुरू हो गया है.

-अनिल बहल, उपाध्यक्ष, बनारसी साड़ी निर्माता वस्त्र डिवीजन लघु उद्योग भारती काशी

रूस-यूक्रेन युद्ध से सोने की कीमत में उछाल आया है। बनारस में सोने की कीमत में तेज उछाल से रिटेल कारोबार के व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ा है। अभी दाम में अनिश्चितता की स्थिति रहेगी.

-संतोष अग्रवाल, ज्वेलर्स

Posted By: Inextlive