-तलाश में पुलिस लगातार दे रही थी दबिश

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी मेराज अहमद उर्फ भाई मेराज ने शनिवार को जैतपुरा थाना क्षेत्र के सरैया चौकी पर आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और अधिकारी पूछताछ करने मौके पर पहुंच गए। मेराज के खिलाफ फर्जी दस्तावेज के आधार पर कई थाना क्षेत्रों में शस्त्र लाइसेंस बनवाने का आरोप है। इस मामले में उसके खिलाफ जैतपुरा व कैंट थाने में मुकदमा दर्ज है। जिला पुलिस की रिपोर्ट पर पिछले दिनों डीएम कौशलराज शर्मा ने मेराज से संबंधित आठ शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिया था। मेराज के भाई सेराज को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। जैतपुरा पुलिस के मुताबिक सेराज ने मेराज की भागने में मदद की थी और उसे संरक्षण दिया था। सेराज प्रयागराज के सराय नाइक थाना में सिपाही है। उसे इसी मामले में निलंबित किया जा चुका है। मेराज के खिलाफ पहले से ही बनारस के अतिरिक्त अन्य जिलों में करीब 24 मुकदमे पंजीकृत हैं। वर्ष 2002 में सिगरा के मलदहिया चौराहो पर चार लोगों की हत्या में भी मेराज का नाम चर्चा में आया था।

मूल रूप से गाजीपुर के करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के महन गांव निवासी मेराज पहडि़या क्षेत्र की अशोक विहार कालोनी में रहता है। उसने थाना जैतपुरा की फर्जी मुहर, सब इंस्पेक्टर की रिपोर्ट व प्रभारी निरीक्षक द्वारा अग्रसारित करके अपने लाइसेंसी असलहे .30 बोर की पिस्टल का नवीकरण करा लिया था। जैतपुरा पुलिस की जांच में मालूम हुआ कि मेराज ने ट्रेजरी चालान भी फर्जी लगाया था। छह जनवरी 2019 को ट्रेजरी चालान जमा होना दिखाया गया है, जबकि उस दिन रविवार था और सभी बैंक बंद थे। ऐसा ही प्रकरण थाना कैंट में मेराज के चाचा के लड़के दिलशाद व ड्राइवर वसीम के विरुद्ध भी पाया गया। इस संबंध में थाने में इन लोगों के विरुद्ध भी मुकदमा पंजीकृत किया गया। मेराज के भाई अब्दुल कलाम के नाम से भी तीन असलहों के लाइसेंस बने थे जिनको जिला मजिस्ट्रेट द्वारा निलंबित कर दिया गया, परंतु निलंबन के बाद भी असलहा जमा न करने पर अब्दुल कलाम व मेराज के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया।

Posted By: Inextlive