-काशी में मेट्रो संचालन की जगह अब लाइट मेट्रो चलाने की बन रही योजना

-प्रेजेंटेशन के बाद अफसरों ने राइट्स के कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान में बदलाव के दिए सुझाव

-लाइट मेट्रो के साथ ही रोड व वाटर बेस्ड प्लान बनाने का दिया निर्देश

VARANASI

काशी में मेट्रो संचालन की सम्भावना कम दिख रही है। इसकी जगह अब लाइट मेट्रो चलाने की योजना बनाई जा रही है। मंगलवार को कार्यदायी संस्था रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) की तीन सदस्यीय टीम ने कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान का प्रेजेंटेशन किया, लेकिन अफसरों ने कुछ नए बिन्दुओं को शामिल कर संशोधित प्लान बनाने को कहा। इसमें शहर में लाइट मेट्रो संचालन के साथ ही रोड व वाटर बेस्ड प्लान बनाने के लिए कहा गया है। संशोधित मोबिलिटी प्लान स्वीकृत होने के बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनेगी। वीडीए अफसरों के मुताबिक केन्द्र सरकार की मेट्रो संचालन नीति-2017 के हिसाब से ही डीपीआर बनेगी।

इस बार कम खर्च वाला प्लान

काशी में मेट्रो चलाने के लिए इस बार कम खर्च और ज्यादा इनकम वाला प्लान तैयार किया गया है। वीडीए अफसरों के मुताबिक पिछली बार से लागत आधी कर दी गई है। अफसरों ने राइट्स को करीब 81 लाख देकर कम खर्च वाला और ज्यादा सुविधायुक्त प्लान तैयार करने को कहा। जिसके बाद फरवरी और मार्च में राइट्स के अफसरों ने दोबारा निर्धारित रूट का सर्वे किया। राइट्स ने मोबिलिटी प्लान तैयार कर लखनऊ में उसका प्रेजेंटेशन किया।

दो कारणों से लटका था प्रोजेक्ट

शहर में मेट्रो संचालन के लिए 2015 में पहली बार जब सर्वे हुआ था। उसमें खर्च ज्यादा और इनकम कम दिख रही थी। वहीं केन्द्र सरकार ने मेट्रो संचालन संबंधी नई नीति तैयार की। दोनों कारणों से प्रोजेक्ट अधर में लटक गया। एक कारण यह भी था कि फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट रिटर्न रेशियो (एफआईआरआर) आठ फीसदी से कम होने पर तकनीकी सवाल खड़ा हो गया था। इस बीच वीडीए ने फिर से शहर में मेट्रो संचालन की कवायद शुरू कर दी, लेकिन सड़कों की हालत व अन्य कारणों से लाइट मेट्रो के संचालन पर सहमति बनी।

घाटों को भी जोड़ने की योजना

काशी के आधा दर्जन घाटों को भी मेट्रो से जोड़ने के लिए सर्वे किया गया है। डेली ज्यादा आबादी के आवागमन को देखते हुए राइट्स ने इसकी भी पड़ताल की है। काशी स्टेशन पर प्रस्तावित इंटर मॉडल स्टेशन से भी मेट्रो को जोड़ने के लिए सर्वे किया गया है। सामने घाट में भी स्टेशन और टर्मिनल बनाने का प्रस्ताव है।

इन पर होगा फोकस

- शहर में वाहनों का कितना है घनत्व

- मेट्रो संचालन कितना होगा कारगर

- मेट्रो लाइन के दोनों ओर लास्ट माइल कनेक्टविटी

- लागत से 50 फीसदी कम किया जाएगा खर्च

- शहर के बाहरी इलाकों में संचालन की सम्भावना

- लाइट मेट्रो व मोनो रेल की ज्यादा सम्भावना

- छोटी बोगी व छोटे पिलर का प्लान

एक नजर

20

हजार करोड़ पहले थी लागत - 10

हजार करोड़ लागत इस बार

29.5

किलोमीटर होगी मेट्रो लाइन

04

डिब्बे अधिकतम रहेंगे ट्रेन में

02

कॉरिडोर बनाए जाने हैं

26

स्टेशन बनाने का है प्रस्ताव

कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान में कुछ बदलाव के लिए राइट्स को कहा गया है। संशोधित प्लान पास होने के बाद डीपीआर बनाने का काम शुरू होगा। लाइट मेट्रो संचालन की ज्यादा सम्भावना है।

राजेश कुमार, उपाध्यक्ष, वीडीए

Posted By: Inextlive