जिले का मौसम ठंडा हो रहा हो लेकिन मच्छरों का आतंक कम नहीं हो रहा बारिश के साथ गंदगी भी बनी समस्या फॉगिंग न होने से भिनभिना रहे मच्छर


वाराणसी (ब्यूरो)बनारस लगातार ठंडा होता जा रहा है, लेकिन गर्मी में परेशान करने वाले मच्छरों का आतंक इस ठंडी में भी कम नहीं हुआ है। अभी जिले से मच्छरों का प्रकोप खत्म नहीं हुआ है। मच्छरों ने जहां रात में लोगों का जीना मुहाल किया हुआ है, वहीं दिन में घरों और कार्यालयों में लोगों का खून चूस रहे हैं। मच्छरों के प्रकोप से लोगों को बचाने के लिए न तो नगर निगम फिक्रमंद है और न ही स्वास्थ्य विभाग। इधर बारिश के बाद और भी ज्यादा मुश्किलें बढ़ गई हैं। बारिश के बाद कीचड़ और गली मुहल्लों में कचरा व गंदगी से भी हर जगह मच्छर भिनभिना रहे हैं। मच्छरों को काबू में रखने के लिए फॉगिंग व कीटनाशकों के छिड़काव को ही एकमात्र तरीका माना गया है। मगर जिम्मेदार विभागों की ओर से ऐसा कुछ नहीं हो रहा है.

ठंड के साथ बुखार की मार

जिले में गलन और ठिठुरन के साथ ठंड का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। शनिवार को धूप सूर्य देव के दर्शन नहीं हुए। इससे ठिठुरन बनी रही। शनिवार को तापमान 18 डिग्री सेल्सियस और रात का न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस रहा। उधर, मच्छरों का प्रकोप होने से बुखार के केस अभी भी अस्पतालों में आ रहे हैं। मच्छर मलेरिया और डेंगू का कारण बनते हैं। इसलिए लोगों में इस तरह की बीमारी होने का डर भी बना है। डेंगू का असर सर्दियों में भले ही कम हो जाता है, लेकिन जब मच्छर कम न हों तो इसके फैलने की संभावना बनी रहती है। सर्दी में कुछ दिन पहले ही डेंगू के संदिग्ध मामले आए थे, हालाकि जांच में दोनों नेगेटिव पाए गए। मच्छरों के खात्मे के लिए पूरी गर्मी और बरसात फॉगिंग हुई और कीटनाशकों का छिड़काव हुआ लेकिन कोई ज्यादा असर अभी तक देखने को नहीं मिला है।

सर्दी-जुकाम के मरीज अधिक

चिकित्सकों की मानें तो मौसम ठंडा होने से बुखार अभी ज्यादा नहीं है। मगर सर्दी, जुकाम व खांसी के ज्यादा मरीज आ रहे हैं। मच्छर अभी खत्म नहीं हुआ है, जिससे लोगों को अभी भी पूरी तरह से सतर्कता बरतनी जरूरी है। मच्छर काटने से बुखार होने का खतरा होता है। मंडलीय अस्पताल के फिजिशियन डॉ। एके गुप्ता का कहना हे कि अभी दिन और रात के तापमान में बुहत ज्यादा अंतर नहीं है। लोगों को मच्छरों के काटने से बचाव के तरीके अपनाने चाहिए।

इस तरह करें मच्छरों से बचाव

- रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें

- शरीर को ढकने वाले पूरी बाजू के कपड़े पहने

- घर में नमी खत्म करने व रोशनी के लिए दिन में खिड़की-दरवाजे खुले रखे

- घर व अपने आसपास साफ-सफाई रखें

- जलभराव न होने दे और उसमें कीटनाशक दवा का छिड़काव करें

- बुखार होने पर चिकित्सक की सलाह से जांच व उपचार कराएं

अगर आने वाली गर्मियों में मच्छरों की आबादी पर काबू पाना है तो सर्दियों में भी छिड़काव जरूरी हो गया है। सर्दियों में मच्छरों को कम करने के लिए फॉगिंग और कीटनाशकों का छिड़काव जारी रखेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में दवा का छिड़काव हो रहा है। शहरी क्षेत्र में नगर निगम कराएगा.

शरत चंद्र पांडेय, जिला मलेरिया अधिकारी

Posted By: Inextlive