-आग की लपटों ने छीन लिया बेटी के सिर से मां का आंचल

- दूसरों को प्रेरित करने वाली ने खुद को ही जला डाला

- बीएचयू की ऐसोसिएट प्रोफेसर ने आग लगाकर दे दी जान

बंद कमरे में मां आग की लपटों में खुद को समेटे मौत को गले लगा रही थी, इधर मां को बचाने के लिए बेटी चिल्लाती हुई लोगों से अपनी मां के जीवन की भीख मांग रही थी। प्लीज मेरी मां को बचा लो, यह कहकर आसपास के लोगों से मदद मांगती रही। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था, जबतक लोग आते तबतक मां की जीवन लीला समाप्त हो चुकी थी। घटना सोमवार की दोपहर बीएचयू परिसर की है। जहां महिला एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। किरण सिंह ने आत्मदाह कर खुद की जीवनलीला को समाप्त कर ली।

ग‌र्ल्स हॉस्टल की वॉर्डेन भी थीं

सोमवार की दोपहर बीएचयू परिसर में महिला प्रोफेसर डॉ। किरण सिंह ने आत्मदाह कर लिया। प्रोफेसर परिसर में ही बने सरोजिनी नायडू ग‌र्ल्स हॉस्टल की वॉर्डेन भी थीं। हॉस्टल के करीब ही सरकारी आवास के फ्लैट के कमरे में महिला प्रोफेसर ने ऐसा आत्मघाती कदम उठाया। यह सुनकर उनके जानने वालों के होश उड़ गए।

चंद कदम की दूरी लग गए 15 मिनट

घटना को लेकर आसपास के लोगों में आक्रोश देखने को मिला। लोग यह कहते नजर आए कि उनकी बेटी शोर मचाकर लोगों को बुला रही थी, जबकि चीफ प्रॉक्टर कार्यालय की दूरी वहां से वॉकिंग डिस्टेंश पर है। वहां के सुरक्षाकमियों को घटनास्थल पर पहुंचने में 15 मिनट लग गए, जबकि फायर ब्रिगेड को आधे घंटे लग गए। लोगों का कहना था कि अगर यह सब लोग समय से पहुंच जाते तो शायद आज वह जिंदा होतीं। इधर, सूचना मिलने के कुछ ही समय बाद मौके पर पहुंची पुलिस आत्महत्या की वजह तलाशने में जुटी रही।

अवसाद ग्रस्त थीं

मृतक डॉ। किरण सिंह बीएचयू में विज्ञान संस्थान के मॉलिक्यूलर एंड ह्युमन जेनेटिक्स डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर थीं। बताया जाता है कि किसी बीमारी के चलते उनके यूट्रस को निकाल दिया गया था, जिसके चलते वह अवसाद ग्रस्त थीं।

बेटी ग्राउंड फ्लोर पर खेल रही थी

46 वर्षीय डॉ। किरण मूलरूप से गोरखपुर की रहने वाली थीं। वह सरोजिनी नायडू हॉस्टल परिसर में बने सरकारी आवास में पति विवेक सिंह और बेटी 12 वर्षीय स्वयंप्रभा उर्फ एनी के साथ रहती थीं। जिस समय यह घटना घटित हुई उस समय डॉ। किरण के पति विवेक किसी काम से भोजूबीर गए थे। बेटी ग्राउंड फ्लोर के कमरे में खेल रही थी। सोमवार की दोपहर उनकी बेटी ने देखा कि घर के फ‌र्स्ट फ्लोर पर बने कमरे से धुआं बाहर निकल रहा है।

मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम

घटना की सूचना जैसे ही लंका पुलिस को मिली प्रभारी निरीक्षक महेश पांडेय पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। उधर कुछ ही समय में एडीसीपी काशी जोन विकास चंद्र त्रिपाठी भी पहुंच गए। उन्होंने मौके पर फारेंसिक टीम को भी बुलाया। प्रभारी निरीक्षक महेश पांडेय ने बताया कि मृतक के हाथ में एक प्लास्टिक के डिब्बे के कुछ अंश मिले हैं, जिससे प्रतीत हो रहा है कि किसी ज्वलनशील पदार्थ को अपने ऊपर उन्होंने उड़ेल लिया होगा। फिलहाल फारेंसिक टीम जानकारी एकत्र कर रिपोर्ट तैयार करने में लगी हुई है।

कुछ ही समय बाद पहुंच गए पति

डॉ। किरण की मौत के कुछ ही समय बाद उनके पति विवेक सिंह भी मौके पर पहुंच गए। बेटी और पति दोनों का रो रोकर बुरा हाल था। लंका थाना प्रभारी महेश पांडेय ने बताया कि मृतक के पति ने बताया कि किरण के पिता और भाई ने भी इसी तरह से मौत को गले गला लिया था। विवेक सिंह के अनुसार डॉ। किरण यूट्रस के ऑपरेशन के बाद से ही डिप्रेशन में चली गई थीं।

Posted By: Inextlive