-तुलसी घाट पर विश्व प्रसिद्ध नाग नथैया लीला देखने को उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

-गंगा बन गयीं यमुना, जय कन्हैया लाल के उद्घोष से गुंजित हुआ तट

VARANASI

कान्हा ने एक गेंद के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी। जिस यमुना नदी में भयंकर कालिय नाग का वास है उसमें कूद पड़े। नदी के पानी में तेज हलचल होती है। आंखों में भय और चिंता का मिलाजुला भाव लिए यमुना किनारे हजारों की भीड़ की सांस अटकी सी है। चिंता की लकीरें आंखों को नम कर गयीं कि हो न हो कालिय नाग ने नटवर नागर को अपना ग्रास बना लिया है। तभी अचानक कालिय नाग के फन पर सवार होकर भगवान कृष्ण पानी से ऊपर आये और धरती से लेकर आकाश तक वृंदावन बिहारी लाल के जयघोष से गुंजित हो उठा। भगवान कृष्ण ने कालिय नाग का मान मर्दन कर दिया। गुरुवार को दोपहर बाद गंगा का पावन तट तुलसी घाट भगवान कृष्ण की इस लीला का साक्षी बना। विश्व प्रसिद्ध नाग नथैया लीला देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटी रही।

कालिय का किया मान मर्दन

श्रीकृष्णा लीला के दौरान गंगा यमुना बन गयीं। इसके तट पर भगवान कृष्ण अपने सखाओं के साथ गेंद खेल रहे थे कि अचानक गेंद पानी में चली गई। लेकिन यहां तो कालिय नाग का आतंक है। लेकिन गेंद तो बाहर लानी ही थी। प्रभु चुपचाप मुस्कुरा रहे थे। फिर अचानक ही भगवान कृष्ण कदम्ब के पेड़ की डाल से यमुना बनी गंगा की धार में कूद पड़े। थोड़ी ही देर में वे कालिया नाग के फन पर सवार बांसुरी बजाते प्रकट हुए। भगवान ने खेल-खेल में ही कालिय नाग के दंभ को चूर-चूर कर दिया। ढोल, घंटे, डमरू और शंख की गगन भेदी स्वरों से गंगा तट गुंजित हो उठा। भक्तों की भीड़ स्वयं प्रभु को अपने बीच पाकर निहाल हो उठी। जै कन्हैया लाल के गगनभेदी उद्घोष से स्वर्ग में बैठे देवताओं को भी इस बात की सूचना दे दी कि भगवान कृष्ण ने कालिय नाग पर विजय प्राप्त कर ली है।

कुंवर पहुंचे दर्शन को

तुलसी घाट पर पिछले चार सौ सालों से चली आ रही परंपरा के क्रम में नाग नथैया लीला का आयोजन हुआ। प्रभु श्रीकृष्ण के दर्शन को कुंवर अनंत नारायण सिंह भी पहुंचे। जैसे ही रामनगर किले से उनका स्टीमर तुलसी घाट पहुंचा जनता ने हर हर महादेव के नारे से स्वागत किया। कुंवर ने लीला पूरी होने पर भगवान को पुष्पों की माला अर्पित की।

Posted By: Inextlive