डेंगू-मलेरिया के रोकथाम के लिए नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग नहीं दे रहा ध्यान

-बारिश शुरू होने के बाद भी शहर में नहीं हो रहा दवा का छिड़काव

-जगह-जगह जल जमाव होने से पनप रहे मच्छर

बारिश के साथ ही डेंगू मलेरिया के सीजन की शुरुआत हो चुकी है। शहर में जगह-जगह जल जमाव होने के कारण मलेरिया के मच्छरों के पनपने का खतरा बढ़ गया है। नालियां जाम हैं तो कहीं सीवर से का गंदा पानी भरा हुआ है। हर रोज अस्पतालों में मच्छर जनित रोगों से पीडि़त पहुंच रहे हैं।

इसके बावजूद नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। मच्छर पनपने न पाएं इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण कहीं भी एंटी लार्वा व पावडर का छिड़काव नहीं किया जा रहा है। जबकि डेंगू मलेरिया के रोकथाम के लिए नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग में कार्य योजना दो माह पहले ही बना ली गई थी। यही नहीं स्वास्थ्य विभाग भी मान रहा है कि जाम नाली और गंदगी की वजह से मच्छर पनप रहे हैं।

मैन पावर की कमी

नगर निगम हर साल बरसात से पहले डेंगू-मलेरिया से बचाव व रोकथाम के लिए कार्य योजना तैयार करता है। मैन पावर की कमी का बहाना उसके सामने आ जाता है। इस बार भी ऐसा ही कुछ है। नगर निगम के पास 90 वॉर्ड के लिए आधे से भी कम फिल्ड वर्कर हैं। निगम के रिकार्ड के अनुसार एक वॉर्ड के लिए सिर्फ दो कर्मचारी हैं। ऐसे में शहर डेंगू-मलेरिया से कितना बचा पाएंगे कहना मुश्किल है।

ब्लॉक तक सीमित स्वास्थ्य विभाग

डेंगू-मलेरिया से पीडि़त मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके इसके लिए दो माह पूर्व दोनों विभागों में कार्ययोजना तैयार की गई थी। लेकिन वह कागजों तक ही सीमित रह गयी है। हकीकत में मच्छर जनित रोग के रोकथाम का कोई इंतजाम नजर नहीं आता है। वहीं मलेरिया अधिकारियों का कहना है कि शहर के सभी ब्लॉक के पीएचसी, सीएचसी पर एंटी लार्वा छिड़काव कराए जाने के लिए पर्याप्त मात्रा में कीटनाशक दवाएं उपलब्ध करा दी गई हैं।

नहीं बना अभी तक वॉर्ड

हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से शहरी व ग्रामीण इलाकों में लार्वा रोधी छिड़काव कराने के साथ ही डिस्ट्रिक्ट व मंडलीय हॉस्पिटल में डेंगू वॉर्ड बनाकर बेड रिजर्व करने को निर्देशित किया था। लेकिन अभी तक ऐसा कही नहीं दिखा। जबकि हर रोज मच्छर जनित रोगों के पीडि़त मरीज हर रोज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। वॉर्ड नहीं होने की वजह से उनके इलाज में परेशानी होती है।

जागरुकता है जरूरी

जिला मलेरिया अधिकारी का कहना है कि संक्रामक बीमारी पर काबू पाने के लिए जन जागरूकता जरूरी है। विभाग द्वारा एक जुलाई से संक्रामक रोग जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। लोगों व स्कूली बच्चों को इस बीमारी के प्रति जागरुक करने के लिए कार्य योजना बनाई है। विभाग के फिल्ड वर्कर डिस्ट्रिक्ट के सभी स्कूल्स में जाकर बच्चों को डेंगू-मलेरिया से बचने और उसके खात्मे के लिए अवेयर कर रहे है।

एक नजर

स्वास्थ्य विभाग में

28

फिल्ड वर्कर हैं शहरी क्षेत्र में

02

फिल्ड वर्कर हैं ग्रामीण क्षेत्र में

12

सुपरवाइजर हैं शहरी क्षेत्र में

107

डेंगू के कंफर्म केस पिछले साल मिले थे

323

मलेरिया के कंफर्म केस पिछले साल मिले थे

50

संदिग्ध मलेरिया के मरीज पहुंचे अस्पतालों में

-------

नगर निगम में

90

वॉर्ड शहर में

180

कर्मचारी दवा छिड़काव के लिए

02

कर्मचारी एक वॉर्ड में

14

कर्मचारी संक्रामक रोग अभियान के लिए

डेंगू-मलेरिया से बचाव के लिए जुलाई के शुरुआत से एंटी लार्वा और दवा का छिड़काव किया जा रहा है। नगर निगम व जलकल की लापरवाही की वजह से मच्छर पनप रहे है। जगह-जगह नालियां और सीवर जाम है।

सरत पांडेय, जिला मलेरिया अधिकारी

निगम की तरफ से दवा का छिड़काव हो रहा है। शिकायत होने पर कर्मचारियों को भेजकर दवा का छिड़काव कराया जाता है।

जीएन केशरवानी, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी

Posted By: Inextlive