-नागपंचमी के ही दिन नागकुंआ में पूजन करने का है विधान

कोरोनाकाल के बीच सावन महीने की शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि यानि शनिवार को नाग पंचमी मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक इस साल शिव योग में नाग पंचमी पूजा का एक अद्भुत योग बन रहा है। इसमें भगवान शिव की नागों से पूजा उत्तम और कल्याणकारी है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग-नागिन की पूजा करने से विषैले जीव-जंतुओं के काटने का भी डर नहीं रहता है। ज्योतिषाचार्य बब्बन तिवारी के मुताबिक नाग पंचमी तक्षक पूजा पंचमी तिथि दिन में 1 बजकर 53 मिनट तक नाग पंचमी की पूजा की जाएगी। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को द्वार के दोनों तरफ गाय के गोबर से सर्प की आकृति बनाकर शुद्ध देसी घी जल एवं दूध से तर्पण करके दही, दूर्वा, धूप, दीप, फूल माला इत्यादि से पूजन कर गेहूं दूध तथा धान के लावा का भोग लगाना चाहिए। इससे तक्षक आदि नाग देवता प्रसन्न होते हैं। नागपंचमी के ही दिन नागकुंआ में भी पूजन करने का विधान है।

नागकूप पर होगा ऑनलाइन शास्त्रार्थ

कोरोना महामारी को देखते हुए नागपंचमी के दिन नागकूप पर सदियों से चली आ रही शास्त्रार्थ की परंपरा इस बार ऑनलाइन होगी। नागकूप का संबंध महíष पतंजलि से है। ऐसी मान्यता है कि यहां श्रावण शुक्ल पंचमी तिथि पर शास्त्रार्थ करने से वाणी पवित्र होती है और मेधा शक्ति का विकास होता है।

Posted By: Inextlive