क्लास 5 7 व 8 की किताबें न मिलने से हो रही दिक्कत बच्चों का छूट रहा कोर्स दो महीने बाद आएगी बुक यह कहकर दुकानदार कर रहे वापस


वाराणसी (ब्यूरो)

केस-1

सिगरा निवासी राजकुमार एनसीईआरटी की क्लास 6 की पुस्तकें न मिलने से काफी परेशान हैं। स्कूल खुल गया है और उनका बच्चा स्कूल भी जाने लगा है। स्कूल से लगातार कहा जा रहा है कि बच्चे की बुक खरीद लें, लेकिन राजकुमार क्या करें। बुक की दुकानों पर एनसीईआरटी बुक ही नहीं आई है। वह किताब लेने के लिए तीन से चार बार बुक की दुकान पर जा चुके हैं। सूचना देने के लिए बुक विक्रेता ने नंबर रख लिया है।

केस-2

दारा नगर निवासी अनिल शाह भी एनसीईआरटी की किताबों को लेकर परेशान हैं। क्लास 3 और 6 क्लास की किताबें नहीं मिल रहीं। जब भी बुक शॉप पर जाते हैं तो यह कहकर वापस कर दिया जा रहा है कि एक महीने बाद बुक मिलेगी।

यह तो सिर्फ दो केस हैं, लेकिन शहर में कई ऐसे गार्जियन हैं। जो स्कूल ओपन होने के बाद किताबें न मिलने से परेशान हैं। बुक की दुकानों पर भी इन दिनों काफी भीड़ है। इनमें से कई किताबें ऐसी हैं, जो मिल जा रही हैं, लेकिन कई बुक ऐसी हैं, जो अभी तक छपकर नहीं आई हैं। अभिभावक बुक न मिलने से परेशान हैं, क्योंकि कई एजेंसियों पर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबें पहुंची ही नहीं हैं। आलम यह है कि एनसीईआरटी की बुक्स न मिलने से पेरेंट्स को मजबूरन प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें लेनी पड़ रही हैं। एनसीईआरटी की जो किताब 65 रुपए की है। प्राइवेट पब्लिशर्स की वही किताब 300 रुपए की है।

एजेंसी सरेंडर कर रहे संचालक

कमच्छा-गुरुबाग स्थित दुकानदार रॉबिन जायसवाल का कहना है कि एनसीईआरटी की किताबों को लेकर हमेशा दिक्क्त होती है। अप्रैल का महीना शुरू हो गया है, लेकिन अभी तक क्लास 3, 6, 7 व 8 की किताबें नहीं मिली हैं। पूरा रैक खाली है। समय पर एनसीईआरटी की किताबें न मिलने से कई एजेंसी संचालकों ने अपनी एजेंसी को कैंसिल करवा कर डिपाजिट की गई रकम वापस ले ली है। अब तक 7 लोगों ने अपनी एजेंसी को सरेंडर किया है।

प्राइवेट पब्लिशर्स की बुक अवेलबल

किताबों की दुकानों पर एनसीईआरटी की किताबें नहीं मिल रही हैं। जबकि निजी प्रकाशकों की किताबें काफी महंगी हैं। वह आसानी से मिल जा रही हैं। अभिभावक निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर हैं। केंद्रीय विद्यालय की प्रिंसिपल करुणा करन उपाध्याय ने कहा, जिन बच्चों के पास एनसीईआरटी की किताबें नहीं हैं। वह एनसीईआरटी की वेबसाइट पर जाकर अपने क्लास की किताबें डाउनलोड कर प्रिंट निकालकर पढ़ सकते हैं.

नहीं मिल रहीं ये बुक

कक्षा पांच की मैथ मैजिक, लूकिंग अराउंड, मेरीगोल्ड और रिमझिम आदि किताबें बुक सेलर्स के पास नहीं हैं। इसके अतिरिक्त कक्षा 7 व 8 की भी कुछ बुक नहीं हैं।

प्राइवेट पब्लिशर्स की बुक महंगी

एनसीईआरटी की एक किताब 50 से 60 रुपए की मिलती है तो निजी प्रकाशकों की किताबें 300 से 400 रुपए में मिल रही हैं। एनसीईआरटी बुक की तुलना में प्राइवेट पब्लिशर्स के बुक पांच गुना महंगी है।

रेट में इतना अंतर

बुक --- एनसीईआरटी रेट ---- प्राइवेट पब्लिशर्स रेट

मैथ मैजिक- 65 ------------ 300

लूकिंग एराउंड- 65 ----------- 330

मेरीगोल्ड - 65 -------------- 360

रिमझिम- 65 ---------------- 320

स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम ही अनिवार्य किया गया है। दुकानों पर पुस्तक नहीं मिल रही है। इसके लिए एनसीईआरटी से बात की जाएगी।

अरविंद कुमार पाठक, बेसिक शिक्षा अधिकारी

किताबें पिछले कई महीनों से दिल्ली से नहीं आ रही हैं। किताब के लिए दिल्ली भी गया था, लेकिन उस समय किताब पब्लिश नहीं हुई थी.

रॉबिन जायसवाल, बुक सेलर

बच्चों की किताबें बहुत ही मुश्किल से मिल रही हैं। कई क्लास की किताबें तो मिल ही नहीं रही हैं.

स्नेहा जायसवाल, गार्जियन

एनसीईआरटी की किताब आसानी से नहीं मिल पा रही है। बाकी अन्य किताबें मिल रही हैं। क्लास 3 की किताब नहीं मिली हंै.

किरण खुराना, गार्जियन

Posted By: Inextlive