स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता न दवा का छिड़काव हो रहा न कहीं फॉगिंग हो रही गली-मुहल्लों में साफ-सफाई की भी नहीं है समुचित व्यवस्था


वाराणसी (ब्यूरो)डेंगू-मलेरिया और वायरल फीवर समेत मच्छरजनित बीमारियों ने पूरे शहर में आतंक फैला रखा है। ऐसा कोई घर नहीं बचा है जहां कोई बीमार न हो। सरकारी से लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल की ओपीडी में रोगियों की लाइन लगी हुई है। ज्यादातर मरीज मच्छरों की वजह से बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। शायद ही कोई ऐसा एरिया हो जहां मच्छर दिन और रात में परेशान न कर रहे हों। बावजूद इसके जिम्मेदारों के कान में न तो मच्छरों की भिनभिनाहट पहुंच रही है, ना ही उनके कान पर जू रेंग रहा। जिला मलेरिया विभाग का दावा है कि शहर में जगह-जगह फागिंग और दवा का छिड़काव हो रहा है। लेकिन हकीकत कही कुछ नहीं हो रहा। मच्छरों से बचाव को लेकर न कही दवा का छिड़काव हो रहा है न कही फॉगिंग कराई जा रही है। यही नहीं गंदगी को लेकर भी कुछ खास इंतजाम नहीं है। गली-मुहल्लों में साफ-सफाई तक की भी समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। रविवार के दिन गलियों में कूड़े का उठान तक नहीं हो रहा।

सिर्फ कागजी खानापूर्ति

नगर निगम शहर में सफाई व्यवस्था तो दूर यहां मच्छरों की बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाने में भी नाकामयाब है। जहां घरों में मच्छरों के प्रकोप से लोगों की नींद उड़ी हुई है, वहीं नगर निगम और जिला मलेरिया विभाग चैन की नींद सो रहा है। मच्छरों के प्रकोप को कंट्रोल करने के काम पर दोनों विभागों में सिर्फ खानापूर्ति ही हो रही है। सीधे तौर पर कहे तो दोनों विभाग नाकामी का सिर्फ एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

क्वॉयल और लिक्विड भी नाकाम

शहर के जिम्मेदारों की सुस्ती के चलते मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए लोग खुद ही अपने-अपने तरीकों से लड़ रहे हैं। लेकिन ये इंतजाम भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। मच्छर भगाने वाले लिक्विड और क्वायल तथा अन्य तरीकों से भी बहुत ज्यादा राहत नहीं मिल रही है। मच्छरों की तादात ज्यादा और इंतजाम कुछ ही देर के लिए राहत दे पा रहे हैं।

इस तरह से खुद करें अपना बचाव

-ऐसे कपड़े ज्यादा पहनें जिसमें शरीर का ज्यादा हिस्सा ढका रहे.

-मच्छरजनित बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि अपन और बच्चे का ख्याल रखें.

-घर के अंदर और बाहर के एरिया में अच्छी खाफ-सफाई रखे जिससे मच्छर घर ना करें.

-मच्छर मारने या भगाने वाले तरीकों का इस्तेमाल सावधानीपूर्वक करें। -कमरा बंद कर क्वायल का इस्तेमाल बिल्कुल न करें क्योंक ये बहुत हानिकारक है।

-मच्छरों से बचने के लिए मेडिकेडेट नेट सुरक्षित तरीका है.

शहरी क्षेत्र में फॉगिंग की जिम्मेदारी नगर निगम की है। फॉगिंग न होने की शिकायत की जांच कराई जाएगी। शहरी मलेरिया इकाई व नगर निगम से कोऑर्डिनेट कर फॉगिंग के लिए कहा जाएगा.

शरद चंद्र पांडेय, डीएमओ-मलेरिया विभाग

हर एरिया में फॉगिंग हो रही है। टीम लगी हुई है। जहां कही भी फॉगिंग नहीं हो रही है, उसकी जांच कराई जाएगी.

डॉएनपी सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

Posted By: Inextlive