-बढ़ते कोरोना संक्रमण में भी जारी है रोडवेज की लापरवाही

-यात्री से लेकर, रोडवेज कर्मी तक उड़ा रहे नियमों की धज्जियां

-दो गज की दूरी को भी कर दिया गया है दर किनार

-सफर करने वाले अधिकांश लोग नहीं पहन रहे हैं मास्क

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने पूरे बनारस में दहशत का माहौल बना दिया है। कोरोना के बढ़ते दायरे को देखते हुए अब लोगों में डर बढ़ता जा रहा है। देश ही नहीं बनारस में भी कोरोना डेली नए रिकार्ड बना रहा है। इन सब के बावजूद परिवहन निगम लापरवाही बरतने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर परिवहन निगम कर्मी भयभीत तो हैं, लेकिन बस स्टैंड पर रोडवेज कर्मी आने और जाने वाले यात्रियों का थर्मल स्कैनिंग तक करने से भी परहेज कर रहे हैं। सोमवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जब इसकी पड़ताल की तो कोरोना गाईडलाइन व प्रोटोकॉल का खुलेआम उल्लंघन होता दिखा। रोडवेज में कोरोना संक्रमण से न तो आने-जाने वाले यात्रियों को कोई फर्क पड़ रहा है और न उन बस ड्राइवर और कंडक्टर को जिनके कंधे पर यात्रियों को लाने ले जाने की जिम्मेदारी है।

थर्मल स्कैनिंग नहीं हो रही

रोडवेज कर्मी बस अड्डे पर आने वाले यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग तक नहीं कर रहे हैं। अगर कोई उस रास्ते से आ गया तो सिर्फ औपचारिकता पूरी कर रहे हैं। उनकी कोशिश है कि आने-जाने वाले यात्री दूसरे रास्ते से निकल जाएं। उन्हें उनकी थर्मल स्कैनिंग नहीं करनी पड़े। वहीं, सुरक्षा को लेकर रोडवेज बस स्टैंड पर बना घेरा भी पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है, जिस यात्री को जिधर से मन कर रहा है उधर से निकल जा रहा है। कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है। हर तरफ से रास्ता खुला हुआ है।

स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्लान का निकला दम

रोडवेज बस स्टैंड पर कोविड-19 के सुरक्षा के मानक धराशायी हो चुके हैं। यहां यात्रियों और कर्मचारियों को संक्रमित होने से बचाने के लिए लागू स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्लान (एसओपी) का दम निकल चुका है। कुशल पर्यवेक्षण के अभाव में कर्मचारियों की बेपरवाही हर किसी को भारी पड़ सकती है। पीपीई किट होने के बावजूद असुरक्षित तरीके से यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग कराई जा रही है। दूसरी तरफ गैर जिलों से आई बसें स्टैंड के बाहर से ही सवारियां भर रही हैं।

प्रोटोकॉल का खुलेआम उल्लंघन

कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के बावजूद लखनऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली के अलावा अन्य जिलों से आने वाले यात्रियों की यहां के बस स्टैंड पर निगरानी नहीं की जा रही है। यात्री बस से उतरकर सीधे ऑटो, रिक्शा पकड़कर अपने घर को निकल जा रहे हैं। बसों में कोराना गाईडलाइन व प्रोटोकॉल का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। बसों में आने जाने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग, नाम पते व अन्य जानकारी एकत्रित करना तो दूर बस स्टैंड पर कोई रोकने टोकने वाला नहीं है। बस में सफर करते समय यात्रियों की अनिवार्य रूप से मास्क लगाने की जांच करने के लिए भी कोई कर्मी उपलब्ध नहीं है।

दो गज की दूरी यहां क्यों नहीं जरूरी

जिला प्रशासन की गाईडलाइन में यह साफ निर्देश मिला है कि बस स्टैंड पर भीड़भाड़ की स्थिति न बने। बावजूद इसके यहां भीड़ में कोई कमी नहंी देखी जा रही। पूरे परिसर में यात्री भीड़ तो लगा ही रहे है, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग को ताख पर रखकर चल रहे है। बसों में सवार होने के बाद फेस से मास्क भी उतर जा रहा है। कहने को तो नियम ये भी बना हैं कि बसों में आधी सीटें भरी जाए, लेकिन बसे ओवरलोड होकर चल रही है। बनारस से जौनपुर व अन्य जिलों में जाने वाले बसों में सीट से ज्यादा लोगों को टिकट बेचकर बैठा लिया जा रहा है।

लापरवाही पड़ सकती है भारी

बस स्टैंड कैंपस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के प्रति न तो लोग सजग है और ना ही अधिकारी गंभीरता दिखा रहे हैं। ऐसे में बाहर से आने वाली बसों में कोरोना संक्रमित लोगों के आने का भय बना हुआ है। यही नहीं ड्राइवर और कंडक्टर भी मास्क व सैनिटाइजर का प्रयोग नहरीं कर रहे हैं। बस अड्डे पर अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो आने वाले दिनों में बनारस में कोरोना इससे भी भयानक रूप ले सकता है।

कोट :::

बिना थर्मल स्कैनिंग के यात्रियों को बस में बैठाने की अनुमति नहीं है। सभी कर्मचारियों को मास्क लगाने का निर्देश दिया गया है। फिर भी लापरवाही मिलती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए कर्मचारियों को सावधानी बरतने को कहा गया है।

- एसके राय, क्षेत्रीय प्रबंधक, परिवहन निगम।

Posted By: Inextlive