-कैंट रेलवे स्टेशन कैंपस से निकलने वाले कूड़े से बनाया बिजली बनाने की योजना एक साल से लटकी

- प्लांट के लिए एक करोड़ रुपये का फंड भी हो गया है जारी

कैंट स्टेशन को सोलर एनर्जी के साथ अब कचरे से बनी बिजली से रोशन किया जाएगा। इसके लिए रेलवे हेडक्वार्टर की ओर से प्लान भी बन गया है। एक साल पहले ही फंड भी जारी कर दिया गया है। बावजूद इसके अभी तक स्टेशन कैंपस में गार्बेज डिस्पोजल प्लांट तैयार नहीं हो पाया है।

इसकी वजह से कूड़ा निस्तारण की पुरानी व्यवस्था ही चल रही है। साफ-सफाई के लिए एजेंसी का मोहताज रहना पड़ता है। प्लांट के बन जाने से कैंट स्टेशन पर निकलने वाला कूड़ा-कचरा कैंपस से बाहर नहीं जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में स्थित लखनऊ डिवीजन के इस बड़े स्टेशन पर प्लांट के बन जाने पर कचरे का निस्तरण आसान हो जाएगा और इससे बनने वाली बिजली को ग्रिड से जोड़कर स्टेशन परिसर को जगमग करना संभव होगा। साथ ही प्लांट से निकले कचरे के अवशेष से खाद बनाने की तैयारी है। इससे किसानों को भी फायदा होगा। डिपार्टमेंट ने प्लांट लगाने के लिए जगह भी फाइनल कर लिया है। लेकिन अभी तक टेंडर ही फाइनल नहीं हो पाया है।

बनेगा विश्वस्तरीय प्लांट

-कचरे से बिजली जेनरेट करने के लिए स्टेशन परिसर में व‌र्ल्ड लेबल का प्लांट लगाया जाएगा।

- प्लांट के लिए रेलवे एक करोड़ रुपये खर्च करेगा।

प्लांट पर खर्च होने वाला फंड जारी कर दिया गया है।

-प्लांट पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड व हाई फाई सिस्टम से लैस होगा।

-मशीन तक कूड़ा पहुंचाने वाली ट्राली भी रिमोट से ऑपरेट होगी।

पांच टन से अधिक कूड़ा

02

लाख पैसेंजर हर रोज आते हैं कैंट स्टेशन पर सामान्य दिनों में

150

ट्रेनों का आवागमन हर रोज है सामान्य दिनों में

02

डंपिंग ग्राउंड भी बनाए गए हैं कैंपस से निकलने वाले कूड़े के लिए

05

टन कूड़ा बाहर फेंकने के लिए एजेंसी ले जाती है

01

एजेंसी पर ही कूड़ा डिस्पोजल की जिम्मेदारी

ग्रिड से जुड़ेगी सप्लाई

स्टेशन के कूड़े से बनने वाली बिजली को ग्रिड से जोड़ा जाएगा। जहां से कैंपस को बिजली सप्लाई की जाएगी। यहां से बची बिजली को बाहर बेचने का भी प्लॉन है। जिससे भविष्य में इनकम होगा। हालांकि फ‌र्स्ट फेज में स्टेशन व रेलवे कॉलोनीज को ही बिजली की सप्लाई होगी। कैंट स्टेशन कैंपस में सोलर प्लांट भी लगाया जा चुका है। जिससे पैदा होने वाली बिजली को भी ग्रिड में जोड़ा गया है। फिलहाल इस बिजली से स्टेशन की एलईडी लाइट को सप्लाई हो रही है।

स्टेशन के पूर्वी छोर पर जगह तय

रेलवे ने कैंट के डेवलपमेंट के लिए वृहत खाका खींचा है। एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से इस प्रोजेक्ट को लेकर खास फोकस है। फॉरेन कंट्रीज की तरह स्टेशन कैंपस में ही कचरे का सही डिस्पोजल करने की तैयारी है। ऑफिसर्स के मुताबिक वर्तमान में जहां यार्ड है वहां नया प्लेटफॉर्म बनाया जाना है। ऐसे में पूर्वी छोर पर मुगलसराय साइड में ही प्लांट लगाये जाने पर लगभग मुहर लग गयी है। अब एजेंसी फाइनल होने की देर है।

वर्जन---

स्टेशन से निकलने वाले कचरे को रेलवे ने खुद डिस्पोज ऑफ करने का प्लान बनाया है। कैंट स्टेशन पर दुनिया भर से टूरिस्ट्स का आना-जाना है। ऐसे में यहां सबसे पहले इस तरह का प्लांट लगाने की योजना है। हेड क्वार्टर से एजेंसी फाइनल होने की देर है।

आरपी चतुर्वेदी, एडीआरएम

कैंट स्टेशन, नार्दन रेलवे

Posted By: Inextlive