-रोडवेज की बसेस का नहीं हो रहा सेनेटाइजेशन, प्रॉपर धुलाई का भी नहीं है कोई इंतजाम

-कैंट बस स्टैंड से डेली पांच से 10 हजार पैसेंजर्स कर रहे हैं सफर

रोडवेज अपनी बसों में सफर कर रहे पैसेंजर्स की जान जोखिम में डाल रहा है। क्योंकि न तो बसों का सेनेटाइजेशन हो रहा है और न ही धुलाई। शुरूआत के दिनों में जब बसेस का संचालन हुआ तो डेली सेनेटाइजेशन कराया जाता था। लेकिन धीरे-धीरे जिम्मेदार अफसर इसे भूल गए हैं। यही नहीं पैसेंजर्स के हाथ सेनेटाइज कराए जाते थे। चेहरे पर मॉस्क जरूरी था लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं दिख रहा। यात्री खुद बताते हैं कि न तो बसों का सेनेटाइजर हो रहा है न ही सुरक्षा के कोई इंतजाम हैं। जबकि हर महीने रोडवेज प्रशासन सेनेटाइजर और मास्क पर पांच लाख रुपए खर्च करता है।

गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन

कैंट स्टेशन स्थित डिपो वर्कशॉप में बसों के आने जाने के लिए सिर्फ एक गेट है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम नें बसों की धुलाई करने वाले कर्मचारी से जब बात की तो उसने बताया कि बसों का सेनेटाइजेशन प्रॉपर किया जाता है। लेकिन सच्चाई इसके इतर है। टीम की पड़ताल में यह सामने आया कि कुछ बसेस की ही धुलाई होती है। पर उनका सेनेटाइजेशन नहीं होता। कैंट स्टेशन डिपो में रोडवेज की 430 बसें और 40 अनुबंधित बसें हैं। इन सभी बसों का गाइडलाइन के अनुसार धुलाई के बाद सेनेटाइजेशन करना अनिवार्य है, लेकिन हकीकत इससे अलग है।

तो हो जाएंगे संक्रमित

कोरोना संक्रमण से पैसेंजर्स को बचाने के लिए रोडवेज हेड क्वार्टर की ओर से गाइडलाइन भेजी गयी है। बावजूद इसके रोडवेज बस स्टैंड कैंपस हो या बसों के अंदर कहीं पर भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है और न ही मास्क की अहमियत को तवज्जो दी जा रही है। यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग भी नहीं हो रही है। जबकि रोडवेज में कई लोग पहले संक्रमित मिल चुके हैं।

बस नाम का सेनेटाइजेशन

वर्कशॉप में बसेस को सेनेटाइज करने के लिए बस दिखावे के लिए सिस्टम बनाया गया है। जिसमें आटोमैटिक मशीन लगी है। जिसके माध्यम से बसेस को सेनेटाइज किया जाता है। लेकिन आश्चर्य करने वाली बात यह कि बसेस वर्कशॉप से निकल जाती हैं और उन्हें सेनेटाइज नहीं किया जाता। ।

आए दिन पहुंच रही कंप्लेन

कैंट बस स्टैंड से रवाना होने वाली बसेस की प्रॉपर सफाई और धुलाई न होने की शिकायत आए दिन ऑफिसर्स के पास पहुंच रही है। लेकिन इसको रोडवेज एडमिनिस्ट्रेशन गंभीरता से नहीं ले रहा है। जबकि निगम की ओर से इसके लिए बजट भी अलॉट किया गया है। यही नहीं बसेस में स्टाफ व पैसेंजर्स बिना मास्क लगाए ही सफर भी कर रहे हैं। जिससे कोरोना के संक्रमण का खतरा बरकरार है।

डिपो में निगम की बसें--430

अनुबंधित बसें--40

एसी बस-04

पिंक बसें--02

वापस आने वाली सभी बसेस का वर्कशॉप में धुलाई के साथ सेनेटाइजेशन कराया जाता है। साथ ही ड्राइवर व कंडक्टर को मास्क भी दिया जाता है। अगर प्रॉपर इस कार्य को नहीं कराया जा रहा है तो इसकी जांच होगी।

एसके राय, आरएम

कैंट बस स्टेशन

Posted By: Inextlive