-पूजा स्पेशल ट्रेन का संचालन होते ही कैंट रेलवे स्टेशन पर तार-तार हुई कोरोना गाइडलाइन

--दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिएिलिटी चेक में हुआ खुलासा

- पीएम के संदेश भी नहीं दिखा असर

पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संदेश में कोविड 19 को लेकर कहा था कि 'जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं'। यानि वैक्सीन आने तक लोग एलर्ट रहें। खुद उनके संसदीय क्षेत्र में स्थित रेलवे स्टेशन पर कोरोना को लेकर एकदम अलर्ट नहीं हैं। यहां आने जाने वाले पैसेंजर्स में खौफ है न रेलकर्मियों में। सभी संक्रमण से बचने की गाइडलाइन को हवा में उड़ा रहे हैं। बुधवार को यह डराने वाला यह सच तब दिखा जब कैंट पर कोरोना से जंग की हकीकत जानने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम स्टेशन पर पहुंची। रिएलिटी चेक में जो सामने आया वो चौंकाने वाला है। कैंपस में हैंडवॉश, थर्मल स्क्रीनिंग व सेनेटाइजर तो छोडि़ये शायद बहुत कम पैजेंसर के फेस पर मास्क दिखा।

मेन हॉल में सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं ख्याल

कैंट स्टेशन का मेन हाल जहां स्पेशल ट्रेन चलने से पहले सन्नाटा पसरा रहता था, पूजा स्पेशल ट्रेन का संचालन होते ही ठसाठस भीड़ हो गयी है। ढेरों लोग एक दूसरे के बाद नजदीक बैठे हुए नजर आए। किसी को सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं था। यहां कोरोना संक्रमण के लिए जारी गाइडलाइन तार तार दिखी। अपनी ट्रेन का इंतजार करने वालों में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर कोई अलर्टनेस नहीं दिखा।

प्लेटफॉर्म पर बिना मास्क फरमा रहे आराम

स्टेशन पर पड़ताल करने पहुंची टीम यह समक्ष रही थी कि मेन हॉल की बजाय प्लेटफार्म पर लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन करते नजर आएंगे लेकिन वहां का नजारा तो और चौंकाने वाला था। जैसा हाल बाहर रहा उससे कहीं खराब स्थिति प्लेटफॉर्म की देखने को मिली। यहां किसी के चेहरे पर फेस मास्क तक नहीं दिखा। बिना मास्क के लोग एक-दूसरे से आराम से बात करते नजर आए।

ट्रेन में होने को सवार धक्का-मुक्की लगातार

रिएलिटी चेक के दौरान ही प्लेटफॉर्म नंबर दो पर पवन एक्सप्रेस आ पहुंची। इस दौरान क्या स्थिति यह जानने के लिए टीम वहां पहुंची। ट्रेन में सवार होने वाले और स्टेशन पर उतरने वालों में कोविड को लेकर कोई खौफ नहीं रहा। लोग बिना मास्क लगाए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए धक्का-मुक्की करते हुए उतर और चढ़ रहे थे। इसका पालन कराने के लिए कोई कर्मचारी भी मौजूद नहीं रहा।

संक्रमण को दावत दे रहे स्टेशन के वेंडर्स

संक्रमण को दावत देना कैंट स्टेशन पर स्थित वेंडर्स से सीखा जा सकता है। उनके चेहरे पर न मास्क दिखेगा और न हाथ में ग्लव्स। सेनिटाइजर व सोशल डिस्टेंसिंग तो ये भूल गए हैं शायद। या इन्हें बताया ही नहीं गया है। खुलेआम प्लेटफॉर्म पर फूड आयटम बेचते वेंडर्स को ऑफिसर्स का भी डर नहीं है।

खुला है एंट्री गेट, लोग आ रहे बेरोक-टोक

कैंपस में लोगों की एंट्री को रोकने के लिए बकायदा कई गेट को बंद कर दिया गया है। लेकिन मेन वेटिंग हाल के जिस गेट को एंट्री के लिए खोला गया है वहां पर कोविड की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। यहां पर किसी की भी थर्मल स्क्रीनिंग नहीं की जा रही है। यहां तक कि लोग बिना मास्क के ही प्लेटफॉर्म पर सीधे एंट्री कर जा रहे हैं कोई पूछने वाला तक मौजूद नहीं है।

गाइडलाइन हुई बेदम, पब्लिक भी कम नहीं

संक्रमण से लड़ने की जिम्मेदारी केवल रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन व स्टाफ की ही नहीं है, बल्कि पब्लिक की भी है। स्टेशन पहुंच रहे पैसेंजर्स को भी गाइडलाइन का पालन करना चाहिए। लेकिन पब्लिक भी कम नहीं है। यहां पहुंचे लोगों में से शायद ही कोई मुंह पर मास्क लगाए दिख जाए। पूरे कैंपस में बैठे लोगों में ज्यादातर बिना मास्क के ही दिखायी दिए।

दिखावे के लिए लगा है हैंडवॉश

कैंट स्टेशन पहुंचने वाले पैसेंजर्स का हाथ प्रॉपर धुलने के लिए सर्कुलेटिंग एरिया में बेसिन लगाया गया था। लेकिन वह अपनी हालत पर ही आंसू बहाता दिखा। यहां तक कि हाथ धुलने के लिए लगे बेसिन में टैप तक नदारद है। हैंडवॉश लिक्विड का ढक्कन तक गायब दिखा।

Posted By: Inextlive