-असि नदी के किनारे जमे अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की तैयारी तेज

-वीडीए ने दिया स्वीकृत मानचित्र या वैधता प्रमाण पत्र दिखाने का मौका

असि नदी की दुर्दशा पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने चिंता जताई है। इसके बाद जिला प्रशासन ने असि नदी के किनारे अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया तेज कर दी है। वीडीए ने दो सौ से अधिक अवैध भवनों पर नोटिस चस्पा कर दी है। साथ ही चेतावनी दी कि भवन के संबंध में कराए गए निर्माण की स्वीकृति या वैधता प्रमाण पत्र तय समय में प्रस्तुत करें नहीं तो निर्माण ध्वस्त कर कर दिया जाएगा। वीडीए की नोटिस से भवन स्वामियों में हड़कम्प मच गया है।

एक्शन में विकास प्राधिकरण

असि नदी के किनारे अवैध निर्माण का मामला सामने के बाद वीडीए भी एक्शन मोड़ में आ गया है। वीडीए वीसी के आदेश पर भेलूपुर के जोनल अधिकारी ने दो सौ से अधिक अवैध रूप से निर्मित भवनों को चिह्नित किया है। साथ ही सभी भवनों पर नोटिस चस्पा कर दी गई है। नोटिस में कहा गया है कि उपरोक्त भवन के संबंध में जो भी स्वीकृत मानचित्र या वैधता प्रमाण पत्र हो तो उसके साथ तय समय के अंदर वीडीए में उपस्थित होकर अवगत कराएं। नहीं तो वीडीए ध्वस्तीकरण शुरू कर देगा। वीडीए प्रशासन ने नदी व उसकी तलहटी में बने भवनों के सर्वे के लिए संयुक्त सचिव व नगवां जोनल अधिकारी परमानंद यादव के अलावा भेलूपुर जोनल अधिकारी वीपी मिश्रा को सर्वे करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इन दोनों ही जोनल अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र से करीब सौ-सौ भवनों को चिन्हित भी कर दिया है।

अस्सी से लेकर कंदवा तक हड़कम्प

असि नदी के किनारे कई आलीशान मकान, स्कूल, शॉपिंग कॉप्लेक्स, रेस्टोरेंट बन गए हैं। एक अनुमान के अनुसार असि नदी के गंगा में मिलने और उद्गम स्थल कंदवा तालाब तक नदी किनारे दस हजार से अधिक अवैध निर्माण हैं। इनके ध्वस्तिकरण की तैयारी चल रही है। वीडीए की नोटिस से अस्सी से लेकर कंदवा चितईपुर तक लोगों में हड़कम्प मचा है। अवैध निर्माण को बचाने के लिए लोगों ने भाग-दौड़ शुरू कर दी है। लखनऊ में अधिकारियों से लेकर मंत्रियों के पास अवैध को वैध करने की जुगाड़ में जुट गए हैं। कुछ लोगों ने कोर्ट से राहत लेने की जुगत शुरू कर दी है।

सर्वे में जुटे चार विभाग

डीएम कौशलराज शर्मा ने असि नदी के पुनरुद्धार के लिए योजना बनाई है। नदी को पुनर्जीवित करने के लिए महाभियान चलाया जाएगा। इसके लिए चार विभागों की समिति गठित की गई है। सभी विभागों ने अपने स्तर से काम शुरू कर दिया है। जल्द ही समिति सर्वे करके अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर वीडीए की ओर से आगे की कार्रवाई करायी जाएगी। डीएम ने कहा कि उनका प्रयास है कि असि को पुनर्जीवित किया जाए ताकि धर्म, कला व संस्कृति की प्राचीन नगरी कहने जाने वाले बनारस का नाम विश्व पटल पर और उभरे।

25 मीटर है असि नदी की हरित पट्टी

विकास प्राधिकरण के महायोजना 2031 में असि नदी के दोनों ओर 25-25 मीटर की हरित पट्टी है। अतिक्रमण व गंदगी के चलते कई जगहों पर नदी का स्वरूप ही नहीं दिखता है। लोगों ने निर्माण करके नदी का प्रवाह ही कई जगह मोड़ दिया है। गंदगी व अतिक्रमण से यह पौराणिक नदी सिसक रही है।

असि नदी का उद्गम कंदवा तालाब

असि नदी का उद्गम स्थल कंदवा तालाब माना जाता है। नदी कंदवा तालाब से निकलकर कर्माजीतपुर, सुंदरपुर, कौशलेशनगर, रोहितनगर, साकेतनगर, संकटमोचन, नगवां होते हुए संत रविदास पार्क के पास गंगा नदी में मिलती है। वहीं, बीएचयू के सहयोग से नदी के सहायक जल स्त्रोतों को प्रयागराज तक खोजा जाएगा।

वर्जन

वीडीए ने असि नदी के किनारे 25 मीटर की हरित पट्टी के भीतर बने भवनों का सर्वे शुरू कर दिया है। कई भवनों पर नोटिस चस्पा कर निर्माण से संबंधित स्वीकृत या वैध प्रमाण-पत्र दिखाने को कहा गया है। पहले चरण में सरकारी जमीनों पर हुए निर्माण चिन्हित किए जाएंगे उसके बाद हरित पट्टी के भीतर बने भवनों को चेक किया जाएगा।

-राहुल पांडेय, वीसी-वीडीए

Posted By: Inextlive