नगरीय सीमा में 84 गांवों के शामिल होने से वार्डों का परिसीमन शुरू अब वाराणसी में 90 से बढ़कर हो जाएंगे 110 वार्ड लखनऊ व कानपुर में भी अब तक हैैं 110 वार्ड

वाराणसी (ब्यूरो)विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद नगर निगम चुनाव की सुगबुगाहट होने लगी है। हालांकि इस साल के अंत में नगर निगम का चुनाव होना है। शासन स्तर पर एक हफ्ते में चुनाव की तैयारी शुरू हो जाएगी। बहुत जल्द ही चुनाव आयोग की नगर विकास विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक होने वाली है। तीसरे सप्ताह से वाराणसी में आंशिक परिसीमन शुरू होगा, जिसमें नगरीय सीमा में जुड़े 84 गांवों को भी शामिल किया गया है। शहरी सीमा के विस्तार के बाद वाराणसी नगर निगम में 90 की जगह अब कुल 110 वार्ड हो जाएंगे। इस तरह अब बनारस भी लखनऊ व कानपुर की कैटेगरी में शामिल हो जाएगा। बता दें कि लखनऊ व कानपुर में भी 110 वार्ड हैैं.

नगर निगम का पहला वार्ड होगा लोहता

शहरी सीमा के 84 गांवों के शामिल होने के कारण इस बार पुन: परिसीमन किया जाएगा। इसके लिए शहरी गांवों का जीआई सर्वे शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि मई के अंत से वार्डों की परिसीमन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अधिकारियों के अनुसार उम्मीद की जा रही है कि लोहता नवगठित नगर निगम का पहला वार्ड होगा। साल 2017 में उत्तर पूर्व से परिसीमन शुरू हुआ था। इसलिए इंद्रपुर पहला वार्ड बना था। इस बार दक्षिण पूर्व से परिसीमन की शुरुआत हो सकती है। इसका निर्णय शासन से दिशा-निर्देश मिलने के बाद होगा.

वार्डों में 360 डिग्री बदलाव होगा

शहरी सीमा के विस्तार के बाद कुल 110 वार्ड हो जाएंगे। सभी 90 वार्डों में 360 डिग्री बदलाव होगा और वार्डों का क्रम भी बदल जाएगा। साथ ही कुछ वार्डों के नाम भी बदलेंगे। कई मोहल्ले दूसरे वार्डों में शामिल हो जाएंगे। यदि शहरी गांव शामिल नहीं होते तो इस साल परिसीमन नहीं होता। पिछली बार 2017 में ही परिसीमन किया गया। परिसीमन का आधार आरक्षण होता है। कुल जनसंख्या में वार्डों की संख्या का भाग देकर एक वार्ड में जनसंख्या का निर्धारण किया जाता है। साल 2017 में 14 से 16 हजार की जनसंख्या पर एक वार्ड बना था.

100 साल में साढ़े चार गुना तक बढ़ गए वार्ड

काशी के इतिहास में 100 साल के भीतर नगर निगम के वार्ड साढ़े चार गुना तक बढ़ गए हैं। निगम के रिकॉर्ड के अनुसार 1920 से लेकर 1958 तक नगर निगम में वार्डों की संख्या 25 थी। 1959 में वार्डों की संख्या बढ़कर 40 हो हुई। 1994 में वार्डों की संख्या बढ़कर 90 हो गई। 2021 में इन वार्डों की संख्या 110 हो जाएगी। इसके चलते जोन की भी संख्या बढ़ानी पड़ेगी। निगम के पास फिलहाल 90 वार्ड हैं लेकिन बढ़े गांव के लिए निगम के पास अपेक्षित संसाधन नहीं कि लोगों को आधारभूत सुविधाएं मिल सके.

जुलाई के बाद वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण

इस साल अक्टूबर-नवंबर में संभावित नगर निगम चुनाव की तैयारी शुरू होने जा रही है। सबसे पहले वार्डों का आंशिक परिसीमन शुरू होगा। इसके बाद जुलाई से सितम्बर के बीच वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण होगा। इसके बाद अक्टूबर में अधिसूचना जारी कर अक्टूबर व नवम्बर के बीच चुनाव करवाने की योजना बनाई जा रही है.

नगर निगम में अधिकतम 110 वार्ड

नगर पंचायतों में कम से कम 10 और अधिकतम 24 वार्ड करने और नगर पालिका परिषदों में कम से कम 25 और अधिकतम 56 वार्ड निर्धारित करने समेत वार्डों के गठन में आबादी की संख्या निर्धारित करने को लेकर भी विचार चल रहा है, जबकि नगर निगमों में न्यूनतम 60 और अधिकतम 110 वार्ड को आधार माना जा सकता है.

Posted By: Inextlive