गंगा में अब नहीं गिरेगा सीवर नाले का जहर
-गंगा को निर्मल करने की फिर से शुरू हुई तैयारी
- सामने घाट, नक्खानाला, अस्सी और गंगा उस पार से गिरने वाले पांच नालों की टेपिंग का काम जारी ::: प्वाइंटर::: 28 नालों में से 19 नालों की टेपिंग का काम पूरा 210 एमएलडी सीवेज के जल का शोधन हो रहा हैकाशी की गंगा आने वाले दिनों में पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त हो जाएगी। मोक्षदायिनी गंगा में अब न नाले का पानी गिरेगा और न ही इसमें केमिकल वाले जल गिरते दिखेंगे। गंगा के निर्मलीकरण का काम तेज कर दिया गया है। जल्द ही गंगा में गिरने वाला शहर का सबसे बड़ा नाला बंद हो जाएगा। जून के अंतिम सप्ताह तक इस नाले को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। वहीं अस्सी नाले के टेपिंग के लिए अगले 15 दिनों में रिटेलिंग वॉल का निर्माण किया जाएगा। अधिकारियों की मानें तो ट्रायल के तौर पर नगवा पम्पिंग स्टेशन से अस्सी नाले के पानी को रमना स्थित एसटीपी प्लांट भेजा जा रहा है। बता दें कि गंगा के प्रदूषित होने की सबसे बड़ी वजह अस्सी नाले से गिरता सीवर का पानी है। अस्सी नाले से डेली 40 से 42 एमएलडी सीवर का जल सीधे गंगा में गिरता है, जिससे गंगा प्रदूषण होती है।
नालों की टेपिंग कर ली गई
एक समय था जब धर्म नगरी काशी की गंगा में कुल 23 नाले का जहर गिरता था। जिसमें अब इन 28 नालों में से 19 नालों की टेपिंग का काम पूरा कर लिया गया है। फिलहाल सामने घाट, नक्खानाला, अस्सी और गंगा उस पार से गिरने वाले पांच नालों की टेपिंग का काम जारी है। इसके अलावा 10 एमएलडी का एसटीपी प्लांट रामनगर में भी तैयार है। जल्द ही यह भी शुरू हो जाएगा। अधिकारियों की मानें तो रामनगर और रमना एसटीपी में टेस्टिंग और स्टेबलाइजेशन की प्रक्रिया जारी है। दोनों ही एसटीपी प्लांट के ट्रायल का काम कुछ हफ्ते में पूरा हो जाएगा। हर दिन गिरता था 300 एमएलडी जलरामनगर और रमना एसटीपी के ट्रायल का काम पूरा होने के बाद गंगा में गिरने वाले पांच नालों के 60 एमएलडी सीवर के जल को साफ किया जाएगा। इससे गंगा का जल और भी स्वच्छ और निर्मल होगा। वहीं गंगा में गिरने वाले नाले के पानी के आकड़ों की बात करें तो बनारस में डेली कुल 300 एमएलडी सीवर का जल गंगा में गिरता था। इसमें से 210 एमएलडी सीवेज के जल का शोधन हो रहा है। दो अन्य एसटीपी का ट्रायल जून तक खत्म होने के बाद 260 एमएलडी सीवेज का जल शोधन होने लगेगा, बाकी 40 एमएलडी सीवेज के जल को साफ करने के लिए जल्द ही काम पूरा हो जाएगा।
::: कोट ::: रामनगर और रमना एसटीपी में टेस्टिंग और टेस्टिंग और स्टेबलाइजेशनकी प्रक्रिया जारी है। दोनों ही एसटीपी प्लांट के ट्रायल का काम कुछ हफ्ते में पूरा हो जाएगा। जिसके बाद 260 एमएलडी सीवेज का जल शोधन होने लगेगा। - एसके बर्मन, परियोजना प्रबंधक, गंगा प्रदूषण ईकाई