शोपीस बनकर रह गए शहर के कई एटीएम कई नेशनलाइज्ड बैंकों ने बंद किया तेलियाबाग एरिया में एटीएम की जगह खुली कफन की दुकान


वाराणसी (ब्यूरो)गुजरे जमाने की बात हो गई जब एटीएम में कैश नहीं रहता तो बैंकों में कम्प्लेन की झड़ी लग जाती थी। चार साल में 30 पर्सेंट ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बढऩे के कारण आज कई नेशनलाइज्ड बैकों ने 180 एटीएम की सर्विसेज को समेट दिया है। जो एटीएम बचे हैं उनमें कम्प्लेन सिर्फ एटीएम में कैश फंसने की आती है। फिलहाल बैंकर्स की मानें तो पिछले पांच साल में तेजी से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बढ़ा है। सभी बैंकों के एटीएम की संख्या 875 थी, जोकि घटकर 695 हो गई है.

तेलियाबाग में कफन की दुकान

तेलियाबाग में चौराहे के पास यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का एटीएम था, जिसे बंद कर अब वहां पर तीन महीने पहले कफन की दुकान खुल गई है। जब वहां पर एटीएम था तो ट्रांजेक्शन बहुत कम होता था। इस कारण बैैंक ने एटीएम को बंद कर दिया.

ताले में एटीएम

इसी तरह पिपलानी कटरा में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का एटीएम है, लेकिन उसका शटर हमेशा गिरा रहता है। पिछले छह महीने से एटीएम का शटर बंद होने से वहां पर कोई भी ग्राहक ट्रांजेक्शन के लिए जाता ही नहीं है। बाहर से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का बोर्ड लगा है, लेकिन शटर हमेशा बंद रहता है.

बुलानाला में बंद हो गया एटीएम

बुलानाला अग्रसेन डिग्री कालेज के ठीक सामने भी लीडिंग बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का एटीएम है, लेकिन पिछले कई महीनों से एटीएम शटर में बंद है। कोई भी कस्टमर इसका विरोध नहीं करता है। एक समय था जब एटीएम में कैश न होने पर बैंकों में कम्प्लेन की लाइन लग जाती थी। इसी तरह मलदहिया चौराहे के पास पीएनबी का एटीएम बंद हो गया। कज्जाकपुरा पर भी नेशनल बैंक के एटीएम बंद हैं। इसी तरह शहर में कई स्थानों पर नेशनलाइज्ड बैंकों के एटीएम खुले थे, लेकिन ट्रांजेक्शन न होने की वजह से बैंकों ने बंद कर दिया.

पेनॉल्टी का प्रावधान

आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार 100 घंटे तक एटीएम में कैश न रहने पर पेनाल्टी का प्रावधान है। इस वजह से भी बैंक अपने एटीएम की सर्विसेज को समेट रहे हंै। उनका कहना है कि शहर में अब वेंडर से लेकर कारोबारी, उद्यमी तक आनॅलाइन ट्रांजेक्शन करने लगे हैं। पान वाले से लेकर चाय वाले तक ऑनलाइन फैसिलिटीज को अपना रखे हैं। इसके चलते एटीएम से कैश निकालने वालों की संख्या कम होती जा रही है.

वाराणसी में 875 एटीएम

वाराणसी एरिया में नेशनलाइज्ड बैंकों की 875 एटीएम थीं, जिसमें 180 बंद होने के बाद 695 बची हैैं। इन एटीएम में भी ट्रांजेक्शन काफी कम हो गया है। इसको देखते हुए कई बैंकों ने एटीएम में ही कैश जमा करने की भी सुविधा को बढ़ा दिया है, जिससे एटीएम में कैश का ट्रांजेक्शन होता रहे। बैंकों के विलय होने से भी कई बैंकों के एटीएम बंद हो गए.

पहले एटीएम की संख्या

875

बंद हुए एटीएम

180

इन बैंकों का विलय

-आंध्रा बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में

-विजया बैंक का बैंक आफ बड़ौदा में

-यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में

-इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में

-बनारस स्टेट बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में

फैक्ट फाइल

-बैंकों में कैश जमा करने के लिए नहीं आते कम्प्लेन

-अब बैंकों में कैश फंसने की आती है शिकायत

-चाय से लेकर पान वाले तक के पास ऑनलाइन फैसिलिटीज

-पांच रुपए का भी ट्रांजेक्शन कर रहे ऑनलाइन

-कई बैंकों का विलय होने से भी बंद हो गए कई एटीएम

एटीएम बंद होने की वजह ऑनलाइन के साथ ही कई ऑनर ने विवाद की वजह से भी स्थान को खाली करा लिया है। फिर वहां पर दूसरा बिजनेस शुरू कर दिया। एटीएम की सर्विसेज भी महंगी हो गयी है.

प्रभात सिन्हा, एलडीएम

ऑनलाइन सर्विस शहर में तेजी से बढ़ रहा है। अब तो चायवाले से लेकर पान वाले तक ने ऑनलाइन सुविधा ले रखी है। लोग पांच रुपए तक का भी पेमेंट ऑनलाइन कर रहे हंै.

अनूप श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष, बनारस बार एसोसिएशन

Posted By: Inextlive