बीजेपी की ओर से दिया जा रहा दायित्व सबका अपना-अपना वोट बैंक सबका अपना-अपना टारगेट


वाराणसी (ब्यूरो)देश की सबसे वीआईपी सीट वाराणसी इस बार गुल द गुल खिला रही है। लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले और बाद में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिससे बनारस ही नहीं, बल्कि प्रदेश और देश की राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गईं। 2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले राजनेता इस बार सुर-सुर में मिलाते नजर आएंगे। वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी को रिकॉर्ड मतों से जीत दिलाने के लिए खुद वे पक्ष के साथ भगवा रथ को हांकेंगे। ये ऐसे चेहरे हैं, इनकी वजह से पिछले चुनाव में कांग्रेस और सपा मजबूत विपक्ष के रूप में उभरा था। आइए आप भी जानिए ये कौन चेहरे हैं और इनकी क्या भूमिका थी।

पूर्व सांसद राजेश मिश्रा ने भाजपा से जोड़ा नाता

पूर्व सांसद डॉ। राजेश मिश्रा भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। पांच मार्च को उन्होंने दिल्ली स्थित भाजपा केंद्रीय कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। वर्ष 2004 में कांग्रेस पार्टी से डॉ। राजेश मिश्रा वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर सांसद बने थे। इसके बाद से यहां कांग्रेस को जीत नहीं मिली। बीएचयू के छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के बाद राजेश मिश्रा ने भारतीय राजनीति में प्रवेश किया। दो बार स्नातक एमएलसी फिर सांसद बनकर बनारस की जनता की सेवा की। कांग्रेस हाईकमान से उनकी नाराजगी लंबे समय से चल रही थी। आखिरकार उन्होंने कांग्रेस का साथ छोडऩे का मन बनाया और भाजपा से नाता जोड़ लिया।

पीएम नरेंद्र मोदी की विकासरूपी सोच से प्रभावित होकर भाजपा में जाने का निर्णय लिया। कहा कि मेरे साथ पूर्व महानगर अध्यक्ष रईस अहमद, पूर्व पार्षद अफजाल समेत कांग्रेस के लगभग 60 परसेंट कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए हैं। अब कांग्रेस को बूथ एजेंट भी नहीं मिलेंगे। इस बार मोदी को रिकार्ड मतों से जिताने का संकल्प लिया है, जिसे 1 जून को पूरा किया जाएगा.

राजेश मिश्रा, पूर्व सांसद

साइकिल से उतरीं शालिनी, अब भाजपा के साथ

सपा की कद्दावर और चर्चित चेहरा शालिनी यादव भी भाजपा में आ चुकी हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के सामने सपा-बसपा की संयुक्त उम्मीदवार के रूप में शालिनी यादव थीं। शालिनी यादव भारतीय राजनीति में अहम पहचान रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा के उपसभापति स्व। श्यामलाल यादव की पुत्रवधु हैं। वर्ष 2017 में कांग्रेस से मेयर का चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर थीं। 2019 में सपा के टिकट से वाराणसी लोकसभा सीट पर मैदान में उतरीं थीं और दूसरे नंबर पर रहीं।

काशी अब विकास की नई गाथा लिख रही है। विकास के साथ पर्यटन, रोजगार, इकोनॉकिस ग्रोथ समेत हर क्षेत्र में पीएम नरेंद्र मोदी के प्रयास से बनारस आगे बढ़ रहा है। इसी प्रभावित होकर भाजपा के साथ आ गईं। पिछले चुनाव में काशी की जनता ने मुझे भरपूर प्यार और समर्थन दिया था, उसी प्यार और समर्थन की उम्मीद के साथ इस बार दस लाख से ज्यादा रिकार्ड मतों से पीएम नरेंद्र मोदी को जिताने का संकल्प लिया है, जिसे पूरा करने का काम कर रही हूं।

शालिनी यादव, 2019 लोकसभा कैंडिडेट

पीयूष, राजकुमार, कन्हैया भी भगवा रथ पर सवार

सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पीयूष यादव, पूर्व महानगर अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कन्हैया लाल गुप्ता ने भी सपा से दूरी बना ली है। इन लोगों ने भी बीजेपी ज्वाइन कर ली है। पीयूष यादव पूर्वांचल के जाने-माने चिकित्सक हैं। 2012 में सपा के टिकट पर शिवपुर विस सीट पर चुनाव लड़ चुके हैं। मूलत: गाजीपुर के डॉ। पीयूष के पिता सिंह यादव, मुलायम सिंह यादव सरकार में विधि सलाहक प्रमुख सचिव न्याय के पद पर थे। इसी तरह तरह राजकुमार जायसवाल भी लंबे समय तक सपा मेें सक्रिय भूमिका में थे, लेकिन पार्टी हाईकमान के निर्णय से नाराज होकर भाजपा में शामिल हो गए। राजकुमार के साथ पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व पूर्व जिलाध्यक्ष कन्हैया लाल गुप्ता भी भाजपा में शामिल हो गए। ये तो बड़े नाम हैं, इन नेताओं के साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी भाजपा में शामिल हुए हैं, जो इस बार भगवा रथ को हांकेंगे।

सपा को झटका, लालजी सोनकर को भाया कमल

समाजवादी पार्टी को वाराणसी में एक और झटका लगा है। अजगरा विधानसभा क्षेत्र के दलित नेता लालजी सोनकर भाजपा में शामिल हो गए हैं।

लालजी लगातार दो बार विधानसभा का चुनाव मामूली अंतर से हारे थे। रविवार को बर्थराकलां गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में यूपी कालेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अमित कुमार ङ्क्षसह सन्नी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री डॉ। महेंद्र नाथ पांडेय की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया।

Posted By: Inextlive