बनारस जौनपुर मिर्जापुर के लोगों का दूसरे शहरों में कारोबार पूर्वांचल में आकर लड़ते चुनाव जौनपुर की पगडंडियों पर चल रहे कृपाशंकर सिंह तूफानी सरोज की बेटी


वाराणसी (ब्यूरो)राजनीति का सफर कहीं से भी शुरू हो सकता है और कहीं से भी किया जा सकता है। यह बात हमारे पॉलिटिशियन पर बिल्कुल सटीक बैठती है। लोकसभा चुनाव लडऩे वाले कई पॉलिटिशियन कारोबार से महाराष्ट्र में रहकर करते हैं, लेकिन चुनाव लडऩे गृहक्षेत्र पूर्वांचल आते हैं। रमेश दुबे, ओमप्रकाश दुबे, हरिवंश सिंह, कृपाशंकर सिंह, संगमलाल गुप्ता, राजेंद्र बिंद, तूफानी सरोज, सुभाष पासी, दिनेश शर्मा, राकेश धर त्रिपाठी समेत तमाम ऐसे नाम हैं, जिनका मुंबई में लंबा-चौड़ा कारोबार है, लेकिन वे चुनाव अपने गृह जनपद आते हैं.

गुजरात को तवज्जो, पूर्वांचल की उपेक्षा

पूर्वांचल के लोगों का मुंबई में शोहरत के लिए राजनीति में आने का सपना वहां पूरा नहीं हो पाता। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के लोग मुंबई की राजनीति में सबसे अधिक सक्रिय होते हैं। बीजेपी, कांग्रेस के अलावा अन्य राजनैतिक दलों में भी पूर्वांचल जिलों के नेताओं के पास उत्तर भारतीय राजनीति की डोर होती है, इसके बावजूद जब चुनाव आते हैं, तब वहां इन नेताओं को नजरअंदाज कर दिया जाता है। मुंबई की 6 लोकसभा सीटों पर राजस्थान व गुजरात के रहने वालों को समय-समय पर प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलता रहा, लेकिन किसी उत्तर भारतीय खासतौर पर पूर्वांचल के रहने वाले नेताओं को लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने का अवसर कभी नहीं मिला। पूर्वांचल के इन नेताओं को जब अपनी पार्टी से टिकट नहीं मिला तो राजनैतिक महत्वाकांक्षा इन्हें यूपी खींच ले गई।

रमेश दुबे का सियासी सफर अंधेरी से हुआ था शुरू

मुंबई के उत्तर भारतीय नेताओं ने भाजपा, सपा, बसपा जैसे दलों की उम्मीदवारी हासिल कर चुनावी बिसात में विपक्षियों को हराकर लोकसभा में भी पहुंच गए। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रमेश दुबे का सियासी सफर अंधेरी से शुरू हुआ और वे नगरसेवक से विधायक तक बने। वर्ष 2007 में बसपा के टिकट पर मिर्जापुर से चुनाव लड़े और सांसद बन गए.

2014 में अपना दल से हरिवंश सिंह बने सांसद

कांग्रेस पार्टी ने ठाणे लोकसभा सीट से उत्तर भारतीय नेता हरिवंश सिंह को उम्मीदवार बनाया, लेकिन वे चुनाव हार गए। उन्होंने यूपी की तरफ रुख किया और 2014 में अपना दल से प्रतापगढ़ से चुनाव लड़ा और जीतकर संसद पहुंच गए। संगमलाल गुप्ता का भी कार्यक्षेत्र मुंबई रहा। 2019 में प्रतापगढ़ से भाजपा के उम्मीदवार बने और चुनाव जीत गए। संगमलाल गुप्ता इस बार भी प्रतापगढ़ से भाजपा के उम्मीदवार हैं.

जौनपुर से कृपाशंकर सिंह जीतने के लिए कर रहे जद्दोजहद

एक समय बड़े कांग्रेसी नेता कहे जाने वाले कृपाशंकर सिंह भी इस बार भाजपा उम्मीदवार के तौर पर जौनपुर लोकसभा सीट को जीतने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र से सपा के उम्मीदवार राजेंद्र बिंद का मुंबई में दवा निर्माण की मशीनों का कारोबार है। मिर्जापुर में उनका मुकाबला अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल से है.

बीपी सरोज का कंस्ट्रक्शन का कारोबार

मुंबई में लेबर सर्विस का कारोबार चलाने वाले तूफानी सरोज सैदपुर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े और दो बार सांसद बने। इसके अलावा मछलीशहर से एक बार सांसद बने। मुंबई में कंट्रक्शन व्यवसाय से जुड़े बीपी सरोज 2019 में बसपा छोड़ भाजपा का दामन पकड़कर मछलीशहर से सांसद बन गए। इस बार भी सरोज भाजपा के उम्मीदवार हैं.

Posted By: Inextlive