-अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग ने जारी की प्रति व्यक्ति आय की वार्षिक रिपोर्ट

-उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्धनगर अव्वल, बहराइच सबसे नीचे

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लाख से ऊपर है गौतमबुद्धनगर प्रदेश में प्रति व्यक्ति वाíषक आय

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जिलों में प्रति व्यक्ति वाíषक आए एक लाख से कम है

प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में राजधानी लखनऊ पांचवें स्थान पर है। यहां प्रति व्यक्ति आय डेढ़ लाख के करीब है, जबकि पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में प्रति व्यक्ति आय एक लाख से भी कम है। अच्छी बात यह है कि पिछले साल की तुलना में यहां प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी देखी गई है। उत्तर प्रदेश के अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग की ओर से जारी प्रति व्यक्ति वाíषक आय की रिपोर्ट में उक्त बातें सामने निकल कर आई हैं। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली से सटा गौतमबुद्धनगर प्रदेश में अव्वल है। जहां प्रति व्यक्ति वाíषक आय पांच लाख रुपये से ऊपर है। वहीं, प्रति व्यक्ति आय में बहराइच जिला सबसे फिसड्डी है।

आंकड़े बयां कर रहे हैं कहानी

वर्ष 2016-17 से 2018-19 के आंकड़ों पर गौर करें तो वाराणसी जिला की प्रति व्यक्ति वाíषक आए 2017-18 से लगभग 3 हजार बढ़कर 85579 पर पहुंच गया है, जो 2016-17 से 2500 रुपये वाíषक आय अधिक है। वहीं यूपी के गौतमबुद्धनगर इकलौता ऐसा जिला है जहां की प्रति व्यक्ति वाíषक आय पांच लाख से अधिक है। वहीं, राजधानी लखनऊ समेत मेरठ और एटा जिले की प्रति व्यक्ति वाíषक आए एक लाख से अधिक है। बाकी उत्तर प्रदेश के 71 जिलों में प्रति व्यक्ति वाíषक आए एक लाख से कम ही है। सूबे के 46 जिलों में प्रति व्यक्ति वाíषक आय एक लाख से 50 हजार के कम तो बाकी 25 जिलो में प्रति व्यक्ति वाíषक आए 50 हजार से कम है।

आय के कम होने का यह है कारण

गौतमबुद्ध नगर में 16 से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनकी वजह से यहां प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक है। वाराणसी की बात करें तो यहां औद्योगिक इकाइयां एक हजार से भी कम हैं। वह भी बहुत बड़े स्तर पर नहीं है। चांदपुर इंडस्ट्रीयल एरिया में मात्र तीन सौ और करखियाव में करीब ढाई सौ और जनपद के अन्य हिस्सों में कुल चार से अधिक औद्योगिक इकाइयां चल रही हैं। यानी कुल मिलाकर उनकी संख्या एक हजार से भी कम है। यही वजह है कि वाराणसी में प्रति व्यक्ति आय एक लाख से अधिक नहीं है।

अगर यह हो जाए तो बन जाए बात

-टीसीएस की तरह बड़ी आईटी कम्पनियों को यहां कॉल सेंटर खोलने की पहल करनी चाहिए

-सैमसंग, एचसीएल, एलजी जैसी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को अपना प्रोडक्शन यूनिट खोलना चाहिए

-पारले और अमूल की तरह अन्य एफएमसीजी कम्पनियां अपना यूनिट शुरू कर्रे

हजारों लोगों को नौकरी देने वाली बड़ी फैक्टरियां खुलनी चाहिए

कोट

वाराणसी धार्मिक शहर है। यहां कोई बड़ी फैक्टरी नहीं है। छोटे-मोटे उद्योग-धंधे संचालित हो रहे हैं, जहां 100 से 200 लोग काम कर रहे हैं। जब तक बड़ी फैक्टरियां नहीं खुलेंगी, यहां प्रति व्यक्ति आय में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है। हालांकि पारले, अमूल, टीसीएस जैसी कम्पनियों ने अपनी यूनिट खोलकर यहां की आय बढ़ाने का प्रयास किया है। इसी तरह और कम्पनियां भी वाराणसी में अपनी यूनिट खोले तो बात बन सकती है।

-एचपी माथुर, कोऑडिनेटर, प्लेसमेंट कोऑडिनेशन सेल बीएचयू

Posted By: Inextlive