पेट्रोल खपत बढ़ोत्तरी का ग्राफ आधे में रुका
- हर साल 7 से 8 फीसदी की होती थी बढ़ोत्तरी
- इस साल महज 2 से 3 फीसदी ही लग गया ब्रेक - सीएनजी और बैटरी वाहन निभा रहे अहम रोल पेट्रोल-डीजल की खपत में भले ही कमी नहीं आई हो, लेकिन हर साल की बढ़ोत्तरी में जरूर ब्रेक लग गया है। पहले जहां हर साल पेट्रोल-डीजल की खपत में 7 से 8 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होती थी, वहीं इस वर्ष 2021 में ये सिमट कर 2 से 3 प्रतिशत ही रह गई है। इंडिया ऑयल कारपोरेशन के सेल्स मैनेजर पीयूष कुमार बताते हैं कि पेट्रोल की डिमांड में वर्ष 2030 तक कमी नहीं आएगी। सीएनजी और बैटरी के वाहनों के चलने से पेट्रोल के सालाना खपत में बढ़ोत्तरी आधे से कम जरूर रह गई है। दो से तीन फीसदी ही बढ़ोत्तरीइंडिया ऑयल कारपोरेशन के अनुसार वाराणसी में लॉकडाउन के दौरान पेट्रोल और डीजल की खपत बहुत कम हो गई थी, लेकिन अनलॉक होते ही स्थिति सामान्य हो गई है। कोविड काल के पहले जैसी स्थिति थी, आज भी वहीं स्थिति है। पिछले साल के आंकड़ों की बात करें तो दो से तीन फीसद ही बढ़ोत्तरी हुई है। शहर में हर दिन करीब 1800 केएल (किलो हजार लीटर) पेट्रोल की खपत होती, जबकि पूरे जनपद में यह आंकड़ा 2400 केएल तक पहुंच जाता है। इसी तरह 700 केएल डीजल की खपत हो रही है, जो पिछले साल की तुलना में दो से तीन फीसदी अधिक है।
2030 तक पेट्रोल की खपत कम नहीं होगी इंडिया ऑयल कारपोरेशन के सेल्स मैनेजर पीयूष कुमार के अनुसार सीएनजी और बैटरी चालित वाहनों की बिक्री हो रही है, लेकिन पेट्रोल-डीजल की खपत पर असर नहीं पड़ा है। हालांकि सीएनजी और बैटरी वाहनों के चलने से खपत की रफ्तार कम जरूर हुई है। 2019 से पहले प्रति वर्ष 7 से 8 फीसदी तक पेट्रोल और डीजल की खपत में बढ़ोतरी होती थी, जो अब कम होकर दो से तीन फीसदी पर आ गई है। 2030 तक पेट्रोल की खपत कम नहीं होगी। सीएनजी-पेट्रोल वाहनों ने रोकी रफ्तार एक साल के अंदर 70 से 100 रुपये तक पेट्रोल कीमत पहुंच गई। इस रफ्तार में डीजल की कीमत में उछाल आया। इसके चलते अब सीएनजी-पेट्रोल कम्बाइड कार की बिक्री बढ़ी। हालांकि सीएनजी-पेट्रोल वाली कार सिर्फ दो कम्पनियां ही बेचती हैं। शोरूम मालिक के अनुसार अगर एक दिन में 100 कारें बिकती हैं तो उसमें 30 कारें सीएनजी-पेट्रोल वाली होती हैं। खपत में नहीं आई कमीपेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। ईंधन की कीमत के विकल्प के रूप में ही शहर में सीएनजी और बैटरी चालित वाहनों की की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। बावजूद इसके वाराणसी में पेट्रोल-डीजल की खपत कम नहीं हो रही है। हालांकि पेट्रोल पम्प मालिकों के अनुसार पहले से उनकी बिक्री काफी कम हुई है। आंकड़ों से समझें तो वाराणसी के शहरी इलाकों में करीब 1800 केएल पेट्रोल की खपत होती है, जबकि 700 केएल डीजल की खपत होती है। नगरीय सीमा क्षेत्र में करीब 122 पेट्रोल पम्प हैं, जहां हर दिन चार लाख से अधिक दोपहिया और 30 हजार से अधिक चार पहिया वाहनों पेट्रोल-डीजल भरा जाता है।
-30 हजार से अधिक वाहन सीएनजी से चल रहे हैं। -20 से हजार से अधिक वाहन बैटरी से चल रहे हैं। -40 हजार किलो सीएनजी की खपत प्रतिदिन हो रही है। -12 सीएनजी स्टेशन खुल चुके हैं वाराण्सी में। -6 लाख से अधिक दो पहिया वाहन आरटीओ में रजिस्टर्ड हैं। -52 हजार से अधिक चार पहिया वाहन शहर में दौड़ रहे हैं। -15 हजार ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं शहर में -8 हजार से अधिक बैटरी चालित दो पहिया वाहन चल रहे हैं।-100 रुपये के करीब पहुंचा पेट्रोल की कीमत
-89 रुपये हैं डीजल का रेट - 2019 में पेट्रोल खपत में 7 से 8 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी - 2021 में पेट्रोल खपत में 2 से 3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी - 2400 केएल पेट्रोल और 1100 केएल डीजल की खपत