-डीएलडब्ल्यू ग्राउंड में आंगनबाड़ी व आशा कार्यकत्रियों ने ढाई सौ बैलून उड़ाकर पीएम मोदी का किया वेलकम

-प्रधानमंत्री बोले, आपके हाथों में ही है नौनिहालों का भविष्य

 

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VARANASI : 68वें जन्मदिन के मौके पर सोमवार की शाम काशी पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने डीएलडब्ल्यू ग्राउंड में आंगनबाड़ी व आशा कार्यकत्रियों को 'यशोदा' मां की उपाधि दी। पीएम का स्वागत आसमान में ढाई सौ ऑरेंज बैलून उड़ाकर करने वाली इंट्रीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विसेज (आईसीडीएस) से जुड़ी विद्यापीठ ब्लाक की बाल विकास, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकत्रियों से रूबरू हुए पीएम मोदी ने सवाल दागा। पूछा आईसीडीएस की शुरुआत कब हुई थी? देश के प्रधानमंत्री से मुखातिब कार्यकत्रियों ने अक्टूबर 1975 में आईसीडीएस की शुरुआत होने की उन्हें जानकारी दी। जवाब से पीएम संतुष्ट थे लेकिन कहा कि इसकी शुरुआत तो यशोदा मां ने किया था। पीएम तर्क देकर बोले कि भगवान श्रीकृष्ण देवकी की कोख से पैदा जरूर हुए थे लेकिन उनका लालन-पालन तो यशोदा मां ने किया था। उस जमाने से ही नौनिहालों की सेवा का प्रारंभ हुआ है। ठीक यशोदा मां की तरह नौनिहालों की परवरिश करें, उनका फ्यूचर आपके हाथों में ही है।

 

एक हजार बढ़ा गए मानदेय

 

डीएलडब्ल्यू ग्राउंड के हेलीपैड से उतरते ही पीएम के स्वागत के लिए कतार में खड़ी आशा कार्यकत्रियों की खुशी को भी पीएम मोदी डबल कर गए। मानो शिकायतों को पहले ही भांप चुके पीएम मोदी ने आशा कार्यकत्रियों से मिलते ही बोले कि आप सभी का मानदेय एक हजार रुपये बढ़ा दिया गया है। अब तक आशा कार्यकत्रियों को एक हजार रुपये ही मिलते थे। अब से दो हजार रुपये मंथली सैलरी मिलेगी। निष्ठा, लगन और मेहनत से काम करें, यह सरकार गरीबों, असहायों और लाचारों को शिखर पर पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है।

 

'मन की बात' का लिया फीडबैक

जन्मदिन के उपलक्ष्य में काशी की धरती पर कदम रखते ही सबसे पहले आंगनबाड़ी व आशा कार्यकत्रियों से मुखातिब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूछा कि दस दिन पहले 'मन की बात' में मेरी कौन सी बात अच्छी लगी थी। जिस पर कार्यकत्रियों ने 'क‌र्त्तव्यों का निवर्हन और देश की बुनियाद की जिम्मेदारी है' को खास तरजीह दी। बाल विकास कार्यक्रम प्रभारी लालिमा पांडेय, पर्यवेक्षक स्मृता राय, अंजना तिवारी, रीता कुमारी सहित 180 आंगनबाड़ी व आशा कार्यकत्री शामिल रहीं।

 

अफसोस पर हुई सुखद अनुभूति

 

जन्मदिन पर पीएम को भेंट करने के लिए बहुत सी आशा कार्यकत्रियां कुछ पोस्टर और अन्य सामग्री लेकर पहुंची थीं मगर सुरक्षा का हवाला देते हुए सुरक्षाकर्मियों ने ग्राउंड के अंदर प्रवेश नहीं होने दिया। कार्यकत्रियों का मन मसोस कर रह जरूर गया लेकिन सुखद अनुभूति यह रही कि देश के प्रधानमंत्री के सामने वह मौजूद रहीं। आशा कार्यकत्रियां रोशन बानो, लालमनी देवी, उर्मिला देवी, राधिका, गीता आदि ने कहा कि पहले प्रधानमंत्री से हम सभी मिले इसकी बेहद खुशी है। कड़ी सुरक्षा के बीच आंगनबाड़ी व आशा कार्यकत्रियों को इंट्री दी गई।

Posted By: Inextlive