-लालपुर के ऐढे में पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़

- 50 हजार का इनामी बदमाश अनिल भागने में सफल, दो पुलिसकर्मी भी घायल

-कुख्यात मोनू चौहान ने बीते दस दिनों में दो बड़ी वारदातों को दिया था अंजाम

दस दिनों में ताबड़तोड़ कई वारदात को अंजाम देने वाला कुख्यात बदमाश एक लाख का इनामी मोनू चौहान रविवार की रात अपने अंजाम को पहुंच गया। लालपुर में ऐढ़े गांव के पास हुई मुठभेड़ में पुलिस की गोली ने उसे मौत दे दी। इस दौरान उसका साथी 50 हजार का इनामी अनिल भागने में सफल रहा। मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मोनू चौहान के पास से एक पिस्टल, एक तमंचा और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुआ है। मुठभेड़ की जानकारी मिलते ही मौके पर एसपी सिटी समेत कई थानों के जवान पहुंच गए।

मुखबिर से मिली सूचना

वाराणसी में बीते कुछ दिनों में हुईं वारदात की कई घटनाओं को देखते हुए पुलिस द्वारा अपराधियों की धरपकड़ के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत रविवार को बड़ी सफलता मिली। पुलिस को सूचना मिली थी कि कुख्यात मोनू चौहान और अनिल अपाचे मोटरसाइकिल से ¨रग रोड पकड़कर शहर की तरफ आ रहे हैं। क्राइम ब्रांच की टीम के साथ सारनाथ और लालपुर थाने की पुलिस ने घेराबंदी की। इसकी भनक लगते ही बदमाशों ने भागने की कोशिश की। पुलिस ने पीछा किया तो दोनों ने फाय¨रग शुरू कर दी। इस दौरान लालपुर में ऐढ़े गांव के पास पुलिस की गोली लगने से मोनू चौहान बाइक समेत गिर गया जबकि अनिल अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहा।

बच निकला पांच साल पहले

पुलिस ने फौरन मोनू को कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल पहुंचाया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं, बांह में गोल लगने से घायल सब इंस्पेक्टर राजकुमार पांडेय और सिपाही विनय की हालत खतरे से बाहर है। दानगंज निवासी मोनू चौहान ने दीपावली के आसपास तीन दिनों के भीतर दो बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया था। 13 नवंबर की शाम घड़ी व्यापारी श्याम बिहारी मिश्रा को गोली मारकर 20 हजार रुपय लूट लिए थे। अगले दिन इलाज के दौरान व्यापारी की मौत हो गई थी। वहीं, 15 नवंबर को एक महिला प्रेमा राजभर को दस हजार रुपये की लेनदेन को लेकर गोली मार दी थी। गंभीर रूप से घायल महिला अस्पताल में भर्ती है। गौरतलब है कि 2015 में वाराणसी के थाना कोतवाली क्षेत्र में कबीरचौरा में एसटीएफ की टीम के साथ हुई मुठभेड़ में कुख्यात गैंगस्टर सनी सिंह मारा गया था और मोनू चौहान भागने में सफल रहा था। उसके खिलाफ वाराणसी के विभिन्न थानों में लगभग डेढ़ दर्जन मुकदमे हैं।

Posted By: Inextlive