ग्राउंड में भरा है पानी पुलिस विभाग के हॉस्पिटल में जाने वालों को होती है दिक्कत सीवर लीकेज और बारिश का पानी है भरा दुर्गंध के साथ संक्रामक बीमारियों का खतरा

वाराणसी (ब्यूरो)शहर के पुलिस लाइन स्थित ग्राउंड के साइड इंट्री गेट, फायर ब्रिगेड बैरक के पास गढ्डे व गहरे स्थानों पर महीनों से पानी भरा है। यही नहीं पहुंच मार्ग को छोड़ दें तो पुलिस लाइन का अस्थाई हॉस्पिटल चारो ओर से पानी से घिरा है।

सीवर ओवर फ्लो और इकठ्ठा बारिश का पानी कई हफ्तों से सड़ रहा है। वाटर लॉगिंग से दुर्गंध तो उठ ही रही है। इस पानी में डेंगू-मलेरिया के वाहक मच्छर भी पैदा हो रहे हैैं। बैरक में निवास करने वाले सिपाही, ट्रेनिंग वाले जवान, समीप में स्कूल में पढऩे आने वाले बच्चे और रोजाना अस्थाई हॉस्पिटल में 40 से 50 की संख्या में इलाज कराने आने वाले पुलिस जवान व इनके परिजनों को दुर्गंध और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हाल के दिनों में 4 से 6 केस उल्टी और डायरिया मिले हैैं। लिहाजा, पुलिस लाइन ग्राउंड परिसर में पुलिस जवानों और कर्मचारियों को संक्रामक बीमारी का भय सता रहा है।

इलाज की डगर है मुश्किल में

पुलिस लाइन ग्राउंड में स्थित अस्थाई हॉस्पिटल को जाने का रास्ता सिर्फ सेफ है। हॉस्पिटल के सामने लगभग आधा फिट सीवर से लीकेज हुआ पानी एकत्रित होकर सड़ रहा है। बात यहीं खत्म नहीं होती है। जवानों के स्वास्थ्य संबंधी समस्यों को दूर करने के लिए बना हॉस्पिटल को कब संक्रामक बीमारी अपने चपेट में ले ले कहा नहीं जा सकता है। हॉस्पिटल के चारो ओर गंदे पानी के रिसाव से बदबूदार वातावरण में डॉक्टर, सिपाही और कर्मचारियों के ड्यूटी करने में परेशानी हो रही है।

फायर ब्रिगेड बैरक पर भी खतरा

पुलिस लाइन ग्राउंड स्थित फायर ब्रिगेड बैरक के ठीक सामने स्लोप व गड्ढे में पानी जमा हुआ है। कहीं-कहीं तो पानी सड़ कर कीचड़ जैसा हो गया है। इस पानी में मच्छर, कीड़े और विभिन्न प्रकार के हानिकारक जीवों का बसेरा है। पास में फायर ब्रिगेड रहने वाले जवानों दिन रात मच्छर के काटने के साथ कीड़े-मकोड़ों का भय बना रहता है।

थोड़ी दूर पर है स्कूल

महत्वपूर्ण स्थानों में से एक पुलिस लाइन ग्राउंड में एक प्राथमिक स्तर का स्कूल भी है। यह स्कूल अस्थाई हॉस्पिटल से महज 100 मीटर दूर है। यहां पढऩे वाले स्टूडेंट और टीचर्स को भी संक्रामक बीमारियों का भय सता रहा है।

जहरीले जीव-जन्तूओं का ठिकाना

पुलिस लाइन में अस्थाई हॉस्पिटल के पास विभागीय वेस्टेज को खुले में डाला जाता है। जो अब एक पुराने सामानों कूड़े का मिनी माउंटेन रूप ले चूका है। इसमें आधा से ज्यादा वेस्टेज जमे पानी में सड़ रहा है। अब तो इस कुड़े के अंबार में जहरीले जीव-जन्तू भी रहने लगे हैैं।

निकाला गया पानी पर समस्या बरकरार

अस्थाई हॉस्पिटल में तैनात कर्मचारियों ने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम को बताया कि गत मंगलवार को जल निगम के स्टाफ और ट्रक ने घंटों मशक्कत कर पानी को निकाला। इस प्रयास से जमा पानी निकाल लिया गया, लेकिन कुछ ही घंटों में दोबारा से पानी एकत्र हो गया और समस्या जस की तस बनी हुई है।

सीवर और रिसाव के पानी से कई परेशानियां हो रही हैैं। पॉल्यूडेट वॉटर से अब तो संक्रामक बीमारी का भी खतरा बढ़ा है। जवानों और कर्मचारियों की हेल्थ सुरक्षा के लिहाज से इसे दुरुस्त कराने की आवश्यकता है।

डॉ अनिल कुमार, अस्थाई हॉस्पिटल

ग्राउंड में जमे हुए पानी की निकासी के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। जल निगम ने पानी को निकालने का प्रयास किया है। जल्द ही कैंपस को गंदे पानी से मुक्त करा लिया जाएगा।

अवधेश पांडेय, एसीपी लाइन व दशाश्वमेध

Posted By: Inextlive