-जिस पुलिसकर्मी के बीट में होगी बड़ी घटना, वो सीधा होगा जिम्मेदार

-थाने के टॉप टेन अपराधियों की शुरू हुई खोजबीन

- पुलिस आयुक्त की पहल पर शुरू हुआ अभियान

विवादों की सूचना मिलने पर उसका मौके पर ही त्वरित निस्तारण करने का अभियान पुलिस ने शुरू कर दिया है। इस अभियान का मकसद बड़ी घटनाओं को रोकने के साथ अपराधियों की स्थानीय स्तर पर सक्रियता कम करना है। ये विशेष अभियान पुलिस आयुक्त ए। सतीश गणेश के निर्देश पर चलाया जा रहा है।

इस अभियान के तहत सिपाहियों के कार्यो का विभाजन किया गया है। इसमें कार्य योजना, कार्य का वितरण और लाभ के तौर पर काम को बांटकर पुलिस को प्रशिक्षण देना शामिल है। पुलिस आयुक्त के निर्देशन के बाद इसको अमलीजामा पहनाने के लिए कमिश्नरेट के सभी एसीपी स्तर के अधिकारियों ने अपनी सर्किल में कार्य शुरू का दिया है।

सिपाहियों को किया जा रहा ट्रेंड-

वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के एसीपी ने अपने-अपने थानों के पुलिसकíमयों कोप्रशिक्षण दिए जाने का कार्य शुरू कर दिया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सिपाहियों का अपना दायरा बढ़ाने के अलावा सामाजिक भी बनाना है। समाज में किस तरह से लोगों के साथ बर्ताव करना है, इसकी विशेष ट्रेनिंग कराई जा रही है। इससे अपराध नियंत्रण के अलावा मेल-मिलाप को भी अपने काम का प्रमुख अंग मानें।

बीट चार्ट में ये शामिल

बीट व्यवस्था के तहत सिपाहियों के कार्य का विभाजन भी किया गया है। बाकायदा कार्य की रूपरेखा, कार्य योजना, कार्य का वितरण और फायदे के तौर पर काम को बांटकर इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बीट व्यवस्था में किन बिंदुओं पर काम करना है? इसकी कार्ययोजना क्या है? कौन-कौन क्या काम करेगा? इसे तय कर दिया गया है। ये अभियान पांच चरणों में दो बार चलाया जाएगा।

मोहल्ले के 10 लोगों को बनाना है मित्र

इस अभियान के तहत थाने के पुलिस वालों को अपने क्षेत्र के 10-10 प्रमुख लोगों से संपर्क करना होगा। इसके बाद सूचनाओं के आदान-प्रदान से लेकर लोगों की मदद के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।

पांच चरण पर चलेगा अभियान

पहला चरण- आपरेशन दस्तक की दी गई सूची पर काम होगा।

दूसरा चरण- उन अपराधियों को चिन्हिंत किया जाएगा, जिनके नाम ऑपरेशन दस्तक की सूची से बाहर हैं।

तीसरा चरण- थाने के हिस्ट्रीशीटर पर काम किया जाना है।

चौथा चरण- पंजीकृत गैंग के सदस्यों का चिन्हिंत किया जाएगा।

पांचवां चरण- टॉप-10 और सक्रिय अपराधियों पर काम किया जाएगा।

पुलिस आयुक्त के निर्देश पर यह कवायद शुरू हो गई है। हर एक छोटे से छोटे विवाद की जानकारी होते ही मोहल्ले-मोहल्ले में पुलिस पहुंचकर विवादों को मौके पर ही खत्म करके बड़ी घटनाएं रोकने का काम करेगी। इसके अलावा बाहर के क्षेत्र के संभ्रांत लोगों के संपर्क में रहने पर बाहर से आने वाले अपराधियों की स्थानीय स्तर पर सक्रियता को कम करने की पुलिस रणनीति तैयार कर रही है।

बीट व्यवस्था के तहत सभी पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत मुहल्ले स्तर पर होने वाले छोटे-छोटे विवादों की त्वरित सूचना मिलने पर उसका मौके पर ही निस्तारण किया जाएगा। इसके तहत सिपाहियों के कार्य का विभाजन किया गया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि समय रहते बड़े विवाद को रोका जा सके।

- ए। सतीश गणेश, पुलिस आयुक्त

वाराणसी कमिश्नरेट

Posted By: Inextlive