घटा ख़ुद बरसती है बरसायी नहीं जाती छात्र शक्ति वो शक्ति है जो दर्शायी नहीं जाती. बुधवार को हरीशचंद्र पीजी कॉलेज परिसर में ऐसे दर्जनों नारे छात्र अपनी गर्मजोशी बनाए रखने के लिए लगाते रहे. कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव की डेट घोषित करने की मांग को लेकर 12 दिनों से स्टूडेंट स्ट्राइक पर हैैं. महात्मा काशी विद्यापीठ में छात्रसंघ चुनाव को बीच में रोक दिए जाने से कई छात्र संगठनों में उबाल है.

वाराणसी (ब्यूरो)। हरीशचंद्र पीजी कॉलेज में चुनाव की मांग को लेकर छात्रों ने भूख हड़ताल शुरू की थी। तब बीते सात जनवरी को प्राचार्य ने चुनाव की दो डेट्स स्टूडेंट्स से साझा करते हुए जूस पिलाकर भूख हड़ताल समाप्त कराई थी। हालांकि छात्रों का धरना अनवरत चल रहा था।

प्रिंसिपल के आश्वासन के अनुसार 12 जनवरी को कॉलेज में नामांकन होना था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। प्रिंसिपल का दिया डेट फेल होने के बाद बुधवार को स्टूडेंट्स ने कहा कि कॉलेज प्रशासन स्टूडेंट के अधिकारों और भावनाओं से खिलवाड़ कर रहा है। जल्द ही कॉलेज प्रशासन यदि चुनाव की घोषणा नहीं करता है तो हम आंदोलन की स्ट्रेटजी पर काम करेंगे।

दी गई थी दो डेट
भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों को कॉलेज प्रशासन की ओर से दो डेट देकर चुनाव कराने की बात कही गई थी। पहली डेट के अनुसार 12 को नामांकन और 22 जनवरी को वोटिंग तथा दूसरी डेट के अनुसार 15 को नामांकन और 25 को वोटिंग होनी थी। एक डेट बुधवार को समाप्त हो गई।

छात्र राजनीति का भविष्य
छात्र नेता अभिषेक यादव ने कहा कि बनारस में काशी विद्यापीठ, हरीशचंद्र पीजी कॉलेज, बीएचयू समेत कई कॉलेजों से राजनीति का ककहरा सीखकर निकले छात्रों ने देश और राज्य स्तर पर राजनीति का लोहा मनवाया है। लेकिन वर्तमान समय में छात्रों की आवाज को कुचला जा रहा है। प्रशासन और कॉलेज प्रशासन को स्टूडेंट्स की मांगों पर गौर करना चाहिए।

वर्तमान सत्र में कराएं चुनाव
स्टूडेंट की मांग है कि वर्तमान सत्र का चुनाव जल्द से जल्द कराया जाए। बहुत ज्यादा देर करने पर इसका नाकारात्मक असर कॉलेज की सुविधा और पठन-पाठन के माहौल पर पड़ेगा। हरिशचंद्र पीजी कॉलेज में कुल 8500 से अधिक छात्र-छात्राएं विभिन्न कोर्स में अध्ययनरत हैैं। कॉलेज प्रशासन छात्रसंघ और सुविधा शुल्क 140 रुपए प्रति स्टूडेंट लेता है। इस सत्र में छात्र निधि की राशि करीब 10 लाख से अधिक हो जा रही है। इलेक्शन की मांग पर अड़े स्टूडेंट का कहना है कि जल्द से जल्द चुनाव हो जाने से उक्त धनराशि का इस्तेमाल छात्र हितों में किया जा सकेगा।

विस चुनाव का होगा बहिष्कार
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष श्रीप्रकाश ने कहा कि कॉलेज प्रशासन को स्टूडेंट की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए। इनकी चुनाव कराने की मांग जायज है और इनका मौलिक अधिकार भी है। शहर भर के छात्र संगठनों से बातचीत जारी है। कॉलेज यदि चुनाव नहीं कराता है, तो सभी छात्र इकाईयों को संगठित किया जाएगा और विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया जाएगा।


भूख हड़ताल पर बैठे स्टूडेंट्स को 12-22 और 15-25 जनवरी की संभावित डेट दी गई थी। फोर्स की मांग को लेकर जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया है। गुरुवार को सिविल प्रशासन को रिमाइंडर भेजा जाएगा।
-अनिल प्रताप सिंह, प्राचार्य, हरीशचंद्र कॉलेज

छात्र राजनीति को नहीं कुचला जाना चाहिए

हमारी सिर्फ यही मांग है कि जल्द से जल्द स्टूडेंट इलेक्शन की तिथि घोषित की जाए।
शिवांग मिश्रा, स्टूडेंट

अब हमें आश्वासन का जूस नहीं पीना है। कॉलेज प्रशासन चुनाव कराना चाहता है तो फिर इतनी देर क्यों की जा रही है।
जतिन यादव, स्टूडेंट

कॉलेज स्तर के इलेक्शन राजनीति की नर्सरी होती हैं। छात्र राजनीति को नहीं कुचला जाना चाहिए।
अंकित सिंह, स्टूडेंट


वर्तमान सत्र का चुनाव होना चाहिए। ताकि छात्र निधि का इस्तेमाल बेहतर पठन-पाठन की सुविधाओं के विकास पर किया जा सके।
आनंद मौर्य, स्टूडेंट

हरिश्चद्र कॉलेज और बनारस के कालेजों में चुनाव रोका जा रहा है। इससे जाहिर हो रहा है कि प्रशासन की मंशा छात्र विरोधी है।
अभिषेक यादव, स्टूडेंट

यदि डेट जारी होने के बाद भी चुनाव नहीं हुए तो विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। छात्र इकाई रणनीति तैयार करने में जुटी है।
श्री प्रकाश यादव, स्टूडेंट

लोकतंत्र की नर्सरी के साथ मजाक क्यों। छात्र राजनीति पर ये तालाबंदी होने नहीं दी जाएगी।
सर्वेश तिवारी, स्टूडेंट

छात्र राजनीति बहाल हो। यह लोकतंत्र की खुबसूरती के लिए आवश्यक है। कॉलेज प्रशासन आश्वासन से आगे बढ़े।
अभिषेक झा, पूर्व छात्र

लोकतंत्र में सबकी बात सुनी जानी चाहिए। सही-गलत का चुनाव कैसे होगा।
पंकज कुमार सिंह, स्टूडेंट

दो लिखित डेट दी गई थी। इसमें भी चालाकी बरती जा रही है। प्रशासन का मनमाना रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अभय यादव, स्टूडेंट

Posted By: Inextlive