Varanasi: पुलिस और क्रिमिनल्स के बीच गठजोड़ कोई नई बात नहीं बात नहीं है लेकिन शुक्रवार को ये पुराना गठजोड़ एक बार फिर से उस वक्त देखने को मिला जब जिला जेल में बलुआ थाने का गैंगस्टर सुनील यादव चौकाघाट पुल पर पुलिस वैन से कूदकर फरार हो गया. पुलिस कस्टडी से भागे जाने के मामले को एसएसपी ने गंभीरता से लेते हुए सुनील को चंदौली पेशी पर लेकर जाने वाली पुलिस टीम के पांच सिपाहियों समेत एक महिला सिपाही को हिरासत में लेकर पूछताछ का आदेश दिया है. जिसके बाद एसपी सिटी राहुल राज कैंट थाने में सिपाहियों से पूछताछ कर रहे हैं.


ये हुआ कैसे?


चोलापुर गोसाइपुर का रहने वाला हार्डकोर क्रिमिनल सुनील यादव 25 दिसम्बर 2011 से जिला जेल में बंद है। सुनील के ऊपर 13 मुकदमें हैं बिहार, चंदौली और वाराणसी के अलग अलग थानों में दर्ज है। इन्ही मामलों में से बलुआ थाने के गैंगस्टर के एक मामले में चंदौली पुलिस उसे लेकर चंदौली कोर्ट पेशी पर गई थी। सुबह चंदौली से पुलिस टीम में चंद्रिका राय, राधेश्याम, विकास राय, रामजीत, अश्वनी पाण्डेय, मोहन राम, निर्मल यादव और एक लेडिज कांस्टेबल सावित्री देवी सुनील और एक महिला बंदी नाजिया को लेकर चंदौली पेशी के लिए निकले। पूछताछ के दौरान पुलिस टीम के कांस्टेबल राधेश्याम ने बताया कि रामजीत ने बताया कि सुनील को राधेश्याम बड़ी वैन में न बैठाकर छोटी स्कॉट की टाटा 207 में बैठा रहा था। जिस पर उसने ऐसा करने से मना किया लेकिन राधेश्याम नहीं माना और उसने सुनील को महिला बंदी नाजिया संग स्कॉट वैन में बैठा दिया। जाते वक्त तो सब सही सलामत रहा लेकिन लौटते वक्त सुनील सेम गाड़ी में ही बैठा और चौकाघाट पुल के पास ट्रैफिक में गाड़ी स्लो होते ही वो गाड़ी का गेट खोल उसमे से कूदकर मकबूल आलम रोड की ओर भाग निकला।और भी थे जवान

एसपी सिटी की पूछताछ में स्कॉट में शामिल पुलिस वालों ने बताया है कि जिस छोटी वैन में सुनील बैठा था। उसमे पीछे महिला बंदी नाजिया संग लेडिज कांस्टेबल सावित्री, आगे विकास राय, अश्वनी पाण्डेय और निर्मल यादव हथियारों से लैश होकर बैठे थे जबकि गाड़ी राधेश्याम चला रहा था जबकि रामजीत चंदौली में ही उतर गया था। वहीं बड़ी गाड़ी मोहन राम चला रहा था और उसमे चंद्रिका प्रकाश बैठा था। एसपी सिटी की पूछताछ में ये भी तथ्य सामने आया है कि फरार हुआ मुजरिम सुनील यादव पुलिस टीम में शामिल राधेश्याम के ही गांव का रहने वाला है। इस बात जब एसपी सिटी ने राधेश्याम से ये पूछा कि गांव का होने के नाते तुमने सुनील का छोटी वैन में बैठाया था तो राधेश्याम का कहना था कि वो सुनील से शुक्रवार को पहली बार मिला था और उसे जानता तक नहीं था।क्या झोंकी थी मिर्ची

छोटी वैन में सुनील के साथ मौजूद महिला कांस्टेबल सावित्री देवी ने पुलिस को भ्रमित करने की पूरी कोशिश की लेकिन फेल हो गई। सावित्री से जब सुनील के भागने के बारे में पूछताछ की गई तो उसने बताया कि सुनील ने उसकी आंखों में मिर्ची झोंक दी थी जिससे उसे कुछ नहीं दिख रहा था और उसी दौरान सुनील गाड़ी से कूदकर भाग निकला लेकिन जब सावित्री से बयान के आधार पर एसएसपी ने सावित्री का मेडिकल कराया तो आंख में मिर्ची झोंकने की झूठ निकली।गठजोड़ ने नहीं है इनकारएसएसपी अजय कुमार पुलिस कस्टडी से फरार हुए मुजरिम सुनील के मामले में पुलिस के ही लोगों का हाथ होने की बात से इनकार नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि बड़ी वैन होने के बाद भी उसे छोटी वैन में बैठाना, सिक्योरिटी में लापरवाही करना, एक सिपाही का रास्ते में ही उतर जाना ये कुछ ऐसे तथ्य है जो मामले में पुलिस वालों के शामिल होने की बात को बल दे रहे हैं। इसलिए सुनील को लेकर लौट रहे सारे पुलिस वालों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के आदेश दिए गए हैं जो सच होगा वो सामने आ जायेगा।पहले ही किया था आगाह
हार्डकोर क्रिमिनल सुनील यादव के फरार होने की सूचना डीआईजी ए सतीश गणेश ने मई में ही चंदौली एसपी को दे दी थी। सूत्रों की मानें तो डीआईजी ने एसपी चंदौली को बताया था कि सर्विलांस पर ट्रेप किया गया है कि सुनील भागने की फिराक में है। इसलिए उसको पेशी पर ले जाते वक्त सिक्योरिटी में लैक न हो लेकिन एसपी चंदौली ने भी ध्यान नहीं दिया और सुनील भाग निकला

Posted By: Inextlive