-सिटी के विभिन्न एरिया में खुली प्राइवेट लाइब्रेरी

-24 घंटे चलने वाली लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स को मिल रही कई फैसिलिटीज

बनारस को कभी लाइब्ररियों का भी शहर कहा जाता था। यहां एक दो नहीं बल्कि आधा दर्जन से ज्यादा लाइब्रेरी चलती थी। लेकिन समय के साथ इनका अस्तित्व लगभग खत्म हो गया है। जो हैं भी तो सिर्फ नाम की। किताबें धूल फांक रही हैं। न तो पढ़ने वाले हैं और न ही कोई सुविधा है। ऐसे में दौर में इस शहर में दिल्ली की तर्ज पर प्राइवेट लाइब्रेरी कम स्टडी या रीडिंग रूम का ने जन्म लिया है। जहां एक अच्छे और शांत माहौल में पढ़ने के लिए कई सुविधाएं दी जा रही हैं। जो कॉम्प्टीटिव एग्जाम की तैयारी करने वालों को काफी रास आ रहा है। बनारस में लाइब्रेरी के बदलते इस ट्रेंड पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने खास स्टोरी की है। आप भी पढि़ये इस खबर के जरिये इस नई पहल को।

दो शिफ्ट में पढ़ते हैं बच्चे

ब्रहमानंद नगर स्थित आद्या लाइब्रेरी के ओनर सहदेव कुमार ने बताया कि बनारस में लाइब्रेरी की बेहद समृद्ध परंपरा रही है। लोग पूरा दिन इन लाइब्रेरी में बिता देते थे। मगर ऐसा समय बदला कि लाइब्रेरी लगभग खत्म हो गयीं। ऐसा नहीं कि यहां शांत माहौल में बैठकर पढ़ने वालों की कमी है। खासकर उन युवाओं को लाइब्रेरी की शिद्दत से कमी महसूस हो रही थी जो किसी एग्जाम की तैयारी कर रहे थे। ऐसे में हमने सोचा क्यों न बच्चों को ऐसा माहौल दिया जाए जहां वो पूरे सुकून के साथ पढ़ाई कर सकें। इसके बाद हमने ये लाइब्रेरी स्टार्ट की। दो शिफ्ट में चलने वाली लाइब्रेरी में इंजीनियरिंग, मेडिकल, सिविल, बैंक, एसएससी, रेलवे का प्रिपे्रशन करने वाले युवा काफी संख्या में आते हैं।

24 घंटे खुली रहती है लाइब्रेरी

कबीर नगर एरिया इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी करने वालों का हब है। यहां सैकड़ों कोचिंग संस्थान चलते हैं। जिसमें हजारों स्टूडेंट्स तैयारी कर रहे हैं। कोचिंग में पढ़ने के बाद ये स्टूडेंट्स प्राइवेट लाइबे्ररी में पढ़ाई करते हैं। इसलिए कबीर नगर में ओम स्टडी हॉल लाइब्रेरी चल रही है। ओनर के मुताबिक लाइब्रेरी सुबह आठ बजे ही खुल जाती है। दो शिफ्ट में चलती है। प्रत्येक शिफ्ट का छह सौ रुपये चार्ज रखा गया है। इसी तरह आशापुर स्थित महर्षि अरविंद लाइब्रेरी के ओनर शुभम यादव ने बताया कि स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए लाइब्रेरी 24 घंटे खुलती है। जिसमें स्टूडेंट्स को कई तरह की सुविधाएं दी जाती है।

अलग-अलग है केबिन

शहर के विभिन्न एरिया में संचालित हो रही इन प्राइवेट लाइब्रेरी में पब्लिक लाइब्रेरी के इतर कई सुविधाएं हैं। इन लाइब्रेरी में जहां वाई फाई की सुविधा मिल रही है तो ये 24 घंटे खुल रही हैं। इन लाइब्रेरी में प्रत्येक पढ़ने वाले के लिए अलग अलग केबिन बने हुए हैं। एसी भी लगे हैं। कई लाइब्रेरी स्टूडेंट्स की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दो शिफ्ट में संचालित हो रहे हैं। यहां न्यूज पेपर, मैगजिन के अलावा ग‌र्ल्स के लिए बैठने की अलग व्यवस्था है।

खुद लेकर आते हैं किताब

प्राइवेट लाइब्रेरीज पारंपरिक पुस्तकालय से कई मायने में अलग है। यहां सबसे खास बात ये होती है पढ़ने वाले खुद अपनी बुक लेकर आते हैं। यहां अलमारी नहीं होता है, पर इंटरनेट जरूर मिल जाएगा। इसी तरह वॉशरूम, कूलर, एसी, वाई-फाई जैसी कई सुविधाएं भी हैं, जो काम्प्टेटिव एग्जाम का प्रिपरेशन करने वालों को अट्रैक्ट कर रही हैं। घर से आसपास होने से ट्रैवल में खर्च होने वाला काफी समय बच जाता है। पैसों की बचत होती है, सो अलग। यहां स्टूडेंट्स अपनी किताबें खुद लेकर आते हैं। बदलती जरूरतों ने प्राइवेट लाइब्रेरी की शक्ल को काफी बदल दिया है।

डिस्ट्रिक्ट लाइब्रेरी का भी है क्रेज

भले ही सरकारी स्कूल कॉलेज का हाल बुरा हो मगर बनारस में सरकारी लाइब्रेरी ने इस मिथक को तोड़ दिया है। अर्दली बाजार स्थित एलटी कॉलेज कैंपस स्थित डिस्ट्रिक्ट लाइब्रेरी में न केवल अच्छी किताबें हैं बल्कि सुविधाएं भी बहुत आला दर्जे की है। इसी का नतीजा है कि इस लाइब्रेरी में पढ़ने वालों की संख्या हजारों में है। सुबह आठ बजे खुलने के बाद यहां बैठने को जगह नहीं मिलती। यहां ज्यादातर कॉम्प्टेटिव एग्जाम की तैयारी करने वाले पढ़ने आते हैं।

Posted By: Inextlive