सीबीसीआईडी ने कोर्ट में कहा शिवकुमार की डूबने से हुई थी मौत मौत की पुष्टि होने के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल कांग्रेस महासचिव ने पीडि़त परिवार को न्याय मिलने की मांग की

वाराणसी (ब्यूरो)बनारस के काशी हिंदू विश्वविद्यालय से बीएससी की पढ़ाई कर रहे छात्र शिव कुमार त्रिवेदी की रहस्यमयी मौत की गुत्थी अब इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी है। फैसला अब 14 जुलाई को आने की संभावना है। सीबीसीआईडी द्वारा कोर्ट में अज्ञात शव व पिता के डीएनए के मिलान की रिपोर्ट दी गई, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। अब इस मामले में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट कर शिव के परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है.

दरअसल, मध्य प्रदेश के जिला पन्ना के ब्रजपुर के रहने वाले शिव बीएचयू से बीएससी की पढ़ाई कर रहे थे और दूसरे वर्ष के छात्र थे। आखिरी बार शिव को तब देखा गया था जब बनारस की लंका थाने की पुलिस 13-14 फरवरी 2020 की रात अपने साथ ले जा रही थी। इसके बाद शिव का कोई पता नहीं चला। पुलिस के मुताबिक शिव को कई राज्यों में ढूंढा गया। शिव के मामले में पुलिस शिव के पिता प्रदीप को भी कई बार अपने साथ खोजने के लिए लेकर गई। लेकिन, शिव को नहीं खोज सकी, जबकि शिव की मौत पहले ही हो चुकी थी। 21 अप्रैल को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस ने बताया कि 15 फरवरी 2020 को यानी जिस दिन पुलिस शिव को ले जाती है, उसके दो दिन बाद बनारस के रामनगर में स्थित जमुना तालाब में एक शव मिला था। सीबीसीआईडी सीआईएस शाखा लखनऊ की आईपीएस सुनिता सिंह की अगुवाई में पुलिस ने उसका डीएनए टेस्ट कराया जो शिव के पिता प्रदीप त्रिवेदी से मैच कर गया। मतलब शिव की मौत हो चुकी है.

6 माह बाद हाईकोर्ट पहुंचा मामला

घटना के बारे में पता चलते ही शिव को लेकर बीएचयू के छात्रों ने सोशल मीडिया पर मुहिम चला दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट में अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने याचिका दाखिल की, जिसकी पहली सुनवाई 25 अगस्त 2020 को हुई, जिसमें कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई और तत्कालीन एसएसपी को हाईकोर्ट ने तलब किया। मामले में लंका पुलिस की लापरवाही मानते हुए एसएसपी ने पांच पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया.

तालाब में मिला था शव

21 अप्रैल को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच के समक्ष सुनवाई के दौरान पुलिस ने बताया कि 15 फरवरी 2020 को रामनगर में स्थित जमुना तालाब में एक शव मिला था। सीबीसीआईडी सीआईएस शाखा लखनऊ की आईपीएस सुनिता सिंह की अगुवाई में पुलिस ने उसका डीएनए टेस्ट कराया जो शिव के पिता प्रदीप त्रिवेदी से मैच कर गया, जिसके बाद कोर्ट ने भी माना कि शिव की मौत हो चुकी है।

प्रियंका गांधी ने की मांग

बीएचयू के छात्र शिव कुमार त्रिवेदी के मामले ने राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को इस मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक टवीट कर पीडि़त परिवार को न्याय मिलने की मांग की है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि बीएयचू के छात्र शिव त्रिवेदी के परिवार की दर्दनाक आप बीती सुनकर मन को भारी दुख पहुंचा है। पन्ना, मध्यप्रदेश से बीएचयू पढऩे आए इस मेधावी छात्र के परिवार को दो साल बाद पता चला कि शिव की मृत्यु हो गई। इस पूरी घटना में पुलिस प्रशासन की लापरवाही व असंवेदनशीलता साफ झलकती है। उच्चस्तरीय जांच से ही सही जानकारी व न्याय सुनिश्चित हो पाएगा। शिव त्रिवेदी के परिवार को न्याय जरूर मिलना चाहिए.

Posted By: Inextlive