वाराणसी-फाफामऊ-ऊंचाहार तक इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा

रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन के GM ने रूट का किया इंस्पेक्शन, इस रूट पर जल्द दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन

VARANASI

वाराणसी से इलाहाबाद तक का सफर अब आसान होने वाला है। जिस दूरी को तय करने में अभी तीन से चार घंटे लगते हैं वह अब दो घंटे में पूरी हो जाएगी। यह संभव है वाराणसी-इलाहाबाद रूट के इलेक्ट्रिफिकेशन से। इस रूट पर चल रहा वर्क पूरा हो चुका है। कैंट से लोहता, कपसेठी, परसीपुर सेवापुरी, फाफामऊ, इलाहाबाद से ऊंचाहार तक हुए इलेक्ट्रिफिकेशन वर्क का सोमवार को इलाहाबाद के रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन के जीएम महेश मंगल ने इंस्पेक्शन भी किया। अब बस रिपोर्ट आने की देर है। हरी झंडी मिलते ही इस रूट पर इलेक्ट्रिक ट्रेन दौड़ने लगेगी।

चार साल पहले मिली थी मंजूरी

रेलवे बोर्ड ने बनारस, फाफामऊ, इलाहाबाद, ऊंचाहार तक लगभग दो सौ किमी के इलेक्ट्रिफिकेशन वर्क को सन् ख्0क्0-क्क् में मंजूरी प्रदान की थी। इसकी जिम्मेदारी टाटा इलेक्ट्रिफिकेशन को सौंपी गई थी। यह वर्क तय समय में पूरा हो गया है। अब बस टेस्टिंग बाकी है। इसके फाइनल होते ही बनारस से इलाहाबाद की दूरी तय करने में लगने वाला समय लगभग आधा हो जाएगा।

रूट का लिया जायजा

जीएम इलेक्ट्रिफिकेशन महेश मंगल, चीफ इंजीनियर, चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर सहित इलेक्ट्रिक डिपार्टमेंट से जुड़े इंजीनियर सोमवार को कैंट स्टेशन से इस रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन लगे स्पेशल कोच से इलाहाबाद तक गए। इस दौरान टीम ने इलेक्ट्रिफिकेशन का इंस्पेक्शन किया। टीम की रिपार्ट के बाद मुख्य संरक्षा आयुक्त स्पेशल ट्रेन से नये रूट का ट्रायल लेंगे। उसके बाद इस रूट पर पैसेंजर ट्रेन व गुड्स ट्रेन का ऑपरेशन स्टार्ट हो जाएगा। जानकारों के मुताबिक इलेक्ट्रिक ट्रेन्स के दौड़ने से वाराणसी से इलाहाबाद की दूरी मात्र दो घंटे में पूरी हो जाएगी, जबकि प्रेजेंट में साढ़े तीन से चार घंटे लगते हैं। खास बात यह है कि डेली करोड़ों रुपये का कोयला धनबाद वाया वाराणसी ऊंचाहार स्थित विद्युत थर्मल पॉवर को सप्लाई किया जाता है। इलेक्ट्रिफिकेशन से इसको भी फायदा होगा।

तब बढ़ जाएगी स्पीड

इलेक्ट्रिफिकेशन के बाद हावड़ा से नई दिल्ली जाने वाली पूर्वा एक्सप्रेस, वाराणसी कैंट से मुंबई जाने वाली रत्नागिरी, कामायनी, गोरखपुर दादर एक्सप्रेस सहित दर्जनों पैसेंजर व गुड्स ट्रेन्स के इंजन इलेक्ट्रिक से चलने लगेंगे। जाहिर है इससे इन ट्रेन्स की स्पीड भी बढ़ जाएगी। रूट की जांच पड़ताल में बनारस कैंट स्टेशन पहुंचे रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन के चीफ इंजीनियर एके सिंघल, चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर उमेश श्रीवास्तव भी शामिल रहे।

Posted By: Inextlive