काशीवासियों ने मनाया दशहरा गूंजी जय श्रीराम की जयकार

वाराणसी (ब्यूरो)आश्विन शुक्ल दशमी तद्नुसार बुधवार को काशीवासियों ने दशहरा मनाया। असत्य पर सत्य की जीत का उत्साह ऐसा जैसे गांव से लेकर शहर तक त्रेता युग सा नजारा, हर जगह रावण के पुतलों का दहन किया गया। बरेका में 75 फीट ऊंचा रावण, 70 फीट की कुंभकर्ण व 65 फीट ऊंचे मेघनाद के पुतले जब जले तो जय श्रीराम के उद्घोष से इलाका गूंज उठा। आतिशबाजी का अद्भुत नजारा देख लोगों के चेहरे खिल उठे। राम-रावण युद्ध देखने बरेका केंद्रीय खेल मैदान में दोपहर से ही भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। मानस पर आधारित प्रभु की लीला का मोनो एङ्क्षक्टग के रूप में बरेका इंटर कालेज के छात्रों ने मंचन किया। महाप्रबंधक अंजली गोयल के नेतृत्व में एसके श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार ङ्क्षसह, हीरेंद्र ङ्क्षसह राणा, आरएस चौहान, राजेश कुमार आदि ने संयोजन किया.

हर जगह उमड़ी भीड़

इसके अलावा मलदहिया चौराहा पर आयोजित दशहरा उत्सव में भी खूब भीड़ रही। इसमें स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल मुख्य अतिथि थे। अर्दली बाजार स्थित महावीर मंदिर, भोजूबीर, चौकाघाट, लहरतारा समेत अन्य स्थानों पर भी रावण के पुतले जलाए गए। कई जगह अपार्टमेंट व कालोनियों में भी दशहरा उत्सव का आयोजन किया गया.

भगवती को दी गई विदाई

शक्ति की अधिष्ठात्री देवी जगदंबिका की विदाई की बेला में गांव से शहर तक सड़कों पर भावनाओं का रेला उमड़ पड़ा। पंडालों से कुंड-सरोवरों तक यही हाल रहा। जोहेंगे बाट तुम्हारी फिर लौट के आना मां समेत कुछ ऐसे ही कोमल भावनाओं से भीगे उद्गार-मनुहार के साथ श्रद्धालुओं ने ब्याही बेटी के रूप में हिमालय से पधारीं देवी दुर्गा को विदाई दी। आश्विन शुक्ल दशमी तद्नुसार बुधवार दोपहर से रात तक झूमते-गाते और जयकार लगाते श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता रहा.

महिलाओं ने सिंदूर खेला

विसर्जन यात्रा से पहले पूजा पंडालों में मां की चिन्मय प्रतिमाओं की सविधि पूजा-आरती की गई। बंगीय क्षेत्र के पंडालों में महिलाओं ने मां को ङ्क्षसदूर अर्पित किया और आपस में 'ङ्क्षसदूर खेलाÓ। इससे एक दूसरे की मांग सजा कर अटल सुहाग की कामना की। भारत सेवाश्रम संघ में संन्यासियों ने शस्त्र संधान के साथ मां को विदाई दी। बंगीय पूजा पंडालों की शोभायात्रा में महिलाएं भी शामिल हुईं.

Posted By: Inextlive