बरेका में आतिशबाजी के साथ रात 8 बजे 75 फीट ऊंचे रावण के साथ कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों का होगा दहन सुरक्षा का होगा खास इंतजाम फायर ब्रिगेड सिविल डिफेंस एवं जिला स्काउट गाइड की भी ली जा रही मदद


वाराणसी (ब्यूरो)बरेका खेल मैदान में मंगलवार शाम ढाई घंटे तक मोनो एक्टिंग का कार्यक्रम दिखाने के बाद 8 बजे आतिशबाजी के साथ रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले का दहन किया जाएगा। सोमवार शाम को सभी के पुतले क्रेन के द्वारा खड़े कर दिए गए हैैं। इस दौरान भीड़ को देखते हुए सुरक्षा का खास इंतजाम किया गया है। फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस, पुलिस व स्काउट गाइड की ड्यूटी लगाई गई है। वहीं बरेका मैदान पर ही बड़ी गैबी मैदान और नक्कटैया समेत विभिन्न जगहों के पुतलों का निर्माण कारीगर कर रहे थे.

पुतला देखने के लिए उमड़ी भीड़

बरेका में होने वाला रावण दहन पूरे जिले में प्रसिद्ध है। यहां पर हर बार सबसे ऊंचे रावण के पुतले का दहन होता है। इस बार 75 फीट का रावण, 65 फीट मेघनाथ, 60 फीट ऊंचा कुंभकर्ण का पुतला दहन किया जाएगा। सोमवार को मैदान में खड़ा रावण का पुतला देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हुई थी। रावण दहन के लिए लोगों की सुरक्षा व्यवस्था का भी खास इंतजाम किया गया है.

8000 कुर्सियां मैदान पर लगीं

उत्तर प्रदेश पुलिस एवं बरेका रेलवे सुरक्षा बल द्वारा मेले में सुरक्षा व्यवस्था के खास इंतजाम किए गए हैं। दो एंबुलेंस और उसके साथ ही दो डॉक्टर भी मौके पर मौजूद रहेंगे। फायर ब्रिगेड, सिविल डिफेंस एवं जिला स्काउट गाइड की भी मदद ली जा रही है। दशहरा में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद वध की लीला के मैदान पर 8000 कुर्सियां मैदान पर लगाई गई हैं.

तीन द्वार से मिलेगा प्रवेश

मेला देखने आए लोगों को खेल मैदान के तीन द्वारों से मैदान में प्रवेश दिया जाएगा। दो गेट आपातकालीन स्थिति के लिए रिजर्व रखे गए हैं। नाश्ते व पीने के पानी की व्यवस्था मैदान में ही की जाएगी.

एक माह से चल रही प्रैक्टिस

विजयदशमी समिति के सहायक महामंत्री गौरव सिंह ने बताया कि बरेका के केंद्रीय खेलकूद मैदान में होने वाला दशहरा का मेला भव्य होता है। सिर्फ यहां ही रामायण का पाठ मोनो एक्टिंग के द्वारा किया जाता है। इसमें 62 कलाकार होंगे और शाम चार बजे से यह कार्यक्रम शुरू कर दिया जाएगा। ढाई घंटे में राम वन गमन से रावण वध का मंचन किया जाएगा। फिर आतिशबाजी के बाद 8 बजे रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले का दहन किया जाएगा। इसके बाद आसमान में फिर से जोरदार आतिशबाजी की जाएगी। कलाकारों का रोल बरेका विद्यालय एवं आसपास के छात्र व छात्राएं करते हैं। इसमें भाग लेने वाले कलाकार एक माह पहले से अभ्यास करना शुरू कर देते हैं.

मुस्लिम फैमिली करती है निर्माण

वर्ष 1975 से बरेका मैदान में रावण दहन का कार्यक्रम हो रहा है। तब से आज तक मुस्लिम फैमिली ही रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले का निर्माण करती आ रही हैै। अभी पुतले का निर्माण शमशाद खां करते हैं। पहले उनके नाना बाबू खां पुतलों का निर्माण करते थे। सोमवार को मैदान पर बड़ी गैबी मैदान का और नक्कटैया समेत विभिन्न जगह के पुतलों का निर्माण कारीगर कर रहे थे। इसमें महिलाए, बच्चे सभी मिल कर रावण और अन्य के पुतलों को तैयार कर रहे थे.

Posted By: Inextlive