- रिपोर्टर ने किया पीछा तो देने लगे धमकी

- जांच के नाम पर हो रहा अवैध वसूली का खेल

रात नो इंट्री खुलने के बाद शहर में ट्रकों का राज शुरश हो जाता है लेकिन क्या आपको मालूम है कि यह ट्रक बेखौफ शहर में ओवरलोड होकर किसकी शह पर आते हैं, वो है आरटीओ विभाग। जी हां ओवरलोड आने वाले ट्रकों की जांच के नाम पर परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ट्रक चालकों से वसूली करती है। वसूली की रकम होती है प्रति ट्रक छह से सात हजार रुपए। इस मामले की सच्चाई जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने शनिवार को पड़ताल की। पेश है खास रिपोर्ट:

समय- रात 11 बजे

शनिवार की रात 11 बजे परिवहन विभाग के प्रवर्तन दल ने लालपुर- पांडेयपुर थाने के पहले काली मंदिर के पास ट्रकों को रोक रखा था। प्रवर्तन टीम के एक अधिकारी बोलेरो गाड़ी में बैठे थे और सिपाही ट्रकों को रोककर चालक को साहब के पास ले जा रहे थे। करीब एक दर्जन ट्रक ड्राइवर अधिकारी के पास पहुंचे और चंद मिनटों में उन्हें आगे जाने की हरी झंडी मिल गई। इसके बाद लगभग 12 बजे प्रवर्तन की टीम थोड़ा और आगे बढ़ी। यहां पर भी वही कारनामा होता दिखाई पड़ा। ट्रकों को बीच रास्ते पर रोककर कागजात चेक करने से ट्रकों की लंबी कतार लग गई।

हर दिन 50 से 60 ट्रकों से होती है वसूली

बताते हैं कि प्रतिदिन तीन सौ से अधिक ट्रकों में करीब 50 से 60 ट्रकों से वसूली का खेल खेला जाता है। पहले चालकों को डराया धमकाया जाता है। इसके बाद डीलिंग का खेल शुरू होता है। रेट 20 हजार से शुरू होता है और छह से सात हजार रुपए में डील हो जाती है। इसमें जिसने आनाकानी की उसके खिलाफ कार्रवाई कर दी जाती है।

छह से सात हजार की वसूली

प्रवर्तन टीम के धरपकड़ अभियान के बीच एक ट्रक चालक से रिपोर्टर ने बातचीत भी की। उसने खुलासा किया कि वह एक महीने में तीन बार पकड़ा गया और एक बार तो इसी प्रवर्तन दल ने पकड़ा था। फोरलेन पर तो सात हजार रुपए देकर छूटा था। दो बार छह-छह हजार रुपए देने पड़े। ट्रक चालक ने बताया कि यदि चालान काटेंगे तो 70 से 80 हजार रुपए लग जाएंगे। इसके लिए हम लोगों की मजबूरी रहती है कि छह से सात हजार रुपए देकर इनसे बच लिया जाए। इस तरह से प्रतिदिन ट्रक चालकों करीब दो से तीन लाख रुपए भरते हैं।

हर दूसरे दिन आते हैं ट्रक वाले

ट्रक चालकों ने बताया कि वे हर दूसरे दिन इसी रास्ते से गुजरते हैं और परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम इसी का फायदा उठाकर हमसे पैसे ले लेती है। उनका कहना था कि हम लोगों को सड़क पर चलना है और इनकी मिलीभगत के बिना चला नहीं जा सकता है।

दस हजार दो वरना एक लाख का चालान

एक ट्रक डाला से गिट्टी लेकर मऊ जा रहा था। परिवहन विभाग के प्रवर्तन दल ने उसे रोका और उससे ओवर लोड का हवाला देकर 25 हजार रुपए मांगे। काफी मिन्नतों पर टीम ने दस हजार रुपए मांगे। ट्रक चालक ने पांच हजार में मामला सेट करने की कोशिश की, तो धमकी मिली कि दस हजार रुपए दो नहीं तो एक लाख रुपए की पेनाल्टी लगाउंगा। ट्रक चालक ने बताया कि राजा तालाब, मोहन सराय से रोहनिया होते हुए शहर में ट्रक इंट्री करते हैं।

इंट्री न लेने का भी है खेल

ट्रक चालक ने एक और खुलासा किया। बताया कि शहर में इंट्री लेने के लिए आरटीओ विभाग की परमीशन अनिवार्य होती है। करीब 4500 रुपए इंट्री है लेकिन अवैध कमाई के चलते विभाग ट्रकों को इंट्री नहीं देता है। तीन आरटीओ में एक ने भी मना कर दिया तो भी इंट्री नहीं मिलेगी।

मोबाइल से वीडियो डिलीट करने की धमकी

रिपोर्टर और ट्रक ड्राइवर को बातचीत करके हुए परिवहन विभाग के प्रवर्तन दल ने देख लिया। इस पर एक सिपाही रौब दिखाते हुए रिपोर्टर की बाइक के आगे-पीछे का फोटो लेने लगा। रिपोर्टर के सवाल करने पर उसने वीडियो डिलीट करने की धमकी दी और जुर्माना भी लगाने का डर दिखाया। इसके बाद प्रवर्तन टीम का प्रभारी मिथिलेश बताते हुए कहा कि आप हमारी फोटो हटाओ, हम आपकी। दोनों आपस में समझ लेते हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

मामला गंभीर है, मैं इसको दिखवाता हूं। अगर ऐसा हो रहा है तो जांच कराई जाएगी। जांच में मामला सही पाया गया तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

हरिशंकर सिंह

आरटीओ, वाराणसी

Posted By: Inextlive