शादी-विवाह का सीजन होने के कारण कैंट रोडवेज स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ आ रही है. सर्दी भी शुरू हो चुकी है लेकिन रोडवेज यात्रियों की सहूलियत के लिए गंभीर नहीं है. ठंड के मौसम में बसों की स्थिति जानने के लिए सोमवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने पड़ताल की तो चौकाने वाली तस्वीरें सामने आयी.

वाराणसी (ब्यूरो)। रोडवेज से खस्ताहाल बसों में यात्रियों को सफर कराया जा रहा है। यही नहीं कई बसों के शीशे टूटे देखने को मिले तो कुछ बसों में सर्द हवा रोकने के लिए एसीपी सीट लगी मिली। कई बसों में एंटी फॉग लाइट भी नहीं लगी मिली। ऐसी अव्यवस्था यात्रियों के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है।

एसीपी की सीट और टीन
रोडवेज प्रदेश के कई शहरों से खस्ताहाल बसों का संचालन कर रहा है। कैंट बस अड्डे पर प्रदेश के कई शहरों से बसों की आवाजाही होती है। कंडम बसों का हाल यह है कि हवा से बचाव के लिए टूटे शीशों की जगह एसीपी की सीट और टीन लगाई जा रही है। इससे ठंड के मौसम में यात्रियों का सफर करना मुश्किल हो गया है। पड़ताल के दौरान रोडवेज की कई बसों की खिड़की के शीशे टूटे मिले, तो कई में एंटी फॉग लाइट नहीं लगी मिली। मजबूरी ऐसी की इसी स्थिति में यात्रियों को इन खस्ताहाल बसों में सफर करना पड़ रहा है।

यात्री ज्यादा, बसों की संख्या कम
कैंट डिपो से छोटी दूरी सहित लंबी दूरी के लिए रोजाना 10 से 15 हजार यात्री एक जिले से दूसरे जिले के लिए बस से यात्रा करते हैं। यहां से बसें कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर, आजमगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, जौनपुर, रेनुकूट सहित अन्य जिलों से आवाजाही करती हैं। लेकिन रोडवेज की बसें खस्ताहाल होने की वजह से यात्रियों को छोटी दूरी से लेकर लंबी दूरी की यात्रा करने में परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। बसों की संख्या कम होने से यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। बस आते ही चढऩे के लिए मारामारी हो रही है।

रात्रिकालीन सेवाओं में कमी
एके तिवारी, क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज ने बताया कि बढ़ती ठंड के मद्देनजर 15 दिसंबर से रात्रिकालीन बस सेवाओं में कमी की जाएगी। मौजूदा समय में रात 11 बजे तक बस का संचालन किया जा रहा है। 15 दिसंबर के मौसम को देखते हुए रात्रिकालीन बस सेवाएं रात 10 बजे तक कर दी जाएगी। जो एक माह तक रहेगी। वहीं एसी बसों में हीटर की व्यवस्था की जाएगी।


बताई अपनी समस्याएं
लगन की वजह से भीड़ ज्यादा है। इसलिए जो भी बस मिल रही है, उसी में सवारी करना मजबूरी है। बस की खिड़की टूटी है, फिर भी किसी तरह एडस्ट करके चले जाएंगे।
-महेंद्र यादव

हमें लखनऊ जाना है। आधे घंटे के इंतजार के बाद बस मिली है। बस की स्थिति अच्छी नहीं है। अच्छी बस के इंतजार में एक छूट चुकी है। अब इसी में यात्रा करके जा रहे हैं।
-मंयक कुमार

रेनुकूट जाना है, करीब एक घंटे से इंतजार रहे हैं। पूछताछ काउंटर पर इंक्वारी करने पर बार-बार यही कहा जा रहा है कि दस मिनट में बस आ रही है। कोई देखने वाला नहीं है।
-शिवहरे पांडेय

बस स्टैंड पर भीड़ को देखते हुए बैठने की व्यवस्था करनी चाहिए, बस के इंतजार में करीब एक घंटे से खड़े हैं। पांव में दर्द हो रही है। बस में सीट मिलेगी या नहीं। यह भी पता नहीं।
-किरण


अधिकारी वर्जन
ठंड के मौसम को देखते हुए सभी बसों में ऑल वेदर लाइट, बैक लाइट, इंडीकेटर लगाए जा रहे हैं। जिससे आने वाले समय में बसों के परिचालन में किसी प्रकार की कोई समस्या न उत्पन्न हो।
एके तिवारी, क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज

Posted By: Inextlive