अब कलर से तय होगा ई रिक्शे का एरिया
- 30 नवंबर को ई रिक्शों के कारण लगने वाले जाम की खबर आई नेक्स्ट ने की थी पब्लिश
- हर रुट के लिए ई रिक्शे होंगे निर्धारित, कलर कोडिंग से रोकेंगे ई रिक्शों को दूसरे रुट पर जाने से 1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढशहर में जाम की बड़ी वजह बने ई रिक्शों के खिलाफ आई नेक्स्ट की तरफ से शुरू की गई मुहिम के बाद पुलिस प्रशासन ने इनकी बढ़ती संख्या को देखते हुए इनपर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। जिसके बाद शहर में बेतरतीब ढंग से किसी भी रुट पर चल रहे ई रिक्शों को मैनेज कर हर रुट पर इनकी संख्या निर्धारित करने के लिए इनको कलर कोडिंग देने की तैयारी हो गई। जिसके बाद निर्धारित कलर कोड किए रिक्शे उसी रुट पर चलेंगे जहां के लिए इनको फिक्स किया गया है। इससे शहर में ई रिक्शों की संख्या भी निर्धारित होगी और चौराहों पर इनको खड़ा करने में भी दिक्कत नहीं आयेगी।
बैठक कर बनाया रुटशहर में मनमाने ढंग से चलने वाले ई रिक्शा के लिए अब ऐसी प्लानिंग शुरू हो गई है। जिससे जाम से बहुत हद तक राहत मिलेगी। एसपी ट्रैफिक रामभवन चौरसिया व सीओ ट्रैफिक ने परिवहन विभाग व ई रिक्शा संचालकों के संग संडे को बैठक की। जिसमें यह निर्णय लिया गया। एक-दो दिन के भीतर आरटीओ और संचालकों के संग बैठक में रूट के साथ संख्या का निर्धारण कर लिया जाएगा। साथ ही तय किया गया है कि आरटीओ से स्वीकृ ई रिक्शा को ही चलने की इजाजत होगी। रूट निर्धारण के साथ यह भी तय किया जाएगा कि यदि दूसरे रूट पर ई रिक्शा चलते मिला उसके खिलाफ कार्रवाई हो। इसके अलावा कलर कोडिंग भी की जाएगी जिससे यह पता चल जाएगा कि कौन से ई रिक्शा किसी रूट का है।
मांगी है अंडरग्राउंड पार्किंग बिल्डिंग की लिस्टशहर में ट्रैफिक के मोर्चे पर काम कर रहे एसएसपी ने इस दिशा में एक और अहम कदम उठाते हुए वाराणसी विकास प्राधिकरण से ऐसे बहुंमजिले व्यवसायिक भवनों की सूची मांगी है जिनका नक्शा पास करते समय पार्किग दर्शाई गई है। हालांकि इन अंडर ग्राउंड पार्किग में या तो दुकानें बन गई हैं या दूसरी व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं। पुलिस इन सबके खिलाफ मुकदमा कायम कर कार्रवाई करेगी। एसएसपी ने सीओ ट्रैफिक संतोष कुमार को निर्देश दिया है कि शहर के व्यस्त इलाकों में बनी पार्किग में वाहनों को खड़ा कराना सुनिश्चित करें। शहर में जाम का एक बड़ा कारण पार्किंग की उपलब्धता न होने के चलते वाहनों का सड़क के किनारे खड़ा रहना है। इसके तहत वीडीए से ऐसे भवनों की सूची मांगी गई है जहां पर पहले से पार्किग दर्शाने पर नक्शा पास हुआ है। दरअसल पहले पुलिस को इसे लेकर मुकदमा दर्ज करने का अधिकार नहीं था लेकिन एक्ट में संशोधन के बाद इसका रास्ता खुल गया है। यही नहीं नगर निगम से भी पुलिस ने कुछ स्थानों पर डेलोनेटर लगवाने को कहा है। डेलोनेटर न होने के चलते ही नदेसर पर इन दिनों दो पहिया वाहनों को चौकाघाट का चक्कर लगा कर गुजरना होता है।
आइटीएमएस के लिए मंथनट्रैफिक व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए एसएसपी ने नए सिरे से इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमैंट सिस्टम (आइटीएमएस) पर मंथन शुरू कर दिया है। पुरातन शहर होने के नाते हर चौराहे की अपनी अलग-अलग समस्याएं है। यहां पहले से निर्धारित समय से ट्रैफिक सिग्नल काम नहीं कर सकते। ट्रैफिक लोड के हिसाब से इसे परिवर्तित करने के लिए सिपाहियों को रिमोट से बदलाव की ट्रेनिंग दी जा रही है। वहीं सिटी परमिट वाले ऑटो की संख्या आरटीओ की ओर से निर्धारित करने के बाद भी इनकी आड़ में बाहर से बड़ी संख्या में अप्पे-विक्रम शहर के भीतर तक संचालित होते हैं जबकि इनका रूट देहात क्षेत्र में है। एसएसपी ने बताया कि इस पर लगाम लगाने के लिए शहर की सीमा से लगने वाली पुलिस चौकियों के प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं। आशापुर, पांडेयपुर, गिलट बाजार, लहरतारा, नगवां और आदमपुर चौकी के प्रभारी सुनिश्चित करेंगे कि यह शहर में नहीं घुसने पाएं। ये सभी देहात के परमिट वाले होते हैं और शहर में भी डग्गामारी करते हैं।