- 18000 स्टूडेंट्स को मिलेगी शास्त्री-आचार्य की डिग्री

- आनलाइन या आफलाइन, राजभवन के निर्देश पर होगा तय

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का 38वां दीक्षा समारोह दो मार्च को होना तय हुआ है। समारोह में करीब 18000 से अधिक विद्यार्थियों को शास्त्री-आचार्य की उपाधि प्रदान की जाएगी। इसके अलावा विभिन्न विषयों के मेधावियों को पदक भी प्रदान किए जाएंगे। हालांकि समारोह आनलाइन होगा या आफलाइन होगा यह राजभवन के निर्देश पर तय किया जाएगा। वीसी प्रो। राजाराम शुक्ल की अध्यक्षता में शनिवार को वीसी कैंप कार्यालय में आयोजित कार्य परिषद की बैठक में दो मार्च को दीक्षा समारोह आयोजित करने की सर्वसम्मत से मंजूरी मिल गई।

दो लाख रुपये जमा किये

समारोह में डीलिट एवं महामहोपाध्याय की मानद उपाधि भी दी जाएगी। हालांकि विद्वान का नाम चयन करने के लिए कार्य परिषद ने वीसी को अधिकृत कर दिया। ऐसे में अब वीसी अपने स्तर पर विद्वान का नाम चयनित कर राजभवन से स्वीकृति लेंगे ताकि संबंधित विद्वान को मानद उपाधि से सम्मानित किया जा सके। कार्य परिषद ने 'पं। शंभूनाथ मिश्र स्मृति सम्मान' के अध्यादेश की भी हरी झंडी दे दी। सामाजिक विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष स्व। प्रो। शंभूनाथ मिश्र के पुत्र संतोष कुमार मिश्र उनकी स्मृति में दो लाख रुपये जमा किए हैं, ताकि उसके ब्याज से प्रतिवर्ष संस्कृत के एक विद्वान को सम्मानित किया जा सके। पुरस्कार के लिए विद्वान का नाम नामित करने के लिए कुलपति की अध्यक्षता में समिति भी गठित कर दी गई है।

समिति में वीसी द्वारा कार्य परिषद नामित दो सदस्य व उनके पुत्र या उनके द्वारा नामित सदस्य शामिल किए जाएंगे। बैठक में प्रो। हरिप्रसाद अधिकारी, प्रो। सुधाकर मिश्र, प्रो। जितेंद्र कुमार, प्रो। राजनाथ, प्रो। रमेश प्रसाद, डा। दिनेश गर्ग, डा। विद्या चंद्रा, वित्त अधिकारी अमित कुमार श्रीवास्तव, कुलसचिव राजबहादुर एवं सहायक कुलसचिव चंद्र नाथ मिश्र सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।

कपिल किशोर बने एआर

शासन ने कपिल किशोर लाल को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का सहायक कुलसचिव (एआर) नियुक्त किया है। उन्होंने शनिवार को एआर का कार्यभार भी संभाल लिया है।

Posted By: Inextlive