भेलूपुर के अशफाक नगर कॉलोनी में साड़ी फिनिशिंग व पैकिंग फैक्टी में लगी आग मरने वालों में वाराणसी के पिता-पुत्र समेत बिहार के दो मजदूर भी हैं शामिल छोटे से कमरे में चल रहा था कारखाना शार्ट सर्किट से अचानक लगी आग दरवाजे के पास ही आग लगने के कारण कमरे में मौजूद लोग निकल नहीं सके पुलिस व दमकल के पहुंचने से पहले ही आसपास के लोगों ने बुझा दी थी आग

वाराणसी (ब्यूरो)भेलूपुर की अशफाक नगर कालोनी (कच्च्छा) में चल रही साड़ी फिनिशिंग व पैकिंग फैक्ट्री में शार्ट सर्किट से लगी आग में कारखाना संचालक पिता-पुत्र समेत कुल चार लोग भून गए। मरने वालों में पिता पुत्र वाराणसी के व दो बिहार के दो मजदूर शामिल हैं। दरवाजे के सामने ही लगी आग के कारण एक कमरे में चल रही फैक्ट्री से ये लोग बाहर नहीं निकल सके। हद तो ये कि आग की जानकारी के बाद आसपास के लोगों ने आग बुझानी तो शुरू कर दी, लेकिन फायर ब्रिगेड या पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी। उन्हें घटना की जानकारी हादसे के एक घंटे बाद हो सकी और जब तक पुलिस व फायर सर्विस के लोग मौके पर पहुंचे आग बुझ चुकी थी, लेकिन अपने साथ चार जिंदगियों को भी राख कर चुकी थी। हांलाकि गली संकरी होने के कारण फायर विभाग की गाड़ी मौके तक पहुंच भी नहीं सकी।

इनकी हुई मौत

मरने वालों की शिनाख्त मदनपुरा निवासी 50 वर्षीय आरिफ जमाल, पुत्र 24 वर्षीय सफान यासिर व बिहार के अररिया के डम्हेली रामपुर मोहनपुर निवासी मुंतसिर व बिहार के ही अररिया के दयागंज निवासी एजाज के तौर पर हुई है.

चूल्हे पर तैयार हो रही थी माड़ी

बेंगलुरु में रहने वाले सेराज अहमद का अशफाक नगर की तीन फीट की संकरी गली में पुश्तैनी मकान है। मकान के 12 फीट लंबे व 10 फीट चौड़े एक कमरे में आरिफ जमाल साड़ी फिनिङ्क्षशग व पैङ्क्षकग का कारखाना चलाते थे। इसी कमरे में गैस चूल्हे पर चावल व मैदा की माड़ी (स्टार्च) बनाई जा रही थी। इस बीच अचानक बिजली के तारों में आग लग गई। उस वक्त कमरे का एक दरवाजा बंद व दूसरे दरवाजे का एक पल्ला खुला था और आरिफ के अलावा उनके पुत्र सफान तथा दो मजदूर एजाज व मुंतसिर अंदर मौजूद थे।

बाहर थे इसलिए बच गए

एजाज का फूफा शाबान नाश्ता करने बाहर गया था। नाश्ता कर जब वह लौटा तो कमरे से धुआं निकलते देख उसने आसपास के लोगों को इस बात की जानकारी दी। ङ्क्षसथेटिक साड़ी, फोम व फिनिङ्क्षशग सामग्री के चलते आग की लपटें इतनी भयावह हो चुकी थी कि कमरे में मौजूद लोग दरवाजे से बाहर नहीं निकल पाए। लोगों ने आनन फानन आसपास के मकान में लगे सबमर्सिबल पंप से पानी व पास ही मकान निर्माण के लिए रखे बालू को डालकर आग बुझाई, लेकिन तब तक चारों ङ्क्षजदा जल चुके थे।

नहीं दी पुलिस को जानकारी

कमरे में रखी सैकड़ों साडिय़ां समेत हजारों रुपये व अन्य सामान नष्ट हो गए। मकान मालिक के बड़े भाई जमील ने बताया आग दरवाजे के पास लगने के कारण सभी को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। आग बुझाने के बाद लोगों ने सबसे पहले बिजली विभाग को सूचना दी। इसके बाद पुलिस व दमकल कर्मियों को इसकी सूचना मिली। भेलूपुर थाना प्रभारी रमाकांत दुबे ने बताया कि घटना की सूचना आग बुझाने वालों ने पहले पुलिस को नहीं दी। पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

चार-चार लाख मुआवजा

इस बीच जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा समेत पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से मृतकों के परिवार वालों को चार-चार लाख की सहायता राशि दी जाएगी.

Posted By: Inextlive