सतीश फौजी को दिया था शेर-ए-सिरगोवर्धन खिताब

वाराणसी (ब्यूरो)नेताजी के निधन से मर्माहत पूर्व जिलाध्यक्ष सतीश फौजी बताते हैं कि नेताजी के निधन का समाचार मिलते ही पूरे सीर इलाके में शोक का माहौल है। अधिकतर घरों में चूल्हा नहीं जला है। वह बताते हैं कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती का सिर गोवर्धन के रास्ते संत रविदास मंदिर जाने का प्रोग्राम था। इसका विरोध मैंने ही किया था। विरोध करने के कारण मुझे जेल में डाल दिया गया और मेरे ऊपर रासुका लगा दी थी। मैं 18 महीने जेल में था। जेल से बाहर आने पर नेताजी वाराणसी आए थे। उन्होंने मुझे शेर-ए-सिरगोवर्धन खिताब दिया और मेरे नाम के आगे फौजी शब्द लगाया था। तभी से मेरा ना सतीश फौजी है.

बनारस के शिव को बनाया राजवैद्य

20 दिसंबर, 2018 को मुलायम सिंह यादव अपने पारिवारिक वैद्य स्व। पंडित शिवकुमार शास्त्री की तेरहवीं में शामिल होने के लिए वाराणसी आए थे। बुलानाला के सुडिय़ा स्थित सुविख्यात राजवैद्य पंडित शिवकुमार शास्त्री के घर गए थे। पंडित शिवकुमार शास्त्री के चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उनके पुत्र राजकुमार शास्त्री, नंदा शास्त्री और समीर शास्त्री समेत परिवार के अन्य लोगों से बातचीत की थी। कहा था कि राजवैद्य से जुड़ी यादें और उनकी फोटो कलेक्ट कर उसे लेकर लखनऊ ले आए। वैद्य जी को लोहिया और जय प्रकाश नारायण के फोटो के पास स्थान दिया था.

रामनगर पुल का किया था शिलान्यास

30 जून, 1994 को मुलायम सिंह यादव ने वाराणसी और मिर्जापुर से अलग करके भदोही नया जिला बनाया था। भदोही जिला 30 जून, 1994 को बनाया गया था। भदोही जिला 30 जून, 1994 को बनाया गया था। साल 2006 में मुलायम सिंह यादव अपने मुख्यमंत्री काल में रामनगर-सामनेघाट पुल का शिलान्यास किया था। 2014 के लोक सभा चुनाव में उन्होंने वाराणसी में रैली की थी। 2003 में बेनियाबाग मैदान में राजनारायण जी की प्रतिमा का अनावरण किया था। 1990 में बेनियाबाग की रैली में लाखों लोगों की सभा को संबोधित किए थे.

Posted By: Inextlive